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दाऊद का एक स्तुति गीत। 
 
1 यहोवा ने मेरे स्वामी से कहा,  
“तू मेरे दाहिने बैठ जा, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे पाँव की चौकी नहीं कर दूँ।”   
   
 
2 तेरे राज्य के विकास में यहोवा सहारा देगा। तेरे राज्य का आरम्भ सिय्योन पर होगा,  
और उसका विकास तब तक होता रहेगा, जब तक तू अपने शत्रुओं पर उनके अपने ही देश में राज करेगा।   
3 तेरे पराक्रम के दिन तेरी प्रजा के लोग स्वेच्छा वलि बनेंगे।  
तेरे जवान पवित्रता से सुशोभित  
भोर के गर्भ से जन्मी  
ओस के समान तेरे पास है।   
   
 
4 यहोवा ने एक वचन दिया, और यहोवा अपना मन नहीं बदलेगा: “तू नित्य याजक है।  
किन्तु हारून के परिवार समूह से नहीं।  
तेरी याजकी भिन्न है।  
तू मेल्कीसेदेक के समूह की रीति का याजक है।”   
   
 
5 मेरे स्वामी, तूने उस दिन अपना क्रोध प्रकट किया था।  
अपने महाशक्ति को काम में लिया था और दूसरे राजाओं को तूने हरा दिया था।   
6 परमेश्वर राष्ट्रों का न्याय करेगा।  
परमेश्वर ने उस महान धरती पर शत्रुओं को हरा दिया।  
उनकी मृत देहों से धरती फट गयी थी।   
   
 
7 राह के झरने से जल पी के ही राजा अपना सिर उठायेगा  
और सचमुच बलशाली होगा!