सभोपदेशक नी किताब
सभोपदेशक नी किताब
परिचय
सभोपदेशक एक ओसी किपात छे जी जीवन जुगु गियान सिखाड़े। किपात न जुगु हिबरु शोब्दान मोतलोब छे हुयो जो मानसोक एकठो कोरे। जादास जानकार मानसोन माननो छे कि राजा सुलेमान सभोपदेशकन लिखनेवाळो हुतो, पुन दिसरा मानसे इनी वात सी राजी नी होय। कदाम यो सुलेमान हुतो जो किपात काजे लिखलो हुतो, ती यो आंदास ई 970-931 ईसुन आवनेन पेहेल लिखली किपात छे, जो की उना टेमोन वात छे जोत्यार हुयो जिवतेलो होतो। दिसरो जानकार मानसोन माननो छे कि इनी किपात काजे कोय दिसरो लिखन्‌यो हुतो, काहाकि लोकेत कावा ऐरेम राजान जागा पोर पावरीयान बुली वापेरनाम आवली छे 5:8-9। तेनु जानकार मानसोन माननो छे कि सभोपदेशकन किपात सुलेमानोन टेमो गोथी घोना दाहड़ान ओळतेन लिखायली होती, बाखुन 400 आरु 200 सालोन इचमा जो ईसुन पोयदावारीन पेहेल।
सभोपदेशक यो कोवीन सुरु कोरे कि आखो काहीन एक वाहवा सारको छे जो छाटोत् उलुप होय जाय 1:2। ऐरो मोतलोब छे की हामरी जीवाय आरु हामरो काम जोलोम जुगु नी होय आरु इनाक सोमेजनो काठो छे। इनाक बेस काहिन थुड़ा टेमोन ओळतेन विसरी जासे। ऐरो घोनो काहिन हामरा बोदनाम गोथो बाहरो छे। जीवाय जोसी छे तोसीत् माननो आरु जो तुमरे जुळ छे तिनात् मा खुसी हेरनो वारु छे 9:9। जीवाय्‌न आखी काठली आरु खुशी पोर विचार् कोरता जाय्‌न, किपातोन पुरावु भोगवानोन बिक माननो आरु भोगवानोन कायदाक पाळनो छे 12:13 यी आखसी खास वात छे।
सभोपदेशकन रुपरेखा:
1. सभोपदेशकन अध्याय 1 आयत 1 सी 11 मा किपातन लिखन्‌यान आरु हेरा थुड़ाक जीवाय्‌न माहतीन परीचय आपलो छे।
2. 1:12 गोथो 6:9 लोगुन जीवाय्‌न मोतलोब पोर वात होयली छे। 1:12; 6:9
3. मासतोरोन लिखली सोला छे। 6:10 ;12:8
4. पाठ 12 आयत 9 गोथो 14 लोगुन यो कयीन किपात क लिखनो बोन्द कोरलो छे कि जीवाय्‌न आखी वात परमेश्वरन बीक माननो आरु हेरा हुकुमोन पाळोन कोरनो छे।
1
जिवाय वाय बार छे
यरुशलेमन राजा, दाऊद न पोर्या आरु सभोपदेशकन वचन। सभोपदेश क यो वचन छे, वाय बार वाय बार, वाय बार वाय बार, आखो बी वायेन छे, जो मेहनत मानुस इनी धरती पर करे, ओका सी हेको काय फायदु जड़े? एक पीढ़ी जाय आरु दिसरी पीढ़ी आवे, पुन धरती जसी की तसीत जोलोम बनली रये दाहड़ु उगे आरु डूबी वी जाय, आरु छाटलोत उना जागा पर जात रये जाँ सी त्यो उगे। वाहळो ते दोखेवरे भेनी जाय, आरु बोखवरे भेणी फिरती जाय; आरु फिरे आरु चाले, आरु आपसा जागा पोर पछी आत रवे। आखा नोंद्‌या एकुत् जागा भेणी ताव-ताव उह्‌या करे। त्या सब दरिया सी मिळ जाय आरु हेको भेणी पछी फिर जाय। आखी वात हरबड़ावने वाळी छे, मानुस हेको पुरावो नी कर सके। देखीन भी डुळान हर नी भागे, आरु समळीन भी कान्टा नी भराये। जो वात हय गयी त्या अळी पछी हुयसे। जो काय बनगियो त्योत् ओळी बनसे; आरु धरती पर काहय बी नवलो नी हय। 10 काय असी काहली वात छे, जेका वाराम लोगहन कय सके कि देख यी नवली छे? यी ते वेगला वाराम हामरे सी घण पेहले सी हुयती आय रयी। 11 वेगला वारान वात न काय फोम नी रयी, आरु हयने वाळी वातन क भी हेनको बाद मा आवने वाळान क फोम नी रये।
ओक्‌कोल वाय वार छे
12 हांव उपदेशक यरुशलेम मा इसराएलन राजो हुतो। 13 हाव म्हारो मन लगाड़ीयो कि जो काय धरती पर करीयो जाय, हेको पुरावो अकोल सी सोची समजीन मालोम करो; कि यो मोटा दु:खन काम छे जो परमेश्वर मानुसो वाटे टाकलो छे कि त्या हेका मा लागला रोवे तोसे। 14 हांव हेनु सब काम क देखीयो जो काय धरती पर हुये; देखु त्यो आखो वायबार छे आरु वाहळाक धरने तोसो छे। 15 जो आड़ो छे त्यो सुतरो नी हय सके, आरु जो नी होय त्यो गिनाये नी। 16 हांव मारा मोन मा कयो, देख, जतरा म्हार सी पेहले यरुशलेम मा हुता, हेनु आखा सी हांव घणी अकोल हात करलो छे; आरु मेखे घण जबर ओकोल आरु गियान जड़ गयलो छे। 17 आरु हांव म्हारो मन लगाड़ीयो कि अकोलन पुरावो लेयो आरु भंगलायली आरु विनअकलाय वात क बी जान लेयो। मेखे पतो लागीयो कि यो बी वाहळाक धरने तोसो छे। 18 काहकी जादा अकोलन सात मा जादा दु;ख हये, आरु जो आपसी अकोल वदाड़े त्यो आपसो दु:ख क बी वदाड़े।