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प्रेरित के अधिकार अर कर्तव्य
1 जो मै चाहूँ सूं, वो सब कुछ करण खात्तर मै आजाद सूं, मै प्रेरित सूं। मन्नै म्हारे प्रभु यीशु ताहीं देख्या सै, थम प्रभु म्ह मेरी मेहनत का ईनाम सों।
2 जै दुसरे माणस या न्ही मानते के मै प्रभु यीशु का प्रेरित सूं, तो भाईयो थमनै बिश्वास करणा होगा, क्यूँके मै वो सूं, जो थारे धोरै सुसमाचार लेकै आया। थारा प्रभु यीशु मसीह म्ह बिश्वास यो बतावै सै के मै प्रेरित सूं।
3 जो माणस मेरे प्रेरित होण पै शक करै सै, उनकै खात्तर योए मेरा जवाब सै।
4 बरनबास अर मेरे खात्तर, प्रेरित होण कै कारण म्हारे ताहीं यो हक सै, के हम अपणे काम कै खात्तर थारे तै आर्थिक मदद ले सका सां।
5 के हमनै यो हक कोनी, के किसे मसीह भाण कै गेल्या ब्याह करकै उस ताहीं अपणे गैल सफर म्ह लेकै जावां, जिसा दुसरे प्रेरित अर प्रभु का भाई याकूब, यहूदा अर पतरस करै सै।
6 मेरै अर बरनबास कै धोरै भी यो हक सै, के हम और प्रेरितां के स्याम्ही आर्थिक मदद हासिल करां अर म्हारे ताहीं जीण खात्तर कोए काम करण की जरूरत कोनी।
7 कौण सा फौज्जी अपणे खर्च तै जंग लड़ै सै? कौण अंगूर का बाग लगाकै उसका फळ न्ही खान्दा? कौण भेड्डां की रुखाळी करकै उनका दूध कोनी पीन्दा?
8-9 मै इन बात्तां नै सिर्फ माणस होण के नाते कोनी कहन्दा। मूसा नबी के नियम-कायदे भी योए कहवै सै, क्यूँके मूसा नबी के नियम-कायदे म्ह लिख्या सै, “नाज लिकाड़ते बखत चाल्दे होए बळध का मुँह ना बाँधियो।” के परमेसवर बळ्धां की ए फिक्र करै सै?
10 यो खास करकै म्हारे खात्तर कह्या गया सै, हाँ, म्हारे खात्तर ए लिख्या गया सै, क्यूँके यो जरूरी सै, के खेत बाहण आळा अर खलिहाण म्ह, भूसी तै नाज अलग करण आळा फसल का कुछ हिस्सा पाण खात्तर तो आस राक्खै ए गा।
11 हमनै परमेसवर के सुसमाचार का प्रचार थारे बीच म्ह करया। उस माणस की ढळ जो पौधे लगावै सै, हमनै थारे भित्तर परमेसवर के सन्देस ताहीं लगाया सै। इस करकै यो म्हारा हक सै, के म्हारी आर्थिक जरूरतां कै खात्तर हम थारी मदद हासिल करां।
12 थमनै दुसरे माणसां की भी आर्थिक मदद करी, जिननै थारे ताहीं सुसमाचार सुणाया था, बरनबास अर मै उनतै भी ज्यादा आर्थिक मदद पाण का हक राक्खां सां, हालाकि, म्हारे म्ह तै किसे नै भी जोर कोनी दिया के थम उन चिज्जां नै द्यो जिनकी हमनै जरूरत सै। बल्के हम सब कुछ सहण खात्तर तैयार सां, ताके हम किसे ताहीं भी मसीह के बारें म्ह सुसमाचार पै बिश्वास करण म्ह अडचन पैदा ना करा।
13 के थमनै न्ही बेरा के जो मन्दर म्ह काम करण आळे सै, वे मन्दर म्ह तै खाणा खावैं सै? पर जो वेदी पै बलि चढ़ावै सै वे बलिदानां का हिस्सा लेवै सै?
14 इस्से तरियां तै प्रभु नै भी ठहराया के जो माणस सुसमाचार सुणावै सै, उनकी जिन्दगी का गुजारा उन माणसां तै होणा चाहिए जो सुसमाचार सुणै सै।
15 पर मन्नै इन म्ह तै किसे भी अधिकार का इस्तमाल कोनी करया, अर ना ए मै इस मकसद तै लिखूँ सूं, के मेरै खात्तर इसा कुछ करया जावै। बजाये इसकै, के कोए मन्नै, मेरी इस बात के गर्व तै अलग करै। इसतै आच्छा मै मर जाणा समझूगाँ।
16 जै मै सुसमाचार सुणाऊँ, तो इस म्ह मन्नै गर्व करण का कोए हक कोनी। या तो मेरै ताहीं सौप्पी गई जिम्मेदारी सै। जै मै सुसमाचार न्ही सुणाऊँ, तो मेरै पै धिक्कार सै!
17 जै मै यो काम करुँ सूं, जो मन्नै अपणी मर्जी तै चुण्या सै, तो मेरे ताहीं एक ईनाम मिलैगा, अर जै या मेरी अपणी मर्जी कोनी, पर एक जिम्मेदारी सै, जो मेरे ताहीं परमेसवर की ओड़ तै मिली सै, तो मै किसे भी ईनाम की उम्मीद न्ही कर सकता।
18 तो मेरी कौण सी मजदूरी सै? या मेरी खुशी सै, के बिना भुगताण के मै सुसमाचार का प्रचार करण लागरया सूं, मेरै धोरै खर्चा मांग्गण का भी हक सै।
19 इसका मतलब यो कोनी के मै माणसां का कहणा मान्नु, भलाए वे लोग मेरी आर्थिक मदद करै सै, पर मै इसकै खात्तर मजबूर कोनी, फेर भी मै हरेक किसे का दास बणग्या सूं, ताके उन ताहीं मसीह कै धोरै ल्या सकूँ।
20 जिब मै यहूदी नियम-कायदा नै मानण आळा था, तो मै भी उन नियम-कायदा के अधीन था, मै यहूदी माणसां कै खात्तर यहूदी बण्या, ताके यहूदी माणसां नै परमेसवर कै धोरै ले आऊँ। भलाए मेरे ताहीं नियम-कायदे मानण की जरूरत कोनी, फेर भी मन्नै इसा करया, ताके मै उन ताहीं मसीह कै धोरै ल्या सकूँ जो नियम-कायदा के अधीन सै।
21 इस्से तरियां जिब मै गैर यहूदी माणसां कै गैल काम करुँ सूं, तो मै एक गैर यहूदी की तरियां रहूँ सूं, जो यहूदी नियम-कायदा नै कोनी मानते, ताके मै उन ताहीं मसीह खात्तर जीत सकूँ। पर मन्नै बेरा था के मै परमेसवर के नियम-कायदा के बिना न्ही रहूँ था, क्यूँके मै मसीह के नियम-कायदा के अधीन सूं।
22 जिब मै उन माणसां के गैल सूं जिनका बिश्वास कमजोर सै, तो मै उनकी तरियां बरताव करुँ सूं, ताके मेरी कोशिश के जरिये कुछ माणसां का उद्धार हो जावै।
23 मै यो सब कुछ सुसमाचार कै खात्तर करुँ सूं ताके उन आशीषां का हिस्सेदार बण सकूँ जिनका वादा सुसमाचार म्ह करया गया सै।
मसीह दौड़
24 के थमनै न्ही बेरा के दौड़ म्ह तो भाज्जै सारे ए सै, पर ईनाम एक ए ले जावै सै? इस्से तरियां, हम सब नै वो करणा चाहिए जो हम परमेसवर ताहीं खुश करण कै खात्तर कर सका सां ताके हम उस ईनाम नै पा सका जो परमेसवर आण आळे बखत म्ह देवैगा।
25 हरेक खिलाड़ी जो प्रतियोगिता म्ह भाग लेवै सै, कठोर संयम का पालन करै सै। वे तो एक (नाशवान) नाश होण आळे मुकुट नै पाण कै मकसद तै यो सब करै सै, पर हम यो सब कुछ (अविनाशी) नाश ना होण आळे मुकुट नै पाण खात्तर करां सां।
26 इस करकै जिसा दौड़ण आळा अपणे मकसद कै गैल दौड़ै सै, अर जिस तरियां मुक्केबाज अपणे मुक्कयां नै अपणे अधीन राक्खै सै, उस्से तरियां मै भी अपणी मसीह जिन्दगी नै एक मकसद कै गैल जीण लागरया सूं।
27 मै अपणी देह नै मसीह के अधीन राक्खूँ सूं, ताके मै अपणी बुरी इच्छा नै पूरी ना करुँ, मै जो दुसरे माणसां खात्तर सुसमाचार का प्रचार करण लाग रह्या सूं, अर मै खुद ईनाम कै खात्तर अयोग्य करार हो जाऊँ।