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अच्छी सिधान्त के सिक्छा
पय जउन बात सही सिक्छा के जसना हबै, तुम उहै के कहे करिहा। सियान मनसेन के गंभीर अउ ईज्जत लग संयमी, बिस्वास अउ माया , धीर हे पक्का होय चाही। उहै मेर सियान डउकी के आदत पवितर मनसेन लग होय, ऊ दोस लगामै बाले गुलाम बनामै बाले अउ दरुहा झइ होय, पय निक्खा बात सिखामै बाले होय, ताकि उन जबान डउकिन के सिखामै कि अपन डउकन अउ लरकन लग माया करै बाले होय, अउ संयमी, पवितर घर के कारोबार करै बाले, निक्खा अउ अपन-अपन डउका के बात के मानै बाले होय, ताकि भगवान के बचन के बुराई झइ होय।
ओसनेन जबान मनसेन के समझामै के संयमी होय। सगलू बातन हे खुद के निक्खा कामन के उदाहरन बना। सिक्छा हे इमानदारी, गंभीर, पवितर, अउ सही बोल चाल होय, जेही कउ गलत झइ कहि सकै, ताकि तुम्हर बैरी सरमिन्दा होय, अउ तुम्हर पल्ला कहै के निता उनखर लिघ्घो कुछु सब्द झइ होय।
हरवाह के समझा कि अपन-अपन मालिक के वस हे रहै, अउ सगलू बातन हे उनही खुस रखै, अउ बात के उलटा जबाब झइ दे, 10 चोरी झइ करै, पय बिस्वास के काबिल होय, ताकि हमर भगवान अउ मुकति करै बाले के सिक्छा के सान बढै।
11 भगवान के अनुगरह किरपा लग सगलू मनसेन के मुकति के निता परगट हुइ गय हबै, 12 अउ हमही सिखाथै, कि हम दुस्टता अउ दुनिया के अभिलासा के छांडके गंभीर लग, खराई अउ भगवान के आदत के संग हइ पीढी हे जी। 13 अउ धन्य आसा मतलब भगवान अउ मुकति करै बाले यीसु मसीह जब दुबारा आही, अपन महिमा के संग ओही ओरगत रही 14 जउन खुद के हमर निता दय दइस, ताकि हमके सबैमेर के अधरम लग छंडाइस, अउ सुध्द करके अपन निता खास मनसेन के तइयार करै, जउन निक्खा काम करै के निता तइयार होय।
15 हइ बातन के सिखाय करा, हिम्मत बढाबा, अउ पूर हक के संग डांटा अउ कउ तुमके बेकार झइ जान पामै।