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झूठे शिक्षक
1 पुन आत्मा स्पष्टता छे कयती छे कि आवनेवाळा टेहाव मा कोतरा मानसे सची वात छे छेटी ली जानेवावी आत्मा, आरू साहळा की शिक्षा पर मन लागाड़ीन भुरसा छे भड़की जाछे। 2 यो उन झूठा मानुस क कपट क कारण होयछे, जिनका विवेक मर गया छे। 3 जो वियाव करने छे रूकछे, आरू खाने की काही चीज छे छेटा रोवने की हुकुम देसे, जीनुक यहोवा–भगवान ने हेरेन करता बनायो कि विश्वास आरू सच्चाई क उवखनेवावा उको धन्यवाद क साथे खाय। 4 काहकि यहोवा–भगवान की बनावली आखी चीज वारली छे, आरू काही चीज नी मानने क योग्य नी; पर यो कि धन्यवाद क साथे खायो जाय। 5 काहकि यहोवा–भगवान क वचन आरू प्रार्थना क द्वारा चुखली होय जाती छे।
मसीह ईशु क वारलो सेवक
6 यदि तु भाईस क इन वात की याद देवाड़ता रोवछे, तो मसीह ईशु क वारलो सेवक ठरछे; आरू विश्वास आरू ओको वारलो शिक्षा की वात छे, जो तु मानतो आयो छे, तारो पालन पोषण होयतो रोवछे। 7 पुन भुंडी आरू डुकर्या की काहनी छे अलग रया; आरू भक्तिन शिकाड़ने कर। 8 काहकि डीलन करीन काम करने छे कम लाभ हुयसे छे, पर भक्ति सब वात क करता फायदु छे, काहकि इनाक टेहाव क आरू आवनेवाळो जीवन की भी प्रतिज्ञा अतरान करीन छे। 9 यो वात सच्ची आरू हर प्रकार छे मानने योग्य छे। 10 काहकि हामु हावहनत आरू यन्त इनान करीन करता छे कि हामरी आश तीना जीवता यहोवा–भगवान पर छे, जो सब मानुस क आरू खास करीन विश्वास क उध्दारकरता छे।
11 इन वात की हुकुम दे आरू सिकाड़ता रया। 12 कुधु तारी जुवानी क नेची नी समझे; पर वचन, आरू चाल चालन आरू मोंग, आरू विश्वास, आरू चुखलो जीवन मा भुरसा क करता विजुत राखनीया बन जा। 13 जव तक हाव नी आव, तव तक भन्ने आरू शिक्षा देने आरू सिकाड़ने मा लागलो रया। 14 तिना वरदान क प्रति जो तारे मा छे, आरू भविष्यव्दाणी क द्वारा डाहडान हात राखता टेमे तुखे जोड़ल छे, तिना पर ध्यान दे। 15 इन वात क सुचता रया आरू इन्ही मा आपनो ध्यान लागाड़तो रया, ताकि तारी बड़ती आखा पर प्रगट होय। 16 तारी आरू तारो शिक्षा की चोकसी राख इन वात पर बनलो रया, काहकि तव ओसो करतो रोवीस ती तु तारे आरू तारी सोमवनेवावा क करता भी उध्दार क कारण होयछे।