7
येका लिये प्रियजन जब कि या प्रतीज्ञाहोन हमखे मीली हइ, ते आनू, हम अपना खुद को आंग अरु आत्मा खे सब मलिनता से अच्छो कर्येका अरु परमेश्वर को डर रखते हुये पवित्रता, सिद्ध कर्ये.
खुशी अरु पश्चाताप
हमखे अपना दिल मे जगा दे हमने नी कोय से अन्याय कर्यो, नी कोय को बिगाड्यो, अरु नी कोय खे ठग्यो. मी तुमखे दोषी ठैरान का लिये यो नी बोलु क्युकि मी पैयले ही बोली चूक्यो हइ, कि तुम हमारा दिल मे असा बसी गया हइ कि हम तुमारा साथ मरी जीन का लिये तैयार हइ. मी तुम से भोत हिम्मत का साथ बोली र्‍हो हइ मेखे तुम पर बडो घमण्ड हइ मी शांती से भरी गयो हइ. अपनो पुरा दुख मे मी खुशी से खुब पुरो र्‍हेस हइ.
क्योंकि जब हम मकिदुनी मे आया तब भी हमारा आंग खे चैन नी मील्यो पन हम खे चारी तरप से दुख मीलतो थो. बाहेर वाद विवाद थो, अंदर डर कि बात थी. ते भी दिनहोन खे शांती देनआला परमेश्वर ने तीतुस का आना से हम खे धीरज दियो. अरु नी फक्तओका आना से पर ओकी वा शांती से भी, जो ओखे तुमारा तरफ से मीली थी. अरु ओने तुमारी मेखे मीलन कि इच्छा अरु डाखोर्या तुमारा दुख अरु मरा लिये तुमारा धुन को समाचार हमखे सुनायो, जेका से मेखे अरु भी खुशी हुइ.
क्युकि अगर मेने अपनी चिठ्ठी से तुमखे दुख दियो, पर ओका से पछतातो नी जसो कि पैयले पछतातो थो क्युकि मी देखुस हइ, कि ओका चिठ्ठी से तुमखे शोक तो हुयो पर उ थोडी का लिये थो. अब मी खुशी करुस हइ पर येका लिये नी कि तुमखे दुख पहुच्यो क्युकी येका लिये कि तुम ने ओका दुख करण मन फिराव, क्युकि तुमारो दुख परमेश्‍वर कि इच्छा का जसो थो, कि हमारा तरफ से तुमखे कोय बात मे नुकसान नी पहुचनु. 10 क्युकि परमेश्वर ने लायो हुयो दुख असो पश्चाताप पइदा करस हइ. जेको परिणाम उध्दार हइ अरु फिर ओकासे पछतानु नी पडे पर संसारीक दुख मरन पइदा करस हइ. 11 आखरी देखनु, या बात से कि तुमखे परमेश्‍वर का तरफ से आयो हुयो दुख. तुम मे केत्तो उत्सुकता की इच्छाखे अन्याय को डर अरु घुस्सा का आस्था अरु शिक्षा लेन को बिचार पइदा हुयो? तुम ने सब प्रकार से यो सिद्ध करी खे दिखायो कि तुम या बात मे नीर्दोष होनु.
12 फिर मेने जो तुमारा पास लिख्यो थो, उ नी ते ओका कारण लिख्यो का जे ने अन्याय कर्यो, अरु नी ओका कारण जेका पर अन्याय कर्यो गयो, पर येका लिये कि तुमारी उसुक्ता जो हमारा लिये हइ, उ परमेश्‍वर का सामने तुम पर प्रगट हुइ जाये. 13 येका लिये हमखे मदत मीली. अरु हमारी या मदत का साथ तीतुस का खुशीकरण अरु भी खुशी हुइ क्युकि ओको जी तुम सब का कारण हरो भरो हुय गयो हइ. 14 क्युकि अगर मेने ओका सामने तुमारा बारे मे कुछ घमण्ड दिखायो, ते लज्जित नी हुयो, पर जसो हमने तुम से सब बातहोन सच्ची-सच्ची बोली दी थीं, ओसो ही हमारो घमण्ड दिखानु तीतुस का सामने भी सच नीकल्यो. 15 जब ओखे तुम सब का आज्ञाकारी होना को याद आस हइ, कि कसा तुम ने डरते अरु कापते हुये ओकासे मीलन कर्यो. ते ओको प्रेम तुमारा तरफ अरु भी बडतो जास हइ. 16 मी करुस हइ, कि तुमारा तरफ से मेखे हर बात मे भरोसो होस हइ कि मी खुश हइ.