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सरदीस के मंडली के संदेस
सरदीस के मंडली के दूत के हइ लिख, जेखर लिघ्घो भगवान के सातठे आतमा अउ सातठे तरइया हबै, ऊ हइ कथै कि मै तोर कामन के जानथो, मनसेन के कहेका हबै कि तै जिन्दा हबस पय सही हे तै मरे हर हबस। इहैनिता सचेत हुइ जा, तुम्हर हे जउन कुछु बाचे हबै, ऊ मिरतू के जसना हबै, ओहमा नबा जीवन के संचार करा, काखे मै अपन भगवान के नजर हे तुम्हर दूसर काम के आधा पाय हव। इहैनिता सुरता करा कि तुम का सिक्छा पाय हबा अउ तुम का सुने रथा अउ ओखर पालन करत मन फिराबा, अगर तुम नेहको जगिहा ता मै चोरटा के जसना आहुं, तुम जानो नेहको पइहा कि मै कब तुम्हर लिघ्घो आय जइहों। पय एतका सही हबै कि सरदीस हे तोर इहां कुछु असना मनसेन हबै जउन अपन-अपन बन्डी असुध्द नेहको करिन, चरका कपडा पहिने हर मोर संग घुमही, काखे ऊ हइ कबिल हबै। अउ जउन जीत पाही ऊ इहै मेर चरका बन्डी पहनही, मै जीवन के किताब लग ओखर नाम के नेहको मिटाहुं, बलुक मै तो ओखर नाम के अपन बाफ अउ ओखर स्वरगदूत के लिघ्घो मान सम्मान परदान करिहों।
जेखर कान हबै ऊ सुन ले कि आतमा मंडलिन लग काहिन कथै।
फिलदिलफिया कर संदेस
फिलदिलफिया के मंडली के निता संदेस स्वरगदूत के हइ लिख, जउन पवितर अउ सही हबै अउ जउन दाऊद के चाभी हबै, जउन असना दूरा खोलथै जेही कउ बन्द नेहको के सकथै अउ जउन असना दूरा बन्द करथै, जेही कउ नेहको खोल सकथै। मै तोर कामन के जानथो, देख, मै तोर आगू अक्ठी दूरा खोल दय हव, जेही कउ बन्द नेहको के सकथै, मै जानथो कि तोर सक्ति चुटु हस हबै, पय तै मोर बचन के माने हबस अउ मोर नाम के नेहको नकारे हबस। सुना कुछ असना हबै जउन भुतवा के मंडली के हबै अउ जउन यहूदी न होउत भरमा खुद के यहूदी कथै, जउन केबल ठगरा हबै, मै उनके इहां आमै लग मजबूर करके तोर गोड तरी झुकाय देहुं अउ मै उनके मजबूर करिहों कि ऊ हइ जानै कि तै मोर प्रिजन हबा। 10 तुम मोर आदेस के जसना मजबूत बने रइहा, इहैनिता महुं तुमके ऊ परिक्छा के टेम सुरक्छित रखिहों, जउन सगलू दुनिया हे रहैबाले मनसे के बिस्वास के परखही। 11 मै हरबी आमै बाले हव, जउन सिक्छा तुम्हर लिघ्घो हबै ओहमा बने रइहा, जेखर लग कउ तुम्हर मुकुट के झइ छंडाय पामै। 12 जउन जीत पाही उके मै अपन भगवान के मन्दिर हे अक्ठी खम्भा बनाहुं। अउ ऊ फेर कबहुन बाहिर नेहको निकडही अउ मै अपन भगवान के नाम अउ अपन भगवान के सहर मतलब नबा यरुसलेम के नाम, जउन मोर भगवान के लिघ्घो लग स्वरग लग उतरै बाले हबै अउ अपन नबा नाम ओखर उप्पर लिखहुं।
13 इहैनिता जेखर कान होय ऊ सुनले कि आतमा मंडलिन लग काहिन कथै।
लउदीकिया कर संदेस
14 लउदीकिया के मंडली के दूत के हइ लिख, जउन ओसनेन हबै अउ जउन बिस्वास के काबिल अउ सही गवाह हबै अउ भगवान के रचना के मूल कारन हबै, ओखर संदेस हइ मेर हबै, 15 मै तोर कामन के जानथो कि तै न तो ठंड हबा अउ न गरम, केतका निक्खा होथै कि तुम ठंड या गरम हुइता। 16 इहैनिता कि तै कुनकुन हबा अउ न ठंड हबा अउ न गरम, मै तुमके अपन मुंह लग उगलै बाले हव। 17 तै कथस कि मै धन्नड हुइ गय हव अउ मोके कउन चीज के कमी नेहको, पय तोके पता नेहको हबै कि तै अभागा हबस, बेकार हबस बिना के दीन हबस, अंधरा अउ लंगडा हबस। 18 इहैनिता मै तोके सलाह देथो कि आगी हे ताय हर सोना खरीद के धन्नड हुइ जा अउ चरका बन्डी खरीद के पहिन लेया अउ अपन लंगडापन लग लज्जित झइ होबा अउ काजर खरीद के आंखी हे लगाबा, जेखर लग तुम देख सका। 19 मै जिनखर लग माया करथो, उनके दांकथो अउ सजा देथो, इहैनिता उकसामै बाले बना अउ पाप लग मन फिराबा। 20 सुन, मै दूरा हे ठाढ हव अउ ठोकठोकाथो, अगर कउ मोर आरो के सुनथै अउ दूरा के खोलथै ता मै ओखर घर हे घुसिहों अउ ओखर संग बइठके खाना खइहों अउ ऊ मोर संग बइठके खाना खाही। 21 पय जउन जीत पाही, उके मै अपन संग अपन राजगद्दी हे बइठाय के हक देहुं, ठीक जसना मै जीत के अउ अपन बाफ के संग ओखर राजगद्दी हे बइठे हव।
22 “जेखर कान होय ऊ सुन ले कि आतमा मंडलिन लग काहिन कथै।”