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हामरे वाटे दुवा करजु करीन कहें
1 आकरी मां, हामरा भायस ने बहणस्या, हामरे वाटे दुवा कर्या करजु की मालीकेन बुले असा मामार वाटाये ने सेक-सींगार काजे हात कर लेय, जसों तुंद्रे मां हयो, 2 दुवा करता रवु की आपणु भटकायला माणसे ने भुंडात माणसे सी छेटे रवु काहाकी आखा माणसेन मालीक पर भुरसु नी रवे।
3 बाकुन मालीक ते भुरसा मां पाक्कु छे, चु तुंद्री ताकत काजे बड़ावसे ने तुहुं काजे तीना वेरी सी बचाड़ीन राख्से। 4 हामुक मालीक मां रय्न तुंद्रे पर भुरसु छे, की जी-जी हुकुम तुहुंक देजे, तीनुक तुहुं मानु, ने मान्ता बी रवसु।
5 भगवानेन परम ने मसीन गम*गम धीरज भीणी मालीक तुंद्रा मन काजे मनवी लेणु चाहजे।
मंडळीन उजग्या माणसेक सुदारने करीन, पोलुस हुकुम आपे
6 हामरा भायस ने बहणस्या, हामु तुहुंक आपणा मालीक ईसु मसीन नाव सी हुकुम देजे की, तुहुं तीनु भायस्योन चाल मां धरु, जे उजगाये हींडी फीरीन जीवे। जी सीकापण तुहुंक हामरे धड़े सी जड़ली छे, तीनी सीकाड़ली वातेन अनसारे ते, चे जीवे। 7 काहाकी तुहुं आपसात जाणु, की काहनी ढंग सी हामरेन तसी चाल-चालनु चाहजे, काहाकी हामु तुंद्रे ईचमां उजगाय नी कर्या। 8 ने काहनाक ने रुटु फुकट मां नी खादा; बाकुन काठलो काम ने मेहनत सी रात दाहड़ु काम धंदु करतेला, काहाकी तुंद्रे मायन काहनाक पर बुजु नी आवे। 9 असो नी, की हामुक हक नी हय; बाकुन हेरेसी की हामु तुंद्रे वाटे दाखलु ठेरजे, ने तुहुं हामरेन तसी चाल चालु। 10 ने जत्यार हामु तुंद्रेन्चां हतला, तत्यार बी जी हुकुम तुहुंक देदला, की कदी काहनुक काम करने नी हींडे, ती खाणु बी नी चाहजे।
11 हामु सामळजे, की कतरा माणसे तुंद्रे ईचमां उंजगाय्न चाल चाले, ने काय काम नी करे, बाकुन दीसरा काजे खुटी कर्या करे। 12 असला काजे हामु मालीक ईसु मसी मां हुकुम देजे ने समजाड़जे, की हुगा-हुगा काम करीन खाया करु।
13 ने तुहुं ए भायस्यो ने बहणस्या, भलो करने मां हिम्मत मां छुड़ु। 14 कदी काहनुक हामरी ईनी चिट्ठीन वात काजे नी माने, ती तीना माणसेन बारामां मंडळी मां खबर करजु, ने तेरी सात संगात मां घुण रहु, ने तत्यार हयु ज देखीन लाजवाय जासे। 15 तेबी तीना काजे तुहुं आपसान वेरी समजीन, वेहवार घुण करु; बाकुन भायस समजीन समजाड़ देवु।
आकरी बुले
16 मालीक ईसु जु सुक-सांतीन झीर छे, हयु खुद, तुहुं आखा पुठ्ये रवीन तुहुं काजे आखी भातीन सुक-सांती आप्या करनु चाहजे।
17 मे पोलुस, मारे हाते सी तुहुं काजे आवीस ने आवजी कहींन लिखी र्यु; मारा आखा चिट्ठीया मां मे असुत लिखो ने मारी लिखणेन जीत सहलाणी छे।
18 आपणा मालीक ईसु मसीन गीण-दया†गीण-दया अनुग्रह तुंद्रे आखा पुठ्ये रया करे।