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श्वर्ग हावं आराधना
इनी वात क बाद जो हाव नजर न्हाखियो ती हाव यो देखियो कि सोरग मा एक झोपलो खुलो हूओ छे, आरू जिनाक हांवने पेहल सी भिरा सारकी ओवाज छे म्हार साते वात करतो हूओ समळ्यों हूतों त्योत् कये, “याहा उपर आवीजा; आरू हांव वो वात तुको सिकाड़ीस जिनाक इन वात न क बाद मा होयणों जरूरी छे” पर हाव आत्मा मा आवीग्यों; आरू काय देखूँज् कि एक सिंहासन सोरग मा हावकळों छे, आरू उना सिंहासन पर कोय बठलों छे। जो उका पर बठलो छे वो यशब आरू माणिक्य सारको देखायतों छे, आरू सिंहासन क च्यारे ओळी मरकत सारकों एक हावघधनुष देखाय देतों छे। उना सिंहासन क च्यारे तरफ सी आरू चौवीस सिंहासन छे; आरू उना सिंहासनों पर चौवीस डाहडा धवळा छिंदरा पेहरीन् बठ्या छे, आरू ओको माथा पर सोना क मुकुट छे। प्रकाशितवाक्य 8:5; 11:19; 16:18प्रकाशितवाक्य 1:4उना सिंहासन मा सी विजळी आरू ककड़ीन निकळती छे आरू सिंहासन क ओंगळ आगठा सात दिळा धोंपता छे, वाँ यहोवा–भगवान की सात आत्मा छे, आरू उना सिंहासन क ओंगळ मानल्यों कि घणो घाटाळा सारकों आरसान सारकों दरियों छे।
राजगाद्दी क बीच मा आरू राजगाद्दी न च्यारे मेर सी च्यार जीव छे, जिना ओंगळ पोछळ ड़ूळात् ड़ूळा छे। पेहलों जीव नाहारों सारकों छे आरू दिसरों जीव कैवड़्याँ सारकों छे, तिसरा जीवन् मुय मानुस न सारकों छे, आरू चौवथों जीव घुवड सारकों छे। च्यारो जीवों क छव–छव पाखड़ा छे, आरू च्यारो हावर आरू माहायता ड़ुँळात् ड़ुँळा छे; आरू वाँ रात न दाहाड़ू बिगुर आराम करियो यो कयता रवे छे,
“चुखलो पोरबु यहोवा–भगवान,
आखा सी मोटु ताकत वाळु, जो हूँतों आरू जो छे आरू जो आवने वाळो छे।”
जव वाँ जीव ओकी जो सिंहासन पर बोठ्या छे, आरू जो युगानयुग क जीवतु छे, महिमा आरू विजुत आरू धन्यवाद करसु; 10 तव चौवीसो डाहडा सिंहासन पर बठने वाळा न ओंगळ पड़ जाछे, आरू ओका जो जलोमकु जीवतु छे वंदसी, आरू वो आपसा–आपसा मुकुट सिंहासन क ओंगळ यो कयता जाय न्हाख देसी,
11 “ए हामरा पोरबु आरू यहोवा–भगवान,
तु ही महिमा आरू विजुत आरू शक्ति क योग्य छे”
काहकि तु न ही सब चीजन क बनायों
“आरू वाँ तारी मोरजी सी हूँती आरू बोनावी गय।”

4:5 प्रकाशितवाक्य 8:5; 11:19; 16:18प्रकाशितवाक्य 1:4