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परमेश्वर के उद्धार के लिये प्रतिक्षा
प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन। यदूतून की राग पर
सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेश्वर की ओर मन लगाए हूँ
मेरा उद्धार उसी से होता है।
सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है,
वह मेरा गढ़ है मैं अधिक न डिगूँगा।
तुम कब तक एक पुरुष पर धावा करते रहोगे,
कि सब मिलकर उसका घात करो?
वह तो झुकी हुई दीवार या गिरते हुए बाड़े के समान है।
सचमुच वे उसको, उसके ऊँचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं;
वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं।
मुँह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं।
(सेला)
हे मेरे मन, परमेश्वर के सामने चुपचाप रह,
क्योंकि मेरी आशा उसी से है।
सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है,
वह मेरा गढ़ है; इसलिए मैं न डिगूँगा।
मेरे उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्वर है;
मेरी दृढ़ चट्टान, और मेरा शरणस्थान परमेश्वर है।
हे लोगों, हर समय उस पर भरोसा रखो;
उससे अपने-अपने मन की बातें खोलकर कहो*;
परमेश्वर हमारा शरणस्थान है।
(सेला)
सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं;
तौल में वे हलके निकलते हैं;
वे सब के सब साँस से भी हलके हैं।
10 अत्याचार करने पर भरोसा मत रखो,
और लूट पाट करने पर मत फूलो;
चाहे धन-सम्पत्ति बढ़े, तो भी उस पर मन न लगाना। (मत्ती 19:21,22, 1 तीमु. 6:17)
11 परमेश्वर ने एक बार कहा है;
और दो बार मैंने यह सुना है:
कि सामर्थ्य परमेश्वर का है
12 और हे प्रभु, करुणा भी तेरी है।
क्योंकि तू एक-एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है। (दानि. 9:9, मत्ती 16:27, रोम. 2:6, प्रका. 22:12)
* 62:8 62:8 उससे अपने-अपने मन की बातें खोलकर कहो: यहाँ अंतर्निहित विचार है कि मन कोमल एवं मुलायम हो जाए कि उसकी भावनाएँ और इच्छाएँ पानी के सदृश्य बहने लगें। 62:11 62:11 कि सामर्थ्य परमेश्वर का है: कहने का अर्थ है कि मनुष्य के लिए आवश्यक सामर्थ्य अर्थात् उसकी रक्षा एवं उद्धार की योग्यता, केवल परमेश्वर में हैं।