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मसीह यीसु के निक्खा सिपाही
1 इहैनिता हे मोर टोरवा, तै ऊ अनुगरह लग जउन मसीह यीसु हे हबै, बलवान हुइ जा, 2 अउ जउन बात तै बोहत ले गवाहन के आगू मोर लग सुने हबस, उनके बिस्वास करे बाले मनसे के दइदे जउन दूसरन के सिखामै के काबिल होय।
3 मसीह यीसु के बढिहा योध्दा के जसना मोर संग दुख उठा 4 जब कउनो पहलवान झगडा करे जथै, ता इहैनिता अपन भरती करै बाले के मगन करे, अपन खुद के दुनिया के कामन हे नेहको फसाथै। 5 फेर अखाडे हे लडै बाले अगर नियम के जसना नेहको लडथै, ता मुकुट नेहको पाथै। 6 जउन किसान मेहनत करथै, फडुहा के हिस्सा उके आगुन मिलय चाही। 7 जउन मै कथो उके धियान दे, अउ परभु तोके सगलू बातन के दिमाक दइ।
8 यीसु मसीह के सुरता रख, जउन दाऊद के बिरादरी*वंस लग हुइस अउ मरे हर मसे जिन्दा हुइ गइस, अउ हइ मोर संदेस के जसना हबै। 9 जेखर निता मै कुकरमी के जसना दुख उठाथों, इहां तक कि बन्धन हे हव, पय भगवान के बचन बन्धन हे नेहको हबै। 10 इहै कारन मै चुने हर मनसेन के निता सगलू कुछ सहथों, कि उनो ऊ मुकति के जउन मसीह यीसु हे सबरोज के महिमा संग पाय। 11 हइ बात सच हबै,
कि अगर हम ओखर संग जियब,
12 अगर हम धीर लग सहत रहब,
ता ओखर संग राज करब,
अगर हम ओखर इन्कार करहिन,
ता ऊ हमर इन्कार करहिन,
13 अगर हम अबिस्वासी बने रथै,
तउभरमा ऊ बिस्वास के काबिल†बिस्वासओग रथै,
काखे ऊ खुद के इन्कार नेहको कर सकथै✡1 थिस्स 5:24।
सिध्द कारीगर
14 हइ बातन के सुरता उनके दिला अउ परभु के आगू गुठे दे बातन हे बाद बिबाद झइ करै, जेखर लग कुछु फायदा नेहको होथै पय सुनै बाले बिगड जथै। 15 अपन खुद के भगवान के ग्रहन ओग अउ असना काम करै बाले ठहरामै के परयास के, जउन सरमिन्दा नेहको होय पावय, अउ जउन सही के बचन के निक्खा मेर लग काम हे लानथै। 16 पय असुध्द फालतू लग बचे रह, काखे असना मनसे अउ अभक्ति हे बढत जइहिन, 17 अउ उनखर बचन सडे घाव के जसना बगरत जही। हुमिनयुस अउ फिलेतुस उनखरै मसे हबै, 18 जउन हइ बताय के जिन्दा होय चुके हबै सही लग भटक गय हबै, अउ बोहत झन के बिस्वास के उलट पुलट के देथै। 19 तउभरमा भगवान के निक्खा नीह बने रथै, अउ ओहमा हइ छाप लगे हबै, “परभु अपनो के चीनथै” अउ “जउन कउ परभु के नाम लेथै, ऊ अधरम लग बचे रहै✡नहूम 1:7।”
20 बडा घर हे केबल सोने चांदी के पय लकडी अउ माटी के भडवा होथै, कउ-कउ इज्जत अउ कउ अनादर के निता। 21 अगर कउ अपन खुद के इनखर लग सुध्द करी, अउ स्वामी के काम आही, अउ हर निक्खा काम के निता तइयार होही। 22 जबानी के लालच ले भाग, अउ जउन सुध्द मन ले परभु के नाम लेथै उनखर संग नियाइपन, अउ बिस्वास, अउ माया, अउ मेलमिलाप के पीछा के। 23 पय मूरखता अउ अविद्दा के बिबादन लग अलग रह, काखे तै जानथस इनखर ले झगडा सुरुवात होथै। 24 परभु के हरवाह के झगडालू नेहको होमै चाही, ऊ सबझन के संग कोमर अउ ग्यान हे निपुड अउ सहनसील होय। 25 अउ बिरोधिन के नम्रता लग समझाथै, का जाने भगवान उनके मन बदलै के मन दे कि वहु सही के चीन्हे। 26 अउ एखर दवारा ओखर इक्छा पूर करै के निता चेतन्त हुइके भुतवा के फान्दा लग छंडर जइ।