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आरोहण गीत। 
 
1 हे यहोवा, मैं गहन कष्ट में हूँ  
सो सहारा पाने को मैं तुम्हें पुकारता हूँ।   
2 मेरे स्वामी, तू मेरी सुन ले।  
मेरी सहायता की पुकार पर कान दे।   
3 हे यहोवा, यदि तू लोगों को उनके सभी पापों का सचमुच दण्ड दे  
तो फिर कोई भी बच नहीं पायेगा।   
4 हे यहोवा, निज भक्तों को क्षमा कर।  
फिर तेरी अराधना करने को वहाँ लोग होंगे।   
   
 
5 मैं यहोवा की बाट जोह रहा हूँ कि वह मुझको सहायता दे।  
मेरी आत्मा उसकी प्रतीक्षा में है।  
यहोवा जो कहता है उस पर मेरा भरोसा है।   
6 मैं अपने स्वामी की बाट जोहता हूँ।  
मैं उस रक्षक सा हूँ जो उषा के आने की प्रतीक्षा में लगा रहता है।   
7 इस्राएल, यहोवा पर विश्वास कर।  
केवल यहोवा के साथ सच्चा प्रेम मिलता है।  
यहोवा हमारी बार—बार रक्षा किया करता है।   
8 यहोवा इस्राएल को उनके सारे पापों के लिए क्षमा करेगा।