17
मट्‌ली रंडी
जीनु सातु सरग वाळा काहवाळ्‌या धड़े चे सात कटवरा हतला, तींद्‌रे मां सी एक आवीन मारे सी असो कह्‌यु, “उरु आव, मे तुसेक तीनी मट्‌ली नाव-बद्‌दी हवली छीनाळो करने वाळीन डंड देखाड़ो, ची बेसका पाणी मां बसी रय। तेरे साते धरतीन बेसका राजा छीनाळो कर्‌या, ने धरतीन रहणे वाळा छीनाळो करने सी दारुन नस्‌या वाळा हय गुयला।”
तत्‌यार हयु मेसेक चुखली-आत्‌मा मां जंगल भीणी ली गुयु, ने मे रातला रंगेन जनवार्‌या पर चो नाव-बद्‌दीन नाव सी भरलो हतलो ने तेरा सात मुणका ने दस सींगड़ा हतला, एक बायर काजे बठी रवली देख्‌यु। जी बायर जामण्‌या, ने रातला रंगेन पुथल्‌या पेहरली हतली, ने सनो ने महंग्‌ला दगड़ान ने मत्‌‌तीन गळसुन पेहरली हतली, ने तेरा हाते मां एक सनान कटवरु हतलु चु भुंडला कामेन चीजे सी ने तेरा छीनाळान भुंडला चीजे सी भरलो हतलो। ने तेरे नींडाळे पर असो नाव लिखलो हतलो, “सातायली वात मटला बाबेल धरतीन छीनाळो करने वाळी ने भुंडला चीजेन माय।” ने मे तीनी बायर काजे चुखला माणसेन लुही ने ईसुन गवान लुही पीणे सी छाकली देख्‌यु।
ने तीनीक देखीन मे घाबराय गुयु। चु सरग वाळु काहवाळ्‌यु मारे सी कह्‌यु, “तु काहा घाबराय गुयु?” मे ईनी बायर, ने तीना जनवार्‌याक, तीना पर ची सवार छे, ने तेरा सात मुणका ने दस सींगड़ा छे, तुसेक सातायली वात बताड़ो। तीना जनवार्‌या काजे तु देख्‌यु, जु पेहले ते हतलु, बाकुन हय नी हय, ने उंडला कुंडाम सी नीकळीन नास मां पड़से, ने धरतीन रहणे वाळा तींद्‌रा नाव कळीन घड़ायणेन टेमे सी जीवनेन किताप मां लिखायलो नी हय, ईना जनवार्‌यान हाल देखीन की पेहले हतलु, ने हय नी हय; ने अळी पछु आय जासे, घाबराय जासे।
“हीनी वातेन मतलब समजणे करीन वारू अक्‌कल चाहजे। ने तेरे धड़े अक्‌कल छे, जाणी लेणु चाहजे रंडी बायर ते बाबुलेन साहरे सहलाणी छे। जे सात मुणका तीनु सहरेन सात बयड़ान सहलाणी छे, तींद्‌रे पर जी रंडी बस रय। ने सात मुणका, सात राजान बी सहलाणी छे।” 10 ने चे सात राजा बी छे, पांच ते हयत गुया, ने एक हय छे; ने एक हय लग आयु नी, ने जत्‌यार आवसे ती ईतरीक टेम लग तेरो रुकणु बी जरुड़ी छे। 11 जु जनवार्‌या पेहल हतलु, ने हय नी हय, चु आपसु आठवु छे; ने तीनु सात मां सी एक छे, ने चु नास मां पड़से।
12 जे दस सींगड़ा तु देख्‌यु चे दस राजा छे; जीनुक हय लग राज नी जड़्‌यो; बाकुन तीना जनवार्‌या साते घड़ी भर वाटे राजान तसा हक जड़से। 13 जे आखा एक मन्‌या हवसे, ने चे आपसा-आपसा ताकत ने हक तीना जनवार्‌या काजे देसे। 14 जे गाडरा सी लड़ायसे, ने तीनु सी जीत जड़से; काहाकी चु मालीकेन मालीक, ने राजान राजु छे, ने जे बुलावला, नेवाड़ला ने भुरसा वाळा छे, तेरे साते छे, तीनुक बी जीत जड़से।
15 तत्‌यार हयु मारे सी कह्‌यु, ज पाणी तु देखे, तीना पर छीनाळो करने वाळी बठली छे, चे माणसे, टुळु, जाती, ने बुली छे। 16 ने ज दस सींगड़ा तु देखे, चे ने जनवार्‌या तीनी छीनाळो करने वाळी सी नफरत करसे, ने तीनीक तेरो कुय नी ने नांगरली कर देसे; ने तेरो मास खाय जासे, ने तीनीक आकठा मां धपाड़ देसे। 17 काहाकी भगवान तींद्‌रे मन मां असो नाखसे की चे तींद्‌री मनेन मरजी पुरी करे; ने जत्‌यार लग भगवानेन बुले पुरा नी हय जाय, तत्‌यार लग एक मन्‌या हयन आपणो-आपणो राज जनवार्‌या काजे दी देय।
18 “ने ची बायर, तीनीक तु देख्‌यु चो मटलो सहर छे, ज धरतीन बेसका राजा पर राज करे।”