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गाडरो आरू एक लाख चौवालीस हजार लोगहन
प्रकाशितवाक्य 7:3आरू हाव नजर न्हाखियो, आरू देखियो कि त्यो गाडरो सिय्योन बयड़ा पर उबो छे, आरू तेखा मुनका पर ओकान बासन नाव लिखलो छे। सोरगदूत से आरू मखे एक असो बुल समळायो, जो पानीन घण सवटी आरू चे राजगाद्दी क ओगळ आरू चार जीवप्राणी आरू वेगला डाहडा क सामने मानु, एक नवलो गीत गाय रयु होतु, आरू उका एक लाख चौव्वालीस हजार जनोक छुड़ जा धरती पर मुलवी ली गया हता, कोय चो गीत सिख नी सके। या चे छे, जो बायरन क साथ मा विटळ नी हुया, बाकुन त्या छल्ला छे; या त्या छे, कि जा काँ भी गाडरो जाय, त्या ओका पछोळ चालता रये; त्या यहोवा भगवान आरू गाडरा न निमित्त पेहला फव हुयने करीन मनुसो माईन मुलवी गया छे। आरू तिन्दरा मुय से कदी छुट नी निकलियो हुतो, चे निर्दोष नी होय
तीन
औळी हाव एक आरू सोरगदूत क वादवा क विच मा उड़तलो देखियो जिना पास धरती पर क रहवनेवाळा क आखी जाती, कुल भाषा, आरू लोगहन क करता अमरकाय खुश खबर हुतो “आरू चो मोटा बुल से कयो, यहोवा भगवान से बीक राखो, आरू ओकी महिमा करो, काहकि उको नियाव करनेन समय आय गयलो छे; आरू ओकी आराधना करो, जो सोरगदूत आरू धरती आरू दरिया आरू पानी क झोरे बनायो”
प्रकाशितवाक्य 18:2“एका बाद मा आरू एक दिसरो सोरगदूत यो कहवतो जाईन आयो, गिर पड़्यो, चो मटलो बेबीलोन गिर पड़्यो, जो आपसा व्यभिचार क काम क रीस सी भरायलो मोंद आखी जातीन क पीवाड़लो छे।” ओळतेन आरू एका बाद मा आरू तीसरा सोरगदूत मोटा बुल से यो कयता जाईन आयो, “जो कोय भी त्या जनवार आरू ओकी पुजा करे, आरू आपसा माथा या आपसा हाथ पर एकु छापू लागाड़, 10 ती चो यहोवा भगवान क रीसन मोंद जिनाम काय भी भेस्काव नी होय, उका रीस न वाटका मा भर दियो गयो छे, चो पीसे आरू चुखलो सोरगदूत क सामने आरू गाड़ गाडरा क सामने आगठी आरू गन्धक ससन पीड़ा मा पड़से। 11 आरू तेखी पीड़न धरतीड़ो जलोमको उठतो रहवसे, आरू चे जो तिना जनवार क पुजे, आरू उका नाव क छापू लेय, उको रात न दाहड़ू आराम नी जोड़से।”
12 चुखलो लोगहन क गम इना मा छे, जो यहोवा भगवान न हुकुम क माने, आरू ईशु पर विश्वास राखे।
13 आरू हाव सोरगदूत से यो बुल सुन्यो, “लिख: जो मरला पोरबु मा मरे, चे हाय गथा सयाळा छे।”
आत्मा कहे, “होव, काहकि चे आपसी मेहनतन कामो से आराम करसे, आरू तेखा काम उको पुठी रहसे।”
धरती पर कमाय की काटनी
14 नजर न्हाखियो, आरू देखियो, कि एक विजाळो वादळो छे, आरू त्या वादळा पर मानुस क पोर्‍या सारको कोय बठलो छे, जिना मुनका पर सोनान मुकुट आरू महंगलो हळ छे। 15 औळी एक आरू सोरगदूत मंदिर मा से निकळीन, हेका सी जो वादळा पर बठलो हुतो, जुर्‍ये बुलो से आयड़ीन कयो, “थारो हळ लागाड़ डीन लवनी कर, काहकि लवने क समय आय गयलो छे, एरकरीन कि धरती पर की खेती पाक गयली छे।” 16 आरू जो वादळा पर बठलो हुतो, त्यो धरती पर आपसो हळ लगाड़यो, आरू धरती पर लवनी करियो।
17 ओळी एक आरू तिना मंदिर मा से निकळियो, जो सोरगदूत मे छे, उको पास भी महंलो हळ हुतो।
18 ओळी एक आरू सोरगदूत, जिनाक आगठी पर हक आपलो हुतो, वेदी मा से निकळियो, आरू जिनाक पास महंगलो हळ हुतो, उको जुर्‍ये आयड़ीन कयो, “थारो महंगलो हळ लगाड़ीन धरती पर की अंगुर क गुछळो काट ले: काहकि ओकी गयली छे।” 19 तीत्यार त्यो सोरगदूत धरती पर आपसो हळ लगाड़यो, आरू धरती पर की अंगुर क पाक क फव काटीन, आपसा यहोवा भगवान क रीसन मटला रसन कुण्डा मा डाल दिदो 20 आरू नगरन बाहर त्या रसन कुण्डा मा डाळियान क रौंदळीया, आरू रसन कुण्डा मासे अतरो लुहूय यो निकळियो कि घुल्लान क लगाम तक पुग गयो, आरू सौ कदाम तक उहवी गयो।

14:1 प्रकाशितवाक्य 7:3

14:8 प्रकाशितवाक्य 18:2