फिलिप्पी नगर के माणसां ताहीं प्रेरित पौलुस की चिट्ठी
जानकारी
फिलिप्पी नगर के माणसां ताहीं प्रेरित पौलुस की चिट्ठी यूरोप की धरती पै बणाई पैहली कलीसिया ताहीं लिखी गई थी, जिसकी शरुआत पौलुस नै करी थी। या रोमी प्रान्त के मकिदुनिया परदेस म्ह थी। या चिट्ठी उस बखत लिखी गई थी, जिब प्रेरित पौलुस जेळ म्ह था, अर जिब वो दुसरे मसीह कार्यकर्ताओं के जरिये अपणे बिरोध के कारण परेशान अर फिलिप्पी की कलीसिया म्ह घणी गलत शिक्षा तै दुखी था। फेर भी या चिट्ठी एक खुशी अर तसल्ली नै दिखावै सै, के सिर्फ यीशु मसीह म्ह पौलुस के गहरे बिश्वास के जरिये समझया जा सकै सै।
इस चिट्ठी का जिब्बे लिखण का कारण यो था, फिलिप्पियों के बिश्वासियाँ ताहीं धन्यवाद देणा, उस दान खात्तर जो उननै पौलुस की जरूरत के बखत पै उस ताहीं भेज्जा था। वो इस मौक्कै का इस्तमाल उन ताहीं भरोस्सा देण खात्तर करै सै, के वे उसकी अर साथ-साथ खुद अपणी सारी मुसीबतां के बाद भी हिम्मत अर भरोस्सा राक्खै सै। वो उनतै बिनती करै सै, के वे स्वार्थी लालसा अर घमण्ड के बदले यीशु के दीन सुभाव नै अपणावै। वो उननै याद करावै सै, के मसीह म्ह उनका जीवन परमेसवर के अनुग्रह का एक दान सै, जो उननै बिश्वास के जरिये पाया सै, ना के यहूदी नियम-कायदा ताहीं पुगाण के जरिये। वो उस आनन्द अर शान्ति के बारै म्ह लिखै सै, जो परमेसवर उन माणसां ताहीं देवै सै, जो मसीह कै गेल्या एकता का जीवन जीवै सै। मसीह बिश्वास अर जीवन म्ह आनन्द, निश्चय, एकता अर मजबुत्ती पै जोर देणा इस चिट्ठी की खासियत सै। या चिट्ठी फिलिप्पी नगर की कलीसिया के प्रति पौलुस के गहरे प्रेम नै दिखावै सै।
रूप-रेखा
जानकारी 1:1-11
पौलुस की निजी हालात 1:12-23
मसीह म्ह जीवन 1:27-2:18
तीमुथियुस अर इपफ्रुदीतुस कै खात्तर योजना 2:19-30
दुश्मनां अर खतरां के खिलाफ चेतावनी 3:1-4:9
पौलुस अर उसके फिलिप्पी नगर के मित्तर 4:10-20
समापन 4:21-23
1
1 या चिट्ठी पौलुस अर तीमुथियुस की ओड़ तै सै, जो यीशु मसीह के दास सै, मै पौलुस कलीसिया के सारे पवित्र माणसां, अगुवां, अर सेवकां के नाम जो प्रभु यीशु मसीह म्ह होकै फिलिप्पी नगर म्ह रहवै सै।
2 हम प्रार्थना करां सां के म्हारै पिता परमेसवर अर प्रभु यीशु मसीह की ओड़ तै थारे ताहीं अनुग्रह अर शान्ति मिल्दी रहवै।
पौलुस की प्रार्थना अर धन्यवाद
3 मै जिब-जिब थमनै याद करुँ सूं, तब-तब अपणे परमेसवर का धन्यवाद करुँ सूं,
4 अर खुशी कै गैल अपणी हरेक प्रार्थना म्ह थारे सारया खात्तर हमेशा परमेसवर तै मदद की बिनती करुँ सूं।
5 इस करकै के पैहले दिन तै जिब थमनै सुसमाचार पै बिश्वास करया, तब तै आज तक थम यीशु मसीह कै प्यार के बारें म्ह सुसमाचार फैलाण म्ह म्हारे साथ रह्ये सों।
6 मन्नै इस बात का भरोस्सा सै, के परमेसवर जिसनै थारे म्ह आच्छा काम शरु करया सै, वोए उसनै जिब यीशु मसीह बोहड़ के आवैगा तब तक पूरा करैगा।
7 सही सै ताके मै थारे सारया खात्तर इसाए विचार करुँ। क्यूँके थारे खात्तर मेरै मन म्ह खास जगहां सै, इब मै कैद म्ह सूं, अर सुसमाचार की सच्चाई नै साबित अर बचाव करण म्ह लागरया सूं, तो थम सब मेरै गैल परमेसवर के अनुग्रह म्ह साझीदार सों।
8 इस म्ह परमेसवर मेरा गवाह सै, के मै मसीह यीशु की तरियां लगाव करकै, थारे सारया की मिलण की लालसा करुँ सूं।
9 मै या प्रार्थना करुँ सूं, कै थारा प्यार वास्तविक ज्ञान अर अन्तरात्मा म्ह और भी बढ़ता जावै।
10 ताके थम आच्छी तै आच्छी बात नै चुण सकों, अर मसीह कै बोहड़ण तक हरेक बुराई तै बचे रहों, अर ठोक्कर ना खाओ।
11 अर उस धार्मिकता के काम नै जो यीशु मसीह कै जरिये होवै सै, भरपूर होन्दे जाओ जिसतै परमेसवर की महिमा अर बड़ाई होंदी रहवै।
पौलुस की कैद तै सुसमाचार की तरक्की
12 हे बिश्वासी भाईयो, मै चाहूँ सूं के थम यो जाण ल्यो, के जो मेरै पै बित्या सै, उसतै भोत सारे माणसां नै सुसमाचार पै बिश्वास करया सै।
13 उरै ताहीं के महाराजा के राजभवन की सारी पलटन अर बाकी सारे माणस यो जाणगे सै, के मै कैद म्ह सूं, क्यूँके मै मसीह का दास सूं।
14 अर प्रभु म्ह जो बिश्वासी भाई सै, उन म्ह तै घणखरे मेरै कैद होण कै कारण, साहस कै गैल परमेसवर का वचन बिना डरे सुणावै सै।
15 कुछ लोग तो जळण अर झगड़े कै कारण मसीह के सुसमाचार के बारें म्ह सुणावै सै, अर कई माणस भली इच्छा तै, ताके मेरे वचन फैलाण म्ह मदद कर सकै।
16 भली इच्छा तै प्रचार करण आळे प्यार तै प्रचार करै सै, क्यूँके वो जाणै सै, के मै सुसमाचार के बचाव कै खात्तर जेळ म्ह बन्द सूं।
17 कई माणस तो जळण अर बिरोध के कारण मसीह का प्रचार करै सै, यो सोचकै के मेरी कैद म्ह मेरै खात्तर और क्ळेश पैदा कर सकै।
18 तो के होया? सिर्फ यो के हर ढाळ तै, बुरी इच्छा तै चाहे सच्चाई तै, मसीह के वचन का प्रचार हरेक जगहां करया जाण लागरया सै, अर मै इसतै आनन्दित सूं अर आनन्दित रहूँगा भी।
जिन्दा रहणा मसीह सै
19 क्यूँके मै जाणु सूं, के थारी बिनती कै जरिये, अर पवित्र आत्मा जो यीशु मसीह की ओड़ तै आया सै, इसका प्रतिफळ जो मेरे बिश्वास म्ह बणे रहण अर कैद तै लिकड़ण का कारण होगा।
20 मै तो याए मन तै लालसा अर आस राक्खूँ सूं, के मै किसे बात म्ह शर्मिन्दा ना होऊँ, पर साहस कै साथ परमेसवर का वचन सुणा सकूँ, जिसा पैहले मन्नै सुण्या था, चाहे मै जिन्दा रहूँ या मरु, मसीह की बड़ाई मेरी देह के जरिये होन्दी रहवै।
21 क्यूँके मेरै खात्तर जिन्दा रहणा मसीह सै, अर मर जाणा और भी आच्छा सै, क्यूँके मै मसीह कै धोरै चला जाऊँगा।
22 पर जै देह तै जिन्दा रहणा ए परमेसवर के काम कै खात्तर फायदेमन्द सै, तो मै न्ही जाणदा के किसनै चुणु।
23 क्यूँके मै उळझन म्ह सूं, के मै के करुँ, जी तो करै सै, के मै दुनिया छोड़कै मसीह कै धोरै चला जाऊँ, क्यूँके यो घणाए आच्छा सै,
24 पर देह म्ह रहणा थारे कारण और भी जरूरी सै, ताके मै थारी मदद कर सकूँ।
25 इस करकै के मन्नै इसका भरोस्सा सै। मै जाणु सूं के मै जिन्दा रहूँगा, बल्के सारा कै गेल्या रहूँगा, जिसतै थमनै बिश्वास म्ह मजबूत कर सकूँ, अर उस म्ह आनन्दित रहों।
26 जिब मै थारे धोरै बोहड़ के आऊँगा तो यीशु मसीह जो मेरे जरिये काम करण लागरया सै, उसपै थम गर्व कर सकों सों।
27 सिर्फ इतणा करो, के थारा चाल चलण मसीह कै सुसमाचार कै लायक हो जावै। चाहे मै आकै थमनै देक्खूँ, चाहे ना भी आऊँ, तोभी थारे बारें म्ह योए सुणु, कै थारा एक ए मकसद हो, अर एक मन होकै बिश्वास तै जो सुसमाचार तै आवै सै, उसकै खात्तर मेहनत करते रहों।
28 अर किसे बात म्ह बिरोधियाँ तै भय ना खाओ। उनकै खात्तर विनाश का, अर थारे खात्तर उद्धार का साफ सबूत सै, अर यो परमेसवर की ओड़ तै सै।
29 क्यूँके मसीह कै कारण थारे पै या अनुग्रह होया के ना केवल उसपै बिश्वास करो पर उसकै खात्तर दुख भी ठाओ,
30 अर थमनै उसीए मेहनत परमेसवर कै खात्तर करणी सै, जिसी थमनै मेरै ताहीं पैहले फिलीपी नगर म्ह करते देख्या सै, अर इब भी सुणो सों के मै उसाए करुँ सूं।