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योरीहो क भेद लिन जानु
1 *2:1 इब्रानियो 11:31तव नुन क पोर्यो योहोसु दुय भेदिया क शित्तीम सी धोपाईन मोकली देदु, आरु उकाह कयो, “जाईन उका देश आरु योरीहो क देख।” तात्काल चा चाल देदा, आरु राहाब नावन काहनी वेश्या क घर मा जाईन सुय गयो। 2 तव कोय योरीहोन राजा सी कयो, “आज रात मा कोय इसराएली हामरा देश न पुरावो लेने या आया छे।” 3 तव योरीहोन राजु राहाब क ज यो कयीन मोकल्यो, “जो ओदेमड़ा तार या आवला छे हेनको बाहरते ली आव; काहकी चा सब देश क भेद लेने क आया छे।” 4 ची बायर दुयु माहनक धोपाड़ मेकली; आरु ओसो कयो, “मार जु बैस मानसे आया ते हता, पुन हाव नी जानती कि चा कावाळा हता; 5 आरु जब आंधारो हयो, आरु सहरन फाटक बंध होयने लाग्यो, तव चा निकळी गया; मखे मालुम नी कि चा का गया; तुमु आंदाज करिन हेनको पछव जावु ते हेनको जाईन धरसे।” 6 ओको उकान घरन छत पर चढ़ीन सनन लाकड़ाक नेड़ी हेनको डुकाड़ दिदी जो हेका घर पर सजाड़ीन मेक देदली हती। 7 चा मानसे ते यरदन क रस्ता वोगे उकाक हेरने मा घाट तक जात रया; आरु जा उकाह हेरनेवाळा सोहोरन झोपला सी निकळ्या त्यो फाटक बंध हुय गया।
8 या लुटनु नी जुवला हता कि ची बायर घर पर उकान जु जाईन 9 आरु उना लोगहन सी कयणे लागी, “मखे ते पाक्को जान पड़े कि योहोवा भगवान तुमु लोगहन क यो देश आपलु छे, आरु तुमरु डर आमु लोगहन क मन मा समायलु छे, आरु ओका देश मा सब रयने वाळा तुमरे कारण हरबळाय गया छे। 10 †2:10 निर्गमन 14:21, गिनती 21:21-35काहकी हामु सोमवला छे कि योहोवा भगवान तुमरे मिसर सी निकळने टेमे तुमरे सामने लाल दरिया क पाणी सुकाळ देदु। आरु तुमु सीहोन आरु ओग नावन यरदन पार रयने वाळा एमोरिया क दुयु राजान सत्यनाश कर नाख्या छे। 11 आरु यो सोमवताज आमरो मन पोगवी गयो, आरु तुमरे कारण काहना क घणा घबराय गिया; काहकी तुमरु परमेश्वर योहोवा भगवान ऊपर वादवा क आरु नेड़ली धरतीन परमेश्वर छे। 12 हिमी हाव जो तुमरे पर दया कर्यु छे, एरकरता म्हार सी भगवानन कसम खावो कि तुमु भी म्हार बासन क घरन आखा पर दया करसु, आरु ओका खोरलो सोहलानी मखे आप, 13 कि तुमु मार आय-बास, भाईसक आरु बोहनीस क, आरु जो काहय उकान छे उना सभा क भी जीवतो मेक रयु, आरु आमु सब क प्राण मरने सी वाचाड़सु।” 14 तव उना लोगहन कयो, “कदाम तु आमरी यी वात काहना पर प्रगट नी करे, ते तुमरा जीवन क बदले आमरु जीव जासे; आरु जव भगवान आमुक यो देश आपसे, तव हामु तार साथे दया आरु छाचाय सी बर्ताव करसु।”
15 तव राहाब जेका घर सोहोरन भितड़ा धड़े बवनो हतो, आरु ची चाज रवती हती, उको उकाह खिड़की सी नाड़ा क भुरसे उतारीन नगरन बाहरते कर देदी। 16 आरु उको उकाह कयो, “बोयड़ा पर जात रयु, ओसो नी होए के तुमुक हेरने वाळा तुमुक देखे; एरकरता जव तव तुमुक हेरने वाळा वापस नी आए तव तक, मतलब तीन दाहड़ा चा धोपाय रवजु, उकान बाद आपनु रस्तु लेजु।”
17 हेको त्या कयो, जी कसम तु हामुक खवाड़ली छे हेका वारामा ते हामु विन गुणाका रयसु। 18 सोमव, जव हामु इना देश मा पछा आवसु, तव जीन खिड़की सी तु आमुक उतारियो छे उकामा लाल रंग क हुतन दुवड़ी बांध देनु; आरु आपना आया-बास, भाईस्योक, नीते आपनी बासक सब घराना क इना घर मा आपने जु एकठा करिन मेकनु। 19 तव कुई तार घरन झोपलान बाहरते निकाळ्या, उकान लुहुयोक दोष उकान मुनका पर पड़ जाय, आरु आमु निर्दोष ठरसे: पुन कदाम तार साथे घरमा रयता रयता एकदा पर एकदान हाथ पड़े, ते उकान खुनन दोष आमरे मुनका पर पड़से।
20 तु हामरी यी वात कोय को कय दिस, ते जी कसम तु आमुक खवाड़ली छे हेका सी हामु विन गुणाका रयसु 21 उको कयो, “तुमरा वचन क अनसारे होय।” तव हेको उकाह वाट लागाड़ देदो, आरु चा जात रया; आरु हेको लाल रंग क दुवड़ी क खिड़की मा बांध देदा।
22 चा जाईन बोयड़ा पर पुग्या, आरु चा हेरने वाळान क पछा आवने तक, मतलब तीन दाहड़े तक रया; आरु हेरने वाळा उकाह सब रस्ता मा देखता रया आरु का नी देख्या। 23 तव त्या दुयु ओदेमड़ा बोयड़ा सी उतर्या, आरु पार जाईन नुन क पोर्यो योहोसु क जु पुगीन जो काहय उना पर वीती हती उकान वाराम कया। 24 आरु चा योहोसु सी कया, “हमखास योहोवा भगवान वा सब देश आमरा हाथ मा कर देदु छे; पछु ओका सिवाय उकान सब रयने वाळा आमरे कारन हरबड़ाय गया छे।”