38
1 हे यहोवा, क्रोध में मेरी आलोचना मत कर।  
मुझको अनुशासित करते समय मुझ पर क्रोधित मत हो।   
2 हे यहोवा, तूने मुझे चोट दिया है।  
तेरे बाण मुझमें गहरे उतरे हैं।   
3 तूने मुझे दण्डित किया और मेरी सम्पूर्ण काया दु:ख रही है,  
मैंने पाप किये और तूने मुझे दण्ड दिया। इसलिए मेरी हड्डी दु:ख रही है।   
4 मैं बुरे काम करने का अपराधी हूँ,  
और वह अपराध एक बड़े बोझे सा मेरे कन्धे पर चढ़ा है।   
5 मैं बना रहा मूर्ख,  
अब मेरे घाव दुर्गन्धपूर्ण रिसते हैं और वे सड़ रहे हैं।   
6 मैं झुका और दबा हुआ हूँ।  
मैं सारे दिन उदास रहता हूँ।   
7 मुझको ज्वर चढ़ा है,  
और समूचे शरीर में वेदना भर गई है।   
8 मैं पूरी तरह से दुर्बल हो गया हूँ।  
मैं कष्ट में हूँ इसलिए मैं कराहता और विलाप करता हूँ।   
9 हे यहोवा, तूने मेरा कराहना सुन लिया।  
मेरी आहें तो तुझसे छुपी नहीं।   
10 मुझको ताप चढ़ा है।  
मेरी शक्ति निचुड़ गयी है। मेरी आँखों की ज्योति लगभग जाती रही।   
11 क्योंकि मैं रोगी हूँ,  
इसलिए मेरे मित्र और मेरे पड़ोसी मुझसे मिलने नहीं आते।  
मेरे परिवार के लोग तो मेरे पास तक नहीं फटकते।   
12 मेरे शत्रु मेरी निन्दा करते हैं।  
वे झूठी बातों और प्रतिवादों को फैलाते रहते हैं।  
मेरे ही विषय में वे हरदम बात चीत करते रहते हैं।   
13 किन्तु मैं बहरा बना कुछ नहीं सुनता हूँ।  
मैं गूँगा हो गया, जो कुछ नहीं बोल सकता।   
14 मैं उस व्यक्ति सा बना हूँ, जो कुछ नहीं सुन सकता कि लोग उसके विषय क्या कह रहे हैं।  
और मैं यह तर्क नहीं दे सकता और सिद्ध नहीं कर सकता की मेरे शत्रु अपराधी हैं।   
15 सो, हे यहोवा, मुझे तू ही बचा सकता है।  
मेरे परमेश्वर और मेरे स्वामी मेरे शत्रुओं को तू ही सत्य बता दे।   
16 यदि मैं कुछ भी न कहूँ, तो मेरे शत्रु मुझ पर हँसेंगे।  
मुझे खिन्न देखकर वे कहने लगेंगे कि मैं अपने कुकर्मो का फल भोग रहा हूँ।   
17 जानता हूँकि मैं अपने कुकर्मो के लिए पापी हूँ।  
मैं अपनी पीड़ा को भूल नहीं सकता हूँ।   
18 हे यहोवा, मैंने तुझको अपने कुकर्म बता दिये।  
मैं अपने पापों के लिए दु:खी हूँ।   
19 मेरे शत्रु जीवित और पूर्ण स्वस्थ हैं।  
उन्होंने बहुत—बहुत झूठी बातें बोली हैं।   
20 मेरे शत्रु मेरे साथ बुरा व्यवहार करते हैं,  
जबकि मैंने उनके लिये भला ही किया है।  
मैं बस भला करने का जतन करता रहा,  
किन्तु वे सब लोग मेरे विरद्ध हो गये हैं।   
21 हे यहोवा, मुझको मत बिसरा!  
मेरे परमेश्वर, मुझसे तू दूर मत रह!   
22 देर मत कर, आ और मेरी सुधि ले!  
हे मेरे परमेश्वर, मुझको तू बचा ले!