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कोरह की संतानो का संगीत निर्देशक के लिए एक पद। 
 
1 विभिन्न देशों के निवासियों, यह सुनो।  
धरती के वासियों यह सुनो।   
2 सुनो अरे दीन जनो, अरे धनिकों सुनो।   
3 मैं तुम्हें ज्ञान  
और विवेक की बातें बताता हूँ।   
4 मैंने कथाएँ सुनी हैं,  
मैं अब वे कथाएँ तुमको निज वीणा पर सुनाऊँगा।   
   
 
5 ऐसा कोई कारण नहीं जो मैं किसी भी विनाश से डर जाऊँ।  
यदि लोग मुझे घेरे और फँदा फैलाये. मुझे डरने का कोई कारण नहीं।   
6 वे लोग मूर्ख हैं जिन्हें अपने निज बल  
और अपने धन पर भरोसा है।   
7 तुझे कोई मनुष्य मित्र नहीं बचा सकता।  
जो घटा है उसे तू परमेश्वर को देकर बदलवा नहीं सकता।   
8 किसी मनुष्य के पास इतना धन नहीं होगा कि  
जिससे वह स्वयं अपना निज जीवन मोल ले सके।   
9 किसी मनुष्य के पास इतना धन नहीं हो सकता  
कि वह अपना शरीर कब्र में सड़ने से बचा सके।   
10 देखो, बुद्धिमान जन, बुद्धिहीन जन और जड़मति जन एक जैसे मर जाते हैं,  
और उनका सारा धन दूसरों के हाथ में चला जाता है।   
11 कब्र सदा सर्वदा के लिए हर किसी का घर बनेगा,  
इसका कोई अर्थ नहीं कि वे कितनी धरती के स्वामी रहे थे।   
12 धनी पुरूष मूर्ख जनों से भिन्न नहीं होते।  
सभी लोग पशुओं कि तरह मर जाते हैं।   
13 लोगों कि वास्तविक मुर्खता यह हाती है कि  
वे अपनी भूख को निर्णायक बनाते हैं, कि उनको क्या करना चाहिए।   
14 सभी लोग भेड़ जैसे हैं।  
कब्र उनके लिये बाडा बन जायेगी।  
मृत्यु उनका चरवाहा बनेगी।  
उनकी काया क्षीण हो जायेंगी  
और वे कब्र में सड़ गल जायेंगे।   
   
 
15 किन्तु परमेश्वर मेरा मूल्य चुकाएगा और मेरा जीवन कब्र की शक्ति से बचाएगा।  
वह मुझको बचाएगा।   
   
 
16 धनवानों से मत डरो कि वे धनी हैं।  
लोगों से उनके वैभवपूर्ण घरों को देखकर मत डरना।   
17 वे लोग जब मरेंगे कुछ भी साथ न ले जाएंगे।  
उन सुन्दर वस्तुओंमें से कुछ भी न ले जा पाएंगे।   
18 लोगों को चाहिए कि वे जब तक जीवित रहें परमेश्वर की स्तुति करें।  
जब परमेश्वर उनके संग भलाई करे, तो लोगों को उसकी स्तुति करनी चाहिए।   
19 मनुष्यों के लिए एक ऐसा समय आएगा  
जब वे अपने पूर्वजों के संग मिल जायेंगे।  
फिर वे कभी दिन का प्रकाश नहीं देख पाएंगे।   
20 धनी पुरूष मूर्ख जनों से भिन्न नहीं होते। सभी लोग पशु समान मरते हैं।