कुलुस्सियों के लिए पौलुस की चिट्ठी
कुलुस्सियो के निता पोलुस कर चिट्ठी
परचा
कुलुस्सियो के चिट्ठी चेला पोलुस 1:1दवारा लिखे गय रथै, जब ऊ जेल हे रथै, करीबन रोम सहर हे मसीह के जनम के करीबन साठ साल बाद ऊ हइ चिट्ठी लिखे रथै, कुलु के संग इफिसियों अउ फिलेमोन के जेल के चिट्ठी कहे जथै, काखे पोलुस जेल हे रहत लिखे रथै, ऊ हइ चिट्ठी कुलुस्से सहर हे रहिके मंडली के लिखे रथै, पोलुस कुलुस्से सहर हे मंडली सुरुवात नेहको करे रथै, जसना उन 2:1 हे वरनन करे हबै, पय एखर निता कुछ जिम्मेदारी अहसास करे होही, हइ सही हबै कि इपफ्रास मंडली के सुरुवात करिस काखे ऊ कुलुस्से सहर लग रथै। पोलुस कुलुस्से सहर के मंडली हे कुछ गलत सिक्छा लग चिन्तित रथै, उन एखर बारे हे चिट्ठी लिखे का बोहत खरच करिस, हुइ सकथै कि यहूदी मसीहिन के अक्ठी समूह रहे होय, जउन दूसर मसीहिन के पुरान नियम लग यहूदी नियम के पालन करै के परयास रथै, खासके खतना करै करामै के निता, पोलुस बिसेस रूप लग लिखथै, कि मसीहिन के मसीह के सिबाय कउनो अउ के जरूरत नेहको हबै, काखे हइ भगवान 1:15-20 दवारा स्वीकार करे हर हबै, अउ मनसे सोच हे आधारित ऊ सिक्छा बेकार हबै। 2:8
रूप रेखा
1. पोलुस कुलुस्से हे मंडली के सोगत करके चिट्ठी के सुरुवात करथै। 1:1-2
2. फेर ऊ मसीह के बडा काम के बारे हे लिखथै, बिसेस रूप लग कुलुस्से हे झूठ सिक्छा के जबाब हे। 1:3—3:4
3. पोलुस के कइठे चिट्ठी हे, ऊ चिट्ठी के आधा भाग हे बताथै जउन निक्खा मसीही जीवन जीये के निता कुछु खास सिक्छा देथै। 3:5—4:6
4. चिट्ठी के दूसर मंडली हे जोर लग पढै के निता सोगत अउ उपदेस के संग समापत करथै। 4:7-18
1
1 भगवान के इक्छा लग मसीह यीसु के चेला पोलुस अउ हमर भाई तीमुथियुस के पल्ला लग। 2 मसीह हे ऊ पवितर अउ बिस्वास करैबाले भाई के नाम जउन कुलुस्से हे रथै,
हमर बाफ भगवान के पल्ला लग तुमके अनुगरह किरपा अउ सान्ति होवत रहै।
कुलुस्सियो के निता पोलुस के दवारा भगवान कर धन्यबाद
3 तुम्हर निता बिनती करत टेम हम हमर परभु यीसु मसीह के बाफ भगवान के आगू हरमेसा अपन धन्यबाद परगट करथन। 4 काखे हम मसीह यीसु हे तुम्हर बिस्वास अउ सगलू पवितर मनसे के परति तुम्हर माया के बारे हे सुने हवन। 5 हइ ऊ आसा के कारन होय हबै, जउन तुम्हर निता स्वरग हे सुरक्छित हबै, जेखर बारे हे तुम पहिलेन सही संदेस मतलब परचार के दवारा सुन चुके हबा। 6 तुम्हर लिघ्घो पहुंचो, हइ सगलू दुनिया हे फरत अउ बढत जथै, जउन रोज अपन भगवान के अनुगरह के बारे हे सुनिस अउ सच्चाई के अहसास हुइस। 7 तुमके हमर पिरिया संगी सेबक इपफ्रास लग एखर सिक्छा मिले हबै, इपफ्रास तोर भलाई के निता मसीह के बिस्वासी हरवाह हबै। 8 उन हमके गुठेय हबै, कि पवितर आतमा तुम मनसे हे केतका माया पइदा करे हबै।
मनसे अउ मसीह कर काम
9 इहै कारन जउन रोज लग हम हइ सुने हबै, हम तुम्हर निता बिनती करथन कि तुम पूर आतमिक के ग्यान अउ समझ हे भगवान के इक्छा के सगलू ग्यान हे भरपूर होवत जा। 10 हइ मेर तुम्हर आदत परभु के काबिल होय, जउन उनके हर मेर लग खुस करै बाले होय, जउन हर अक्ठी निक्खा काम के फरत होय, अउ भगवान के सगलू ग्यान हे बढत जा। 11 तुम भगवान के महिमा के सक्ति लग जादा बल पाय के हरमेसा मजबूत बने रइहा, सब कुछ खुसी के संग सह सकिहा। 12 अउ बाफ के धन्यबाद दइहा, जउन तोके हइ काबिल बनाय हबै, कि तुम उजियार के राज हे रहै बाले, पवितर मनसेन के बिरासत के सहभागी बनी। 13 काखे उहै हमके अंधियार के कब्जा लग निकार के अपन पिरिया टोरवा के राज हे लाय हबै। 14 ओखरै के दवारा हमके मुकति अउ पापन के छमा मिले हबै।
15 अनदेखा भगवान के छाप हबै, ऊ दुनिया के रचना हे पहिलोठा हबै। 16 काखे जउन कुछु स्वरग हे हबै अउ भुंइ हे हबै, ओखरै सक्ति लग पइदा होय हबै, कुछु चाहे दिखे बाले होय या चाहे न दिखे बाले चाहे राजगद्दी होय चाहे सासक, चाहे कउनो सरकार होय अउ चाहे साहब, सब कुछ ओखरै दवारा बनाय गय हबै, अउ ओखरै निता बनाय गय हबै। 17 ऊ सगलू कपडा लग सबले पहिले हबै, अउ सगलू कपडा ओखर हे स्थिर हबै। 18 उहै देह मतलब मंडली के परधान हबै, उहै सुरू हबै, मरे हर मसे जी उठे बाले हे पहिलउठा हबै उहै सब हे बडा हबै। 19 काखे बाफ के मगन उहै हे हबै की ओहमा सगलू पूरी तरह लग वास करै, 20 मसीह क्रूस के बलिदान के दवारा सान्ति बनाइस, जउन खून बहोय हबै, ओखर दवारा भगवान मेल मिलाप कराइस, इहै भगवान के अच्छा टीमा रथै कि ऊ मसीह के दवारा सगलू कुछु के, चाहे ऊ भुंइ हे होय या स्वरग हे होय सब के मिलाइस।
21 अक टेम रथै जब तुम अपन सोच अउ बेकार कामन के कारन भगवान के निता अनचिन्हार अउ तुम्हर मन हे बैरी भर गय हबै। 22 पय अब जब मसीह अपन देह हे रथै, तब मसीह के दवारा भगवान तुमके मेल मिलाप करिस, ताकि तुमके अपन लिघ्घो पवितर, बेकसूर अउ निरदोस बनाय के परस्तुत करे जाय। 23 पय तुमके बिस्वास के नीह हे मजबूत अउ अडे बने रहे चाही अउ ऊ आसा लग नेहको भटके चाही, जउन तुमके संदेस के दवारा देबाय गय हबै, ऊ परचार बादर के तरी सगलू रचना के सुनाय गय हबै अउ मै पोलुस ओखर सेबक बने हव।
मंडली के निता पोलुस कर सेबकाई
24 हइ टेम तुम्हर निता जउन दुख उठाथों, ओखर कारन खुस हव, मै मसीह के कस्ट के बचे हर भाग अपन सरीर के उनखर देह, मतलब मंडली के निता पूर करथो। 25 इहै मंडली के निता मै तुम्हर निता भगवान दवारा सउपे गय सेबा के निता चुने गय हव, कि मै भगवान कर आदेस के पूरी तरह परचार कर सको। 26 भगवान के ऊ भेद जउन कइन जुग अउ पीढी लग लुके रहे हबै, पय अब उनखर पवितर मनसे के उप्पर परगट करे गय हबै। 27 भगवान उनके दिलामै चाहथै कि गैर यहूदी हे ई रहस्य के केतका महिमामय समरध्दी हबै, ऊ रहस्य हइ हबै, कि मसीह तुम सबके बीच हबै, अउ उन हे तुम सबके महिमा के आसा हबै। 28 हम उनखरै मसीह के परचार करथन, हर मनसेन के सिक्छा देथन अउ हर मनसे के पूरी ग्यान देथन, जेखर लग हर मनसेन के मसीह हे सिध्द बनाय के उनखर लिघ्घो परस्तुत करी। 29 इहै उदेस्य लग मै उनखर सक्ति के जसना, जउन मोर हे परबल रूप लग काम करथै, मेहनत करत काम करथो।