25
दस छल्ला पोरायन उदाहरण 
  1 ✡25:1 लूका 12:35“तव सोरग क राज उन दस छल्ला क समान हुयसे जो आपसी दिया लीन लाड़ा क मेळने करीन निकली।”   2 उका विच मा विन अकलाय आरू पाच हुसियार हुती।   3 विन अकलाय आपसी दिया तो लेदा, बाकुन साथ मा तेल नी लावी।   4 बाकुन हुसियार आपसा चीमनिया क साथ मा डब्बा मा भी तेल भर लेदा।   5 जव लाड़ा क आवनेन समय हुयो, तो त्या सब निंद से उंगायने लाग गय, आरू सुय गय।   
 6 “आदी राती धुम मची, आरू देखो, लाड़ो आवी रयो, उका सी मेळने करी चालो।”   7 तव त्या सब छल्ला पोराय उठीन चीमनिया क तियार करने लाग गिया।   8 आरू विन अकलाय छल्ला हुसियार सी कहवी, “तुमरा तेल मा सी थुड़ोक हामुक भी देय देयो।”   9 बाकुन हुसियार पोराय जवाब देदी, हामरे आरू तुमरे करता पुरो नी हुये; वारलो तो यो छे की तुमू वेचने वाला क पास मा जाईन तेल मेल ली लेय।   10 “जव त्या मुव लेन करीन जाती हुती, तो लाड़ो आय गियो, आरू जो तियार हुती, त्या उका साथ मा वियाव क घर मा चाली गय आरू झोपलो बंद कर दियो गियो।”   
 11 ✡25:11 लूका 13:25एर बाद मा त्या दिसरी छल्ली पोराय भी आवीन कयने लागी, “हे स्वामी, हामरे करता झोपलो खुल दे, आरू हामुक माहय आवने देवु।”   12 ईशु जवाब देदो, कि हाव तुमरे सी सच कहवो, हाव तुमूक नी जानो।   
 13 अतरानकरीन करीन जागता रहवो, काहकि तुमू नी उना दाहड़ा क जानो, नी उना समय क।   
तीन पाविया क उदाहरण 
 (लूका 19:11-27)  
 14 ✡25:14 लूका 19:11-27“काहकि सोरग क राज्य उना मानुस क समान छे, जो दिसरा देश जाते समय आपसा दास क बुलावीन आपसी संपत्ति दास क दी दियो।”   15 त्यो एक क पाच हजार सोना क सिक्का, आरू दिसरा क दूय हजार सिक्का, आरू तीसरा क एक हजार एक जन क ओकी शक्ति क अनसारे दी दियो, आरू तव आपनी यात्रान करता दिसरा देश मा चली गियो।   16 तव, जिनाक पाच हजार सोनान सिक्का मुविया हुता, उनाक तत्काल जाईन उका सी लेनो–देनो करियो, आरू पाच सिक्का आरू कमायो।   17 बाकुन जिनाक दूय मुवियो हुतो, त्यो भी दूय हजार सोनान सिक्का आरू कमायो।   18 बाकुन जिनाक एक हजार सोनान सिक्का मुवियो हुतो, त्यो जाईन धरतीक खुंदियो आरू मालिकन धन गाड़ीन सातीन दियो।    
 19 “बैस दाहड़ा क बाद मा त्या सेवक न मालिक आवीन उन दास सी हिसाब लेने लाग गया।”   20 जिनाक पाच सिक्का जुड़्या हुता, त्यो पाच हजार सोनान सिक्का लावीन कयो, “ए मालिक, तु मेखे पाच हजार सोनान सिक्का आपलो हुतो, देख हाव पाच हजार सोनान सिक्का आरू कमाय लेदु छे।”   21 ओको मालिक उका सी कयो, शाब्बास वारला आरू विश्वास योग्य दास, तु थुड़ाक मा विश्वासयोग्य रयो; हाव तुखे बैस चीजोन हकदार बनावीस। थारा मालिकन खुशी मा मेळाको हय।   
 22 “आरू जिनाक दूय सिक्का जड़ला हुतो, त्यो भी आवीन कयो, ए मालिक तु मेखे दूय सिक्का जड़ला आपलो हुतो, देख, हाव दूय तुड़ा आरू कमायो।”   23 उको मालिक उका सी कयो, शाब्बास वारला आरू विश्वासयोग्य दास, तु थुड़ाक मा विश्वास योग्य रयो, हाव तुखे बैस चीजोन हकदार बनावीस थारा मालिकन खुशी मा मेळाको हय।   
 24 “तव जिनाक एक हजार सोनान सिक्का मुवलो हुतो, त्यो आवीन कयो, ‘ए मालिक हाव जानतो हुतो, कि तु वातड़ो मानुस छे: तु जा नी वेरे वा काटे, आरू जा नी छाटे वा सी एखटा करे।’   25 अतरानकरीन करीन हाव बीह गियो आरू जाईन थारा तुड़ाक सिक्का धरतीम साती दियो; देख, जो थारो हुतो, त्यो यो छे।”   
 26 उको मालिक उका सी जवाब देदो, कि ए दुष्ट आरू आलसिया दास; जव तु यो जानतो हुतो, कि जा हाव नी वेरो वा सी काँटो; आरू जा हाव नी वेरीया वा सी एखठा कर।   27 तो तुखे तारो धन महायाजक क या जमा करनु हतु। तव हाव वापस आपने पे ब्याज सहित ली लता।   28 अतरानकरीन त्यो एक हजार सोनान सिक्का उका सी ली लेदो, आरू जिनाक पास मा दस हजार सोनान सिक्का, उको आप देदो।   29 ✡25:29 मत्ती 13:12; मरकुस 4:25; लूका 8:18काहकि जिना कोय क पास छे, उको आरू भी दे दियो जासे; आरू उका पास बैस हुय जासे; बाकुन जिना पास नी हुय, उका सी त्यो भी जो उका पास छे ली जासे।   30 आरू ओका निक्कमा दास क बाहरते आंधारामा न्हाख देवु, जा रड़नु आरू दात पीसनु पड़से।   
आखरी नियाव 
  31 ✡25:31 मत्ती 16:27मत्ती 19:28जव मनुसोन पोर्या आपसी महिमा मा आवसे, ओवी आखा सोरगदूत हेरे पुठी आवसे ती त्यो हेरी महिमा न पर बोस जासे   32 आरू सब राज्य क सामने एखठा हुयसे; आरू जसा गुवाळियो गाड़ गाडरा आरू बुकड़ा सी अलग कर देय, वसोत त्यो उन क दिसरा सी अलग कर देसे।   33 आरू त्यो गाडरा न क आपसा जेवड़ा तरफ आरू बुकड़ान क डासचिया तरफ उबा करसे।   34 तव राजा आपसे जेवड़ा तरफ वाला सी कहवसे, “ए म्हार बास क सयाला लोगहन, कहवासे, जो कोळ जुग क शुरू सी तुमरे जुगु तियार करलो छे।”   35 काहकि हाव भुखलो हुतो, आरू तुमू मेखे खानो दिया; हाव पिसलो हुतो, आरू तुमू मेखे पानी पिवाड़िया, हाव दूर देश क हुतो, तुमू मेखे तुमरा घर मा मेकलु;   36 “हाव नांगरो हुतो, तुमू मेखे छिंदरा पेहराया; हाव बीमार हुतो, तुमू म्हारी खबर लेदो, हाव जेल खाना मा हुतो, तुमू म्हार सी मेळने आया।”   
 37 तव न्यायी उको जवाब देसे, “ए पोरबु हामु कोतार तुखे भुखलो देखिया आरू खवाड़िया? आरू पोसलो देखिया, आरू पानी पिवाड़िया?”   38 “हामु कोतार तुखे अनजानो देखिया आरू आपसा हामरा घर मा रूकाया या नांगो देखिया, आरू छिंदरा पेहराया?   39 हामु कोतार तुखे बीमार या जेलखाना मा देखिया आरू थार सी मेळने आया?”   40 तव राजा उन लोगहन क जवाब देसे, हाव तुमरे सी सच कहवो, कि तुमू इनु नाना सी नानला भाईस सी कोय एक क साथ मा करिया, त्या तुमू म्हार सात मा करिया।   
 41 “तव त्यो डाखरिया तरफ वालान लोगहन क कहवसे ए श्रापित लोगहन, म्हार सामने सी उका जलोम धपनीया आग्ठा मा जाती रहवो, जो शैतान आरू उका दूत क करता तियार करला छे।”   42 काहकि हाव भुखलो हुतो, आरू तुमू मेखे खानो नी दिया, हाव पिसला हुतो, आरू तुमू मेखे पानी नी पीलायो;   43 हाव बाहर देश क हुतो, आरू तुमू मेखे तुमरा घर मा नी रूकने दीदा; हाव नांगो हुतो, आरू तुमू मेखे छिंदरा नी पेहनाया; हाव बीमार आरू जेल खाना मा हुतो, आरू तुमू म्हारी खबर नी लेदो।   
 44 तव त्या जवाब देसे, “ए पोरबु, हामु तुखे कोतार भुखलो, या पीसलो, या बाहर देश क आरू नागरो, या बीमार, या जेलखाना मा देखिया, आरू थारी सेवा नी करिया?”   45 तव त्यो उन लोगहन क जवाब देसे, हाव तुमरे सी सच कहवो कि तुमू जो इनु नाना सी नानला माईन कोय एक साथ मा नी करिया, त्यो म्हार साथ मा नी करिया।   46 “या सब अमरकायन सजा झेलसे, बाकुन न्यायी अमरकायन जीवन मा भरायसे।”