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दाऊद का एक आरोहणगीत। 
 
1 जब लोगों ने मुझसे कहा,  
“आओ, यहोवा के मन्दिर में चलें तब मैं बहुत प्रसन्न हुआ।”   
2 यहाँ हम यरूशलेम के द्वारों पर खड़े हैं।   
3 यह नया यरूशलेम है।  
जिसको एक संगठित नगर के रूप में बनाया गया।   
4 ये परिवार समूह थे जो परमेश्वर के वहाँ पर जाते हैं।  
इस्राएल के लोग वहाँ पर यहोवा का गुणगान करने जाते हैं। वे वह परिवार समूह थे जो यहोवा से सम्बन्धित थे।   
5 यही वह स्थान है जहाँ दाऊद के घराने के राजाओं ने अपने सिंहासन स्थापित किये।  
उन्होंने अपना सिंहासन लोगों का न्याय करने के लिये स्थापित किया।   
   
 
6 तुम यरूशलेम में शांति हेतू विनती करो।  
“ऐसे लोग जो तुझसे प्रेम रखते हैं, वहाँ शांति पावें यह मेरी कामना है।   
7 तुम्हारे परकोटों के भीतर शांति का वास है। यह मेरी कामना है।  
तुम्हारे विशाल भवनों में सुरक्षा बनी रहे यह मेरी कामना है।”   
   
 
8 मैं प्रार्थना करता हूँ अपने पड़ोसियों के  
और अन्य इस्राएलवासियों के लिये वहाँ शांति का वास हो।   
9 हे यहोवा, हमारे परमेश्वर के मन्दिर के भले हेतू  
मैं प्रार्थना करता हूँ, कि इस नगर में भली बाते घटित हों।