7
1 अत: राजा आरु हामान एस्तेर रानी नु भोज मा आय गुयो। 2 आरु राजा न दिसरे दाहड़े दाखमधु पीता-पीता एस्तेर सी ओळी पुछ्यो, “हे एस्तेर रानी! तारो काय निवेदन छे? चो पुरयो कोर्यो जासे। आरु तु काय माँगती छे? माँग, आरु आदो राज लगुन तुख आप्यो जासे।” (मर. 6:23) 3 एस्तेर रानी न जपाप आपी, “हे राजा! कदाम तु म्हारे पोर प्रसन्न छे, आरु राजा क यो स्वीकार होय, ती म्हारो निवेदन सी मेखे, आरु म्हारे माँगने सी म्हारा लोगहन क जीवोनदान मिळे। 4 काहकी हांव आरु म्हारि जाति क लोगहन वेचाय गयला छे, आरु हामु आखा मार्या आरु नाश कर्या जानेवाळा छे। कदाम हामु केवल दास-दासी होय जाने क लिय वेचाय जाता, ती हांव हुगी रयती; चाहे तेनी दशा मा वी हुये विरोधी राजा नु हानि भर नी सकतो।” 5 तोत्यार राजा क्षयर्ष न एस्तेर रानी सी पुछ्यो, “चो कुण छे? आरु काँ छे जेरी असो करनेन हिमोत कोरलो छे?” 6 एस्तेर न जपाप आपी, “हुयो विरोधी आरु वेरु यो दुष्ट हामान छे।” तोत्यार हामान राजा-रानी क अगळ बिह गुयो। 7 राजा रिस सी भोराय गुयो, दाखमधु पीने सी उठीन, राजभवन क वाड़ी मा निकळी गुयो; आरु हामान यो देखीन की राजा न म्हारी हानी ठान्यो हसे, एस्तेर रानी सी जीवोनदान माँगने क उबो हुयो। 8 जोत्यार राजा राजभवन क वाड़ी सी दाखमधु पीने सी जागा मा लौटी आयो तोत्यार काय देख्यो, कि हामान उनी चोकी पोर जेरे पोर एस्तेर बठी छे झुक रयो छे; आरु राजा न कयो, “काय यो घरुज मा म्हारे सामनेज रानी सी बरबस करनो चाहतो छे?” राजा क मुख सी यो बुल निकळ्यो ही हुतो, की सेवको न हामान क मुय ढाँप देदा। 9 तोत्यार राजा क सामने हजुर रहनेवाळा खोजो मा सी हर्बोना नावोन एक न राजा सी कयो, “हामान क याँ पचास हाथ उचो फाँसी क एक खाम्बो उबो छे, ज हुयो मोर्दके क लिय बनवाड़्यो छे, ज राजान हित नु वात कर्यो हुतो।” राजा न कयो, “ओको ओकाज पोर लटकाय देवु।” 10 तोत्यार हामान ओकाज खाम्बा पोर ज हुयो मोर्दके क लिय तियार कोरायो हुतो, लटकाय देदो गुयो। एना पोर राजा नु रीस सेवाय गय।