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‘यदूतून’ राग पर संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद। 
 
1 मैं धीरज के साथ  
अपने उद्धार के लिए यहोवा का बाट जोहता हूँ।   
2 परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है।  
ऊँचे पर्वत पर, परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है। मुझको महा सेनायें भी पराजित नहीं कर सकतीं।   
   
 
3 तू मुझ पर कब तक वार करता रहेगा  
मैं एक झूकी दीवार सा हो गया हूँ,  
और एक बाड़े सा  
जो गिरने ही वाला है।   
4 वे लोग मेरे नाश का कुचक्र रच रहें हैं।  
मेरे विषय में वे झूठी बातें बनाते हैं।  
लोगों के बीच में,  
वे मेरी बढाई करते,  
किन्तु वे मुझको लुके—छिपे कोसते हैं।   
   
 
5 मैं यहोवा की बाट धीरज के साथ जोहता हूँ।  
बस परमेश्वर ही अपने उद्धार के लिए मेरी आशा है।   
6 परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है।  
ऊँचे पर्वत में परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है।   
7 महिमा और विजय, मुझे परमेश्वर से मिलती है।  
वह मेरा सुदृढ़ गढ़ है। परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थल है।   
8 लोगों, परमेश्वर पर हर घड़ी भरोसा रखो!  
अपनी सब समस्यायें परमेश्वर से कहो।  
परमेश्वर हमारा सुरक्षा स्थल है।   
   
 
9 सचमुच लोग कोई मदद नहीं कर सकते।  
सचमुच तुम उनके भरोसे सहायता पाने को नहीं रह सकते!  
परमेश्वर की तुलना में  
वे हवा के झोंके के समान हैं।   
10 तुम बल पर भरोसा मत रखो की तुम शक्ति के साथ वस्तुओं को छीन लोगे।  
मत सोचो तुम्हें चोरी करने से कोई लाभ होगा।  
और यदि धनवान भी हो जाये  
तो कभी दौलत पर भरोसा मत करो, कि वह तुमको बचा लेगी।   
11 एक बात ऐसी है जो परमेश्वर कहता है, जिसके भरोसे तुम सचमुच रह सकते हो:  
“शक्ति परमेश्वर से आती है!”   
   
 
12 मेरे स्वामी, तेरा प्रेम सच्चा है।  
तू किसी जन को उसके उन कामों का प्रतिफल अथवा दण्ड देता है, जिन्हें वह करता है।