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दर्शन में यहोवा का वेदी के सहारे खड़ा होना 
 
1 मैंने अपने स्वामी को दर्शन के सामने खड़ा देखा। उसने कहा,  
   
 
“स्तम्भों के सिरे पर प्रहार करो, और पूरी इमारत की देहली तक काँप उठेगी।  
स्तम्भों को लोगों के सिर पर गिराओ।  
यदि कोई जीवित बचेगा, सो उसे तलवार से मारो।  
कोई व्यक्ति भाग सकता है, किन्तु वह बच नहीं सकेगा।  
लोगों में से कोई भी व्यक्ति बचकर नहीं निकलेगा।   
2 यदि वे नीचे पाताल में खोदकर जाएंगे,  
मैं उन्हें वहाँ से खीच लूँगा।  
यदि वे ऊपर आकाश में जाएंगे  
मैं उन्हें वहाँ से नीचे लाऊँगा।   
3 यदि वे कर्म्मेल पर्वत की चोटी पर जा छिपेंगे,  
मैं उन्हें वहाँ खोज लूँगा और मैं उन्हें उस स्थान से ले आऊँगा।  
यदि वे मुझसे, समुद्र के तल में छिपना चाहते हैं,  
मैं सर्प को आदेश दूँगा और वह उन्हें डस लेगा।   
4 यदि वे पकड़े जाएंगे और अपने शत्रु द्वारा ले जाए जाएंगे,  
मैं तलवार को आदेश दूँगा  
और वह उन्हें वहीं मारेगी।  
हाँ, मैं उन पर कड़ी निगाह रखूँगा किन्तु  
मैं उन्हें कष्ट देने के तरीकों पर निगाह रखूँगा।  
उनके लिये अच्छे काम करने के तरीकों पर नहीं।”   
देश के लोगों को दण्ड नष्ट करेगा 
 
5 मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा, उस प्रदेश को छुएगा  
और वह पिघल जाएगा  
तब उस देश के सभी निवासी मृतको के लिये रोएंगे।  
यह प्रदेश मिस्र की नील नदी की तरह ऊपर उठेगा  
और नीचे गिरेगा।   
6 यहोवा ने अपने ऊपर के निवास आकाश के ऊपर बनाए।  
उसने अपने आकाश को पृथ्वी पर रखा।  
वह सागर के जल को बुला लेता है, और देश पर उसकी वर्षा करता है।  
उसका नाम यहोवा है।   
यहोवा इस्राएल को नष्ट करने का प्रतिज्ञा करता है 
 
7 यहोवा यह कहता है:  
   
 
“इस्राएल, तुम मेरे लिये कूशियों की तरह हो।  
मैं इस्राएल को मिस्र से निकाल कर लाया।  
मैं पलिश्तियों को भी कप्तोर से लाया और अरामियों को कीर से।”   
8 मेरे स्वामी यहोवा पापपूर्ण राज्य (इस्राएल) पर दृष्टि रखा है।  
यहोवा यह कहता है,  
“मैं पृथ्वी पर से इस्राएल को नष्ट कर दूँगा।  
किन्तु मैं याकूब के परिवार को पूरी तरह नष्ट नहीं करूँगा।   
9 मैं इस्राएल के घराने को तितर—बितर करके  
अन्य राष्ट्रों में बिखेर देने का आदेश देता हूँ।  
यह उसी प्रकार होगा जैसे कोई व्यक्ति अनाज को छनने से छन देता हो।  
अच्छा आटा उससे निकल जाता है, किन्तु बुरे अंश फँस जाते हैं।  
याकूब के परिवार के साथ ऐसा ही होगा।   
   
 
10 “मेरे लोगों के बीच पापी कहते हैं,  
‘हम लोगों के साथ कुछ भी बुरा घटित नहीं होगा!’  
किन्तु वे सभी लोग तलवार से मार दिये जाएँगे।”   
परमेश्वर राज्य की पुनस्थापना की प्रतिज्ञा करता है 
 
11 “दाऊद का डेरा गिर गया है,  
किन्तु उस समय इस डेरे को मैं फिर खड़ा करूँगा।  
मैं दीवारों के छेदों को भर दूँगा।  
मैं नष्ट इमारतों को फिर से बनाऊँगा।  
मैं इसे ऐसा बनाऊँगा जैसा यह पहले था।   
12 फिर वे एदोम में जो लोग बच गये हैं,  
उन्हें और उन जातियों को  
जो मेरे नाम से जानी जाती है, ले जायेंगे।”  
यहोवा ने वे बातें कहीं, और वे उन्हें घटित करायेगा।   
13 यहोवा कहता है, “वह समय आ रहा है, जब हर प्रकार का भोजन बहुतायत में होगा।  
अभी लोग पूरी तरह फसल काट भी नहीं पाये होंगे  
कि जुताई का समय आ जायेगा।  
लोग अभी अंगूरों का रस निकाल ही रहे होंगे  
कि अंगूरों की रूपाई का समय फिर आ पहुँचेगा।  
पर्वतों से दाखमधु की धार बहेगी  
और वह पहाड़ियों से बरसेगी।   
14 मैं अपने लोगों इस्राएलियों को  
देश निकाले से वापस लाऊँगा।  
वे नष्ट हुए नगरों को फिर से बनाएंगे  
और उन नगरों में रहेंगे।  
वे अंगूर की बेलों के बाग लगाएंगे  
और वे उन बागों से प्राप्त दाखमधु पीएंगे।  
वे बाग लगाएंगे  
और वे उन बागों के फलों को खाएंगे।   
15 मैं अपने लोगों को उनकी भूमी पर जमाऊँगा  
और वे पुन: उस देश से उखाड़े नहीं जाएंगे जिसे मैंने उन्हें दिया है।”  
यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने ये बाते कहीं।