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विश्वास क उदाहरण
हिमी विश्वास आश की होयी चीज क छाचो, आरू विनदेखियो चीज क प्रमाण छे। काहकि इनी क विषय मा डाहडा न वारली गवा देदी गयी।
यहुन्ना 1:3विश्वास ही छे हामु जान जानता छे कि सारी सृष्टि की रचना यहोवा–भगवान क वचन क द्वारा होयी छे। पर यो नी कि जो काही देखने मा आवतो छे, वो देखी होयी चीज छे बनाय होय।
विश्वास ही छे हाबील ने कैन छे वारू बलिदान यहोवा–भगवान क करता चढ़ाया, आरू ओकी क द्वारा ओका न्यायी हुयने की गवा भी देदी गयी, काहकि यहोवा–भगवान ने ओकी भेंट क विषय मा गवा देदी; आरू ओकी क द्वारा वो मरना पर भी हिमी तक वात करता छे।
विश्वास ही छे हनोक उठाय लेदा गया कि मरन क नी देखे, आरू ओको पता नी हावव्य काहकि यहोवा–भगवान ने ओको उठाय लेदा हुता, आरू ओका उठाय जाने छे पेहल ओकी यो गवा देदी गयी होती कि त्यो यहोवा–भगवान क खुश कर्‍या छे। आरू विश्वास विना उको खुश करने वातड़ो छे; काहकि यहोवा–भगवान क साथे आवनेवाळा क विश्वास करनो जूवे कि वो छे, आरू आपने हेरनेवावा क हर फोव देता छे।
विश्वास ही छे नूह ने उन वातन विषय मा जो उना टेहाव देखाय नी पड़ती होती, चेतावनी देखीन भक्ति क साथे आपने घराने क बचाव क करता ढोंड्या बनाड़े, आरू ओका द्वारा त्यो संसार क दोषी ठेराया; आरू ओको न्यायपन क वारीस होया जो विश्वास छे हुता छे।
विश्वास ही छे अब्राहम जव बुलाया गया तो हुकुम मानीन ओसी धरतीम निकवीन गया जिनाक मीरास मा लेनेवावा हुता; आरू यो नी जानता हुता कि हाव काह जाता छे, तोभी निकवी गया। विश्वास ही छे त्यो प्रतिज्ञा कर्‍या होया देश मा, दिसरं देश मा परदेशी क समान, रोवीन इसहाक आरू याकूब सहावत, जो ओका साथे तीनी प्रतिज्ञा क वारीस होतो, तम्बू मा वास कर्‍या। 10 काहकि वो उना स्थिर नींव वावा नगर की वाट जुवता हुता, जेरो रचनेवावा आरू बनावनेवावा यहोवा–भगवान छे।
11 विश्वास छे सारा ने आप डाहली हुयने पर भी कुख धारण करने की शक्ति देखी, काहकि त्यो प्रतिज्ञा करनेवावा क सच जाननो होतो। 12 इनीये कारण एक ही जन छे, जो मरलो हुयो सा होतो, आकाश क तारों आरू दरिया क तीर क बालु क समान अनगिनित वंश पैदा हुयो।
13 यो सब विश्वास ही की दशा मा मरला; आरू त्या प्रतिज्ञा की होयी चीज नी देखी, पर तीनुक दूर छे देखीन खुशी होया आरू मान लेदा कि हामु धरती पर परदेशी आरू बाहरी छे। 14 जो ओसी वात कयता छे, वे प्रगट करता छे, कि स्वदेश की हेर मा छे। 15 आरू जिना देश छे वो निकवी आश हुता यदि उना की सुधि करता तो तीनुक पछो जाने क मेखे होतो। 16 पर वे एक वारू मतलब सोरग देश क लालोच छे; इनी करता यहोवा–भगवान इन्दरो यहोवा–भगवान कवायने मा उनछे नी लाजवातो, काहकि त्यो इन्दरे करता एक एक नगर तीयार कर्‍या छे।
17 विश्वास ही छे अब्राहम ने, पारखी जाने क टेहाव मा, इसहाक क बलिदान चढ़ायो; आरू जो प्रतिज्ञा क सची मान होती। 18 आरू जिनासे यो कयो हुता, “इसहाक छे तारो वंश कवायसे चो आपने एक खुळीया क चढ़ावने लाग्यो।” 19 काहकि त्यो मान लेदो, कि यहोवा–भगवान सामर्थी छे कि उको मरला मा छे जीवाड्यो; शेवली कावा उका मा छे सपनो की रीति पर वो उको पछु मिव।
20 विश्वास ही छे इसहाक ने याकूब आरू एसाव क आवनेवावी वातन विषय मा बरकत आप्यो।
21 विश्वास ही छे याकूब ने मरता टेहाव यूसुफ क दुय पोर्‍या मा छे एक एक क बरकत आपी, आरू आपसी लाठी क सिरे पर सहारा लीन दण्डवत् कर्‍या।
22 विश्वास ही छे यूसुफ ने, जव वो मरना पर होतो, तो इस्राएल की अवलियाद क निकवी जाने की चर्चा करी, आरू आपसी हड्डियो क विषय मा हुकुम देदी।
23 विश्वास ही छे मूसा क आश बास ने ओको, पैदा हुयने क बाद तीन महना तक डुकाड़ राख्या, काहकि त्या देख्या कि पोर्‍य सुन्दर छे, आरू वो राजा की हुकुम सी नी घाबराये।
24 विश्वास ही छे मूसा सयाना हईन फिरौन क पोराय क पोर्‍य कोवायने क नि कयो। 25 एरकरीन कि उको पाप मा थुड़ा दाहड़ाम सुख भोगने छे यहोवा–भगवानन मानसोन साथे दुःख भुगने सवटो वारू लागे। 26 त्यो मसीह क कारण निन्दित हुयने क मिस्र क भण्डार छे मोटो धन समझा, काहकि ओका डुवा फोव देखने की आरू लागी होती।
27 विश्वास से राजा न रीस सी नी बीहिन मिस्र देश क नी छुड़ीयो, काहकि त्यो देखीन भी नी देखला बराबर वातड़ो रयो। 28 विश्वास ही छे ओको ने फसह आरू लुहूय यो छिटनेन की विधि मानी, कि पेहलौठान नाश करनेवावा इस्राएलियों पर हात नी नाखे।
29 विश्वास ही छे वे लाल दरियान पार ओसो उतर गया, जोसो सूखी धरती पर छे; आरू जव मिसरी ने वोसो ही करनो जूवे तो आखा डूब मर्‍या।
30 विश्वास ही छे यरीहो की शहरपनाह, जव वो सात दाहड़ा तक ओको चक्‍कर लागाड़ चुक्या, तो वो पड़ गयो। 31 विश्वास ही छे राहाब वेश्या हुकुम नी माननेवावान साथे नष्ट नी होयी, तेरेन करीन कि त्यो भेदियान कुशल छे राख्यो होतो।
32 हिमी आरू काय कहवो? काहकि टेहाव नी रया कि गिदोन क, आरू बाराक, आरू शिमशोन न आरू येफ़्ताह, आरू दाऊद, आरू शमूएल, आरू नबिया, भविष्यवक्तान वर्णन करू। 33 चे विश्वास ही क द्वारा राज्य जीक्या; न्यायपन काम कर्‍या; प्रतिज्ञा करी होयी चीज हासिल करी; नाहरन मुय बंद कर्‍या। 34 आगठा आस छेवो कर्‍या; तलवारन धार छे वाच गया; निर्बलता मा बलवन्त होया; लड़ाई मा वीर निकव्या; विदेसन फौज काजे ढेगाठीन ढासाड्या। 35 लुगाई ने आपने मरला होया पोछा जीवता होया देखी; कोतरा तो मार खाता खाता मर गया आरू छुटकारा नी जूव्या तेरे करीन कि वारू जीव उठनेन भागी होय। 36 काही एक ठट्ठा मा उड़ाय जाने; आरू कोड़े खाने वरना बांध जाने, आरू कैद मा पड़नेन द्वारा पारखाय गया। 37 दगड़ा देदा; आरे छे चीराय गया; इन्दरी परीक्षा की गयी; तलवार छे मार गया; वो गरीब मा आरू पीड़ा मा, आरू दुःख भगता होया भेड़ो आरू बुकड़ा की खालें पांगरला होया, याने वा मारे मारे पुगीयो। 38 आरू जंगल, आरू बयड़ा आरू दोर मा, आरू धरती क दरारों मा भटकता लिकायता संसार ओको वारला जागु नी हुतोँ।
39 विश्वास ही क द्वारा इन सब क विषय मा वारली गवा देदी गयी, तव तीनुक प्रतिज्ञा की होयी चीज नी मिवी। 40 काहकि यहोवा–भगवान ने हामरे करता पेहल छे एक वारू वात ठराय, कि वो हामरे बिना सिध्दता क नी पुचाड़े।

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