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व्यवस्था यरूशलेम से आयेगी 
 
1 आगे आने वाले समय में यह घटना घटेगी यहोवा के मन्दिर का पर्वत  
सभी पर्वतों में अत्यन्त ही महत्वपूर्ण हो जायेगा।  
उसे पहाड़ों के ऊपर उठा दिया जायेगा।  
दूसरे देशों के लोग इसकी ओर उमड़ पड़ेंगे।   
2 अनेक जातियाँ यहाँ आ कर कहेंगी,  
“आओ! चलो, यहोवा के पहाड़ के ऊपर चलें।  
याकूब के परमेश्वर के मन्दिर चलें।  
फिर परमेश्वर हमको अपनी राह सिखायेगा  
और फिर हम उसके पथ में बढ़ते चले जायेंगे।”  
   
 
क्यों क्योंकि परमेश्वर की शिक्षाएँ सिय्योन से आयेंगी  
और यहोवा का वचन यरूशलेम से आयेगा।   
3 परमेश्वर बहुत सी जातियों का न्याय करेगा।  
परमेश्वर उन सशक्त देशों के फैसले करेगा,  
जो बहुत—बहुत दूर हैं और फिर वे देश अपनी तलवारें गलाकर  
और पीटकर हल की फाली में बदल लेंगे।  
वे देश अपने भालो को पीटकर ऐसे औजारों मे बदल लेंगे, जिनसे पेड़ों की कांट—छाँट हुआ करती है।  
देश तलवारें उठाकर आपस में नहीं लड़ेंगे।  
अब वे युद्ध की विद्याएँ और अधिक नहीं सीखेंगे।   
4 किन्तु हर कोई अपने अंगूरों की बेलों तले  
और अंजीर के पेड़ के नीचे बैठा करेगा।  
कोई भी व्यक्ति उन्हें डरा नहीं पायेगा!  
क्यों क्योंकि सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह कहा है!   
5 दूसरे देशों के सभी लोग अपने देवताओं का अनुसरण करते हैं।  
किन्तु हम अपने परमेश्वर यहोवा के नाम में सदा—सर्वदा जिया करेंगे!   
वह राज्य जिसे वापस लाना है 
 
6 होवा कहता है,  
“यरूशलेम पर प्रहार हुआ और वह लंगड़ा हो गया।  
यरूशलेम को फेंक दिया गया था।  
यरूशलेम को हानि पहुँचाई गई और उसको दण्ड दिया।  
किन्तु मैं उसको फिर अपने पास वापस ले आऊँगा।   
   
 
7 “उस ‘ध्वस्त’ नगरी के लोग विशेष वंश होंगे।  
उस नगर के लोगों को छोड़कर भाग जाने को  
विवश किया गया था।  
किन्तु मैं उनको एक सुदृढ़ जाति के रूप में बनाऊँगा।”  
यहोवा उनका राजा होगा  
और वह सिय्योन के पहाड़ पर से सदा शासन करेगा।   
8 हे रेवड़ के मीनार,  
हे ओपेल, सिय्योन की पहाड़ी!  
जैसा पहले राज्य हुआ करता था,  
तू वैसा ही राज्य बनेगी।  
हाँ, हे सिय्योन की पुत्री!  
वह राज्य तेरे पास आयेगा।   
इस्राएलियों को बाबुल के पास निश्चय ही क्यों जाना चाहिए 
 
9 अब तुम क्यों इतने ऊँचे स्वर में पुकार रहे हो?  
क्या तुम्हारा राजा जाता रहा है?  
क्या तुमने अपना मुखिया खो दिया है?  
तुम ऐसे तड़प रहे हो जैसे कोई स्त्री प्रसव के काल में तड़पती है।   
10 सिय्योन की पुत्री, तू पीड़ा को झेल।  
तू उस स्त्री जैसी हो जो प्रसव की घड़ी में बिलखती है।  
क्योंकि अब तुझको नगर (यरूशलेम) त्यागना है।  
तुझको खुले मैदान में रहना है।  
तुझे बाबुल जाना पड़ेगा  
किन्तु उस स्थान से तेरी रक्षा हो जायेगी।  
यहोवा वहाँ जायेगा  
और वह तुझको तेरे शत्रुओं से वापस ले आयेगा।   
दूसरी जातियों को यहोवा नष्ट करेगा 
 
11 तुझसे लड़ने के लिये अनेक जातियाँ आयीं।  
वे कहती हैं, “सिय्योन को देखो!  
उस पर हमला करो!”   
   
 
12 लोगों की उनकी अपनी योजनाएँ हैं  
किन्तु उन्हें ऐसी उन बातों का पता नहीं जिनके विषय में यहोवा योजना बना रहा है।  
यहोवा उन लोगों को किसी विशेष प्रयोजन के लिये यहाँ लाया।  
वे लोग वैसे कुचल दिये जायेंगे जैसे खलिहान में अनाज की पूलियाँ कुचली जाती हैं।   
इस्राएल अपने शत्रुओं को पराजित कर विजयी होगा 
 
13 हे सिय्योन की पुत्री, खड़ी हो और तू उन लोगों को कुचल दे!  
मैं तुम्हें बहुत शक्तिशाली बनाऊँगा।  
तू ऐसी होगी जैसे तेरे लोहे के सींग हो।  
तू ऐसी होगी जैसे तेरे काँसे के खुर हो।  
तू मार—मार कर बहुत सारे लोगों की धज्जियाँ उड़ा देगी।  
“तू उनके धन को यहोवा को अर्पित करेगी।  
तू उनके खजाने, सारी धरती के यहोवा को अर्पित करेगी।”