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दाऊद का पलिश्तियों से जुड़ना
तब दाऊद सोचने लगा, “अब मैं किसी न किसी दिन शाऊल के हाथ से नष्ट हो जाऊँगा; अब मेरे लिये उत्तम यह है कि मैं पलिश्तियों के देश में भाग जाऊँ; तब शाऊल मेरे विषय निराश होगा, और मुझे इस्राएल के देश के किसी भाग में फिर न ढूँढ़ेगा, तब मैं उसके हाथ से बच निकलूँगा।” तब दाऊद अपने छः सौ संगी पुरुषों को लेकर चला गया, और गत के राजा माओक के पुत्र आकीश के पास गया। और दाऊद और उसके जन अपने-अपने परिवार समेत गत में आकीश के पास रहने लगे। दाऊद तो अपनी दो स्त्रियों के साथ, अर्थात् यिज्रेली अहीनोअम, और नाबाल की स्त्री कर्मेली अबीगैल के साथ रहा। जब शाऊल को यह समाचार मिला कि दाऊद गत को भाग गया है, तब उसने उसे फिर कभी न ढूँढ़ा।
दाऊद ने आकीश से कहा, “यदि मुझ पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो, तो देश की किसी बस्ती में मुझे स्थान दिला दे जहाँ मैं रहूँ; तेरा दास तेरे साथ राजधानी में क्यों रहे?” तब आकीश ने उसे उसी दिन सिकलग बस्ती दी; इस कारण से सिकलग* आज के दिन तक यहूदा के राजाओं का बना है।
पलिश्तियों के देश में रहते-रहते दाऊद को एक वर्ष चार महीने बीत गए। और दाऊद ने अपने जनों समेत जाकर गशूरियों, गिर्जियों, और अमालेकियों पर चढ़ाई की; ये जातियाँ तो प्राचीनकाल से उस देश में रहती थीं जो शूर के मार्ग में मिस्र देश तक है। दाऊद ने उस देश को नष्ट किया, और स्त्री पुरुष किसी को जीवित न छोड़ा, और भेड़-बकरी, गाय-बैल, गदहे, ऊँट, और वस्त्र लेकर लौटा, और आकीश के पास गया। 10 आकीश ने पूछा, “आज तुम ने चढ़ाई तो नहीं की?” दाऊद ने कहा, “हाँ, यहूदा यरहमेलियों और केनियों की दक्षिण दिशा में।” 11 दाऊद ने स्त्री पुरुष किसी को जीवित न छोड़ा कि उन्हें गत में पहुँचाए; उसने सोचा था, “ऐसा न हो कि वे हमारा काम बताकर यह कहें, कि दाऊद ने ऐसा-ऐसा किया है। वरन् जब से वह पलिश्तियों के देश में रहता है, तब से उसका काम ऐसा ही है।” 12 तब आकीश ने दाऊद की बात सच मानकर कहा, “यह अपने इस्राएली लोगों की दृष्टि में अति घृणित हुआ है; इसलिए यह सदा के लिये मेरा दास बना रहेगा।”
* 27:6 27:6 सिकलग: यहूदा के गोत्र में सम्भवत: शमौन के नगरों में से एक (पार्श्व टिप्पणी देखें) परन्तु पलिश्तियों ने उसे अपने अधिकार में ले लिया था। 27:10 27:10 यरहमेलियों: हेस्रोन पुत्र यरहमेल के वंशज। यहूदा का पुत्र पेरेस, पेरेस का पुत्र हेस्रोन। अतः यहूदा के दक्षिण का भाग: