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सरगेवाळु काहवाळ्‌यु ने नानली किताप
तत्‌यार मे एक अळी ताकत भर्‌यु सरग वाळा काहवाळ्‌याक वादळा सी छावायलु सरग सी उतेरतेलो देख्‌यु; ने तेरा मुणका पर धंदलीन तसों बम हतलु, ने तेरो मुंहडो दाहड़ान तसों ने तेरा पांय आकठान खाम्‌बान तसा हतला; ने तेरा हात मां एक नानली सी खुल्‌ली किताप हतली। हयु आपसु जेवड़्‌यु पांय दरीया पर, ने डाखर्‌यु धरती पर मेक्‌यु; ने असला मटा अवाज मां आयड़्‌यु, जसु नाहर डकारे; ने जत्‌यार हयु आयड़्‌यु ती डकारनेन सात अवाज सामळाय। जत्‌यार सातु गाजणेन अवाज सामळी लेदला, ती मे लिखणेत वाळु हतलु, ने मेसे सरग सी असी अवाज सामळाय, “जी वात गाजणेन तीनु सात अवाज सी सामळ्‌यु, तीनुक ढाकी राख, ने मां लिखे।”
तीना सरग वाळा काहवाळ्‌या काजे मे दरीया ने धरती पर उबु रवलु देख्‌यु; हयु आपसु जेवड़्‌यु हात सरग भीणी हाकल्‌यु ने तेरी सगुन खाय्‌न जु जलम जीवलु छे, ने जु सरग काजे ने जो काय तेरेमां छे, ने धरती काजे ने जो काय तेरे पर छे, ने दरीया काजे ने जो काय तेरेमां छे, घड़ायलो छे तेरीत सगुन खाय्‌न कह्‌यु की “हय अळी वार नी लागसे।” बाकुन सातवों सरग वाळा काहवाळ्‌या काजे अवाज देणेन दाहड़ा मां, जत्‌यार हयु फेप्‌यो फुकणे पर रवसे, ती भगवानेन चो सातायलो पुरो हय जासे, तेरो खुस-खबर हयु आपसा सेवक अघली वात बताड़ने वाळाक देदलु।
तत्‌यार अवाज करने वाळाक मे सरग सी बुलतेला सामळ्‌यु, हयु अळी मारे साते वात करने लाग्‌यु, “जां, जु सरग वाळु काहवाळ्‌यु दरीया ने धरती पर उबलु छे, तेरा हाते मायन खुल्‌ली किताप ली ले।”
ने मे सरग वाळा काहवाळ्‌या धड़े जाय्‌न कह्‌यु, “जी नानली किताप मेसे आप।” ने चु मेसेक कह्‌यु, “ले, ईनीक खाय ले। जी तारो पेट कड़वो ते करसे, बाकुन तारा मुंहडा मां मुहाळेन तसों गुळो लागसे।”
10 तेरेमां मे ची नानली किताप तीना सरग वाळा काहवाळ्‌यान हाते सी लीन खाय गुयु। ची मारे मुंहडा मां मुहाळेन तसों गुळो ते लाग्‌यो, बाकुन जत्‌यार मे तीनाक खाय गुयु, ती मारो पेट कड़वो हय गुयो। 11 तत्‌यार मारे सी असो कह्‌यो, “तुसे बेसका माणसे, जाती, बुली, ने राजान बारामां अळी अगली हवणे वाळी वात बताड़नु पड़से।”