45
ओ परमेश्‍वर, क्हिए ग्याल्स खोंयोंन् बिलै तरिम्
क्वे प्रिंब्मैंए चिबए लागिर, लिलि ट बिबै भाकार प्रिंबै कोराए च्हमैंए मस्किल* घ्रि, म्हाँया क्वे घ्रि।
छ्याँबै ताँमैंइ प्लिंसि ङए सैं बेल्‍ले तोंइमुँ;
म्रुँए ल्हागिर ङइ प्ह्रिबै कबिता ङ बिमुँ;
ङए ले छेनाले प्ह्रिल् ह्रबै म्हिए कलम धों तइमुँ।
 
मुँयुमैंए न्होंर क्हि बेल्‍ले छ्याँब मुँ;
क्हि पोंबरै बेल्‍ले ह्रब मुँ;
तलेबिस्याँ परमेश्‍वरजी खोंयोंन् बिलै क्हिए फिर आशिक पिंरिम्।
ओ थेब शक्‍ति मुँबै म्रुँ, क्हिए थेबै मिंए मान नेरो क्हिए थेबै केमैं उँइँबै ल्हागिर
ह्रोंसए क्रेर सेलाँ खिद्।
 
क्ह्रोंसेंन्बै ताँ पोंल् त्हुम्, करल् त्हुम् ठिक निसाफ लल् त्हुम् बिदै
ह्रोंसए शक्तिर ट्होदै ह्‍याद्।
क्हिए क्योलो योजी औदिबै केमैं लमुँ!
क्हिए म्ह्रुछु तबै मेइ
म्रुँए शत्तुरमैंए तिंर म्‍लेवारिगे;
अरू ह्रेंमैं क्हिए प्हलेर्न कुरखरिगे।
 
ओ परमेश्‍वर, क्हिए ग्याल्स खोंयोंन् बिलै तरिम्।
ठिक केमैं लसि ह्रोंसए म्हिमैंए फिर क्हिजी ग्याल्स लम्;
ठिक केमैं लब क्हिजी खोमुँ, आछ्याँबै केमैं बिस्याँ क्हिजी आखो।
छतसि परमेश्‍वर, क्हिए परमेश्‍वरजी क्हिए थुमैंलाइ भन्दा
क्हिलाइ ल्हें आशिक पिंसि क्हिए सैं तोंन् लमिंइमुँ;
क्हिए ताँन् क्वेंमैंर मूर्र, एलवा नेरो लेबोए लिंब थाँ खम्।
हात्तिए समैंइ सजेबै दरबारउँइँले त्होंबै गिटार-सारङ्गींमैंए छ्याँब कैइ क्हिए सैं तोंन् लम्;
क्हिउँइँले मान योंबै च्हमिरिमैं न्होंर म्रुँमैंए च्हमिमैं या मुँ;
क्हिए क्योलोउँइ ओपीरर्बै माराए घानइ पैरिदिबै म्रुँस्यो राइमुँ।
 
10 ओ च्हमि छेनाले थेद्,
क्हिए म्हिमैं नेरो क्हिए आबाए धिं म्‍लेवाद्।
11 छ लइ बिस्याँ क्हि छ्याँब् म्रोंसि म्रुँ सैं तोंब्मुँ।
खीलाइ म्हाँदिद्, तलेबिस्याँ खी क्हिए क्ल्हे ग।
12 टुरोसर्बै म्रुँए च्हमि क्होल्सै किंसि खब्मुँ,
प्लबै म्हिमैंइ क्हिनेन् आशा थेंब्मुँ।
13 म्रुँए च्हमि ह्रोंसए कोठार टिमा कति छ्याँब मुँ!
चए क्वेंरै या माराइन बुट्टा प्रिंइमुँ।
14 छले बेल्‍ले छ्याँबै क्वें खिसि चलाइ म्रुँ ङाँर सनेब्मुँ,
चए थुमैं या चए लिलिन् खब्मुँ।
15 निस्यो-स्योइ सैं तोंदै चमैं खमुँ,
धै चमैं म्रुँए दरबार न्होंर होंम्।
 
16 क्हिए खेमैं म्रुँ तब् धोंले क्हिए सन्तानमैं या म्रुँ तब्मुँ;
क्हिजी चमैंलाइ ताँन् ह्‍युलए फिर क्ल्हे तल् पिंब्मुँ।
17 लिउँइँबै पुस्त-पुस्त समा क्हिए मिं मैंरिब लमिंब्मुँ;
छतसि अरू ह्रेंमैंइ खोंयोंन् बिलै क्हिए मिं थेब् लब्मुँ।
* 45: मस्किलए मतलब पक्‍का था आरे, दिलेया ज्ञान बुद्धि पिंबै क्वे मुँलै। 45:7 हिब्रू १:८-९