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पचमा पोंगा
जब पचमा स्वरगदूत पोंगा बजाइस ता मै बादर लग भुंइ हे गिरे हर अक्ठी तरइया देखो, जउन पत्ताल कुन्ड के चाभी दय गय रथै। ऊ अथाह कुन्ड के खोलिस अउ कुन्ड मसे बडा भट्टी के धुंवा उठिस अउ कुन्ड के धुंवा लग बेरा अउ हवा अंधियार हुइ गय। हइ धुंवा मसे चिड्डा निकड के भुंइ हे बगर गइन, उनके उहै सक्ति दय रहिस जउन भुंइ हे बीछी के होथै। उनके हइ आदेस दय गइस कि ऊ भुंइ के चारा अउ कउनो रूख या फडुहा के नुसकान झइ पहुंचामै, बलुक केबल उन मनसेन के, जिनखर लीलार हे भगवान के सील नेहको लगे हबै। चिड्डा के कउ के जान ले का हक नेहको मिले रथै, बलुक पांच महिना तक पीरा दे के हक दय गय रथै, हइ पीरा ओसना रथै, जसना बीछी के चाबै लग होथै। उन पांच महिना के भित्तर मनसे मउत के खोजत फिरहिन पय मउत उनके नेहको मिल पाही, उन मरै के निता तरसहिन पय मउत उनखर लग दुरिहां भगही।
अउ अब देखा कि ऊ चिड्डा युध्द के निता तइयार करे हर घोडवा के जसना दिखत रहै, उनखर मूड हे सोना लग मुकुट बांधे रथै, उनखर मुंह मनसे के जसना रथै अउ उनखर दांत बघवा के जसना रथै। उनखर बाल डउकी के जसना रथै अउ उनखर दांत बघवा के दांत के जसना रथै। उनखर सरीर माना लोहा के कवच लग ढंके हर रथै, उनखर पंख के आरो असना रथै, जसना लडाई हे कइन मेर के घोडवा जात अउ दउडत रथ के होथै। 10 उनखर पूंछी के चूंदी असना रथै, जसना बीछी के डंक होय अउ ओहमा मनसेन के पांच महिना तक पीरा देय के सक्ति रथै। 11 पत्ताल कुन्ड के साहब दूत के उन अपन राजा के रूप हे लय हर रथै, इब्रानी भासा हे ओखर नाम अबद्दोन रथै अउ यूनानी भासा हे ऊ अपुल्लयोन कहाथै। जेखर मतलब नास करै बाले,
12 पहली बडा दुख गुजर चुके हबै, पय एखर बाद आमै बाले दुइठे दुख हबै, जउन अबे बांकी हबै।
13 फेर जब छठमा स्वरगदूत पोंगा फूंकिस, ता मै भगवान के आगू अक्ठी सोना के बेदी देखो, ओखर चार कोनन मसे अक्ठी आरो सुनाई पडिस। 14 जउन छठमा स्वरगदूत के निता जउन पोंगा फूंके रथै, उके हइ आदेस मिले रथै, “उन चार स्वरगदूतन के आजाद के देया जउन फरात महानदी के लिघ्घो बंधे रथै।” 15 इहैनिता चारो स्वरगदूत के आजाद के दइन, ऊ उहै टेम, उहै रोज, उहै महिना उहै साल के निता तइयार रखे गय रथै, ताकि ऊ अक तिहाई मनसेन के मार डालै। 16 घोडवा हे चढै बाले के गिनती बीस करोड रथै, मै उनखर गिनती सुने रहों। 17 मै दरसन हे घोडवा अउ उनके देखो, जउन उनखर उप्पर बइठे रथै, उन कवच पहिने हर रथै, जउन धंधकत आगी के जसना लाल, गहिरा नीला अउ गंधक जसना पीला रथै अउ उन घोडवन के मूड बघवन के मूड मेर रथै अउ उनखर मुंह लग आगी, कोहिटा अउ गंधक निकडत रथै। 18 हइ तीन महामारियो के दवारा, मतलब आगी, धुंवा अउ गंधक दवारा, जउन घोडवा के मुंह लग निकडत रथै, अक्ठी भाग मनसे नास हुइ गइन। 19 हइ घोडवा के सक्ति उनखर मुंह अउ उनखर पूंछी हे रथै, काखे उनखर पूंछी सपुवा के जसना रथै, जेखर निस्तार ऊ मनसेन के पीरा पहुंचामै के निता करथै।
20 बचे हर मनसे, जउन हइ महामारी लग नास नेहको होय रथै, अपन हाथ के कामन लग मन नेहको फिराइन, उन परेत अउ सोना, चांदी, पीतर अउ लकडी के उन मूरती के पूजा करथै, जउन न तो देख सकथै अउ न सुन सकथै अउ न चल सकथै। 21 उन अपन दवारा करे हर काम, जसना खून, जादू टोना, गलत काम अउ चोरी करै लग मन नेहको फिराइन।