150
प्रशंसा का एक भजन
यहोवा की स्तुति करो!
परमेश्वर के पवित्रस्थान में उसकी स्तुति करो;
उसकी सामर्थ्य से भरे हुए आकाशमण्डल में
उसकी स्तुति करो!
उसके पराक्रम के कामों के कारण
उसकी स्तुति करो*;
उसकी अत्यन्त बड़ाई के अनुसार उसकी स्तुति करो!
नरसिंगा फूँकते हुए उसकी स्तुति करो;
सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो;
तारवाले बाजे और बाँसुरी बजाते हुए
उसकी स्तुति करो!
ऊँचे शब्दवाली झाँझ बजाते हुए
उसकी स्तुति करो;
आनन्द के महाशब्दवाली झाँझ बजाते हुए
उसकी स्तुति करो!
जितने प्राणी हैं
सब के सब यहोवा की स्तुति करें!
यहोवा की स्तुति करो!
* 150:2 उसके पराक्रम के कामों के कारण उसकी स्तुति करो: यहाँ परमेश्वर के सामर्थ्य को और उसकी सर्वशक्ति को प्रगट करनेवाली बातों का संदर्भ दिया गया है। 150:6 जितने प्राणी हैं सब के सब यहोवा की स्तुति करें: आकाश पृथ्वी और जल के सब प्राणी। एक विश्वव्यापी स्तुति का उदगार हो केवल संगीत वाद्द्यों से ही नहीं, सब जीवित प्राणी एक साथ उसकी स्तुति करें।