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बैतनीय्याह मे यीशु को अभिषेक 
 (मत्ती 26:6-13; मरकुस 14:3-9)  
 1 फिर यीशु फसह तिवार से छे दिन पैयले बैतनीय्याह मे आयो, झा लाजर थो. जेखे यीशु ने मर्या हुया मे से जिन्दो लायो थो.   2 व्हा उनने ओका लिये खानो तैयार कर्यो, अरु मार्था सेवा करी र्हि थी, अरु लाजर उनमे से एक थो, जो ओका साथ खानो खान का लिये बठ्या था.   3 तब मरियम ने जटामासी को आधो सेर बहुमूल्य अत्रर लीखे यीशु का पाय पर डाल्यो, अरु अपना बालहोन से ओका पाय पोछ्या, अरु अत्रर की सुगध से घर सुगन्धित हूइ गयो.   4 पर ओका सेवक होन मे से यहूदा इस्करियोती नाम एक चेलो जो ओखे पकडान पर थो, बोलन लग्यो,   5 “यो अत्रर तीन सौ सिक्का, मे बेचीखे गरीबहोन खे क्यु नी दिया गयो?”   6 ओने या बात येका लिए नी बोली, कि ओखे गरीबहोन की चिन्ता थी का पर येका लिए कि उ चोर थो अरु ओका पास उनकी थैली र्हेती थी, अरु ओमे जो कुछ डाल्या जातो थो काउ नीकाली लेतो थो.    
 7 यीशु ने बोल्यो, “ओखे मरा गाड्या जान का दिन का लिये र्हेन दे.   8 क्युकी गरीब तो तुमारा साथ हमेशा र्हेस हइ, पर मी तुमारा साथ हमेशा नी र्हियु.”   
लाजर खे मारी डालन को नीर्णय 
  9 यहूदीयाहोन मे से साधारण दुन्या जानी गया, कि उ व्हा हइ, अरु वे नी फक्त यीशु का कारण आया पर येका लिए भी कि लाजर खे देख्ये का जेखे ओने मऱ्या हुया मे से जिन्दो थो.   10 तब मुखियो याजकहोन ने लाजर खे भी मारी डालन की सम्मति करी.   11 क्युकी ओका कारण भोत सा यहूदीया चली गया, अरु यीशु पर विश्वास कर्यो.   
यीशु को यरुशलेम मे विजय-प्रवेश 
 (मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; लूका 19:28-40)  
 12 दूसरा दिन भोत सा दुन्याहोन ने जो त्योहार मे आया था, यो सुनीखे, कि यीशु यरुशलेम मे अय र्हो हइ.   13 उनने खारीक की डालिहोन ली, अरु ओकासे मीलन खे नीकल्या, अरु फुकारन लग्या, “होशन्ना! धन्य इस्राएल को राजो, जो प्रभु, नाम से आस हइ.”   
 14 जब यीशु खे एक गधी को बच्चो मील्यो, ते उ ओका पर बठ्यो, जसो लिख्यो हइ,   
 15 “हे सिय्योन की बेटी,  
मत डर.  
देख, तरो राजो गधी का बच्चा पर चड्यो हुयो चल्यो आस हइ.”   
 16 ओका सेवक या बातहोन पैयले नी समझ्या था. पर जब यीशु की महिमा प्रगट हुइ, ते उनखे याद आयो, कि या बातहोन ओका बारे मे लिखी हुइ थी. अरु दुन्याहोन ने ओकासे यो प्रकार को व्यव्हार कर्यो थो.   
 17 तब गर्दी का दुन्याहोन ने जो उ टेम ओका साथ था या गवइ दी कि ओने लाजर खे कब्र मे से बुलैइ खे, मऱ्या हुया मे से जिन्दो थो.   18 यो कारण इन्सानहोन ओकासे दान करण खे आया था क्युकी उनने सुन्यो थो, कि ओने यो आश्चर्यकर्म दिखायो हइ.   19 तब फरीसीहोन ने आपस मे बोल्यो, “सोचनु की तुम इन्सान कुछ नी करी र्हा हइ. देखनु, जगत ओका पीछे हुइ चल्यो हइ.”   
यीशु अरु यूनानी 
  20 जो इन्सान उ त्योहार मे आराधना करण आया था उनमे से कइ यूनानी था.   21 उनने गलील का बैतसैदा का र्हेनआला फिलिप्पुस का पास अयखे स्वामी से प्रार्थना करी, “श्रीमान हम यीशु से दान करणो चाहस हइ.”   
 22 फिलिप्पुस ने अयखे अन्द्रियास से बोल्यो. तब अन्द्रियास अरु फिलिप्पुस ने यीशु से बोल्यो.   23 येका पर यीशु ने उनसे बोल्यो, “ वा टेम अय गइ हइ, कि इन्सान का बेटा कि महिमा हुये.   24 मी तुम से सच्ची-सच्ची बोलुस हइ, कि जब तक गहु का दानो जमीन मे गीरी खे मरी नी जाय, उ एकलो र्हेस हइ पर जब मरी जास हइ, ते भोत फल लास हइ.   25 जो अपनो जान खे प्रेम जानस हइ, उ ओखे गमइ देस हइ. अरु जो यो जगत मे अपना जान खे अप्रिय जानस हइ. उ अनन्त जिवन का लिये ओकी रक्षा कर्ये.   26 अगर कोय मरी सेवा कर्ये ते मरा पीछे अय जा. अरु झा मी हइ व्हा मरो सेवक भी हुये. अगर कोय मरी सेवा कर्ये ते बाप ओको आदर कर्ये.   
अपना मरना का बारे मे भविष्यद्वाणी 
  27 “अब मरी आत्मा अरु मन से व्याकुल हइ, येका लिए अब मी का बोलु ‘हे बाप का मेखे या टेम से बचा?’ पर मी यो करण से तो मी ह्यातक पहुच्योस हइ.   28 हे बाप अपना नाम की महिमा कर,”  
तब या आकाशवाणी हुइ, “मेने ओकी महीमा करी हइ, अरु फिर भी कर्यु.”   
 29 तब जो इन्सान खडा हुया सुनी र्हा था, उनने बोल्यो. कि बद्दल गरज्यो का दुसरा ने बोल्यो, “कोय स्वर्गदूत ओकासे बोल्हे.”   
 30 येका पर यीशु ने बोल्यो का “यो आवाज मरा लिये नी पर तुमारा लिये आयो हइ.   31 अब यो जगत को न्याय होस हइ, अब यो जगत को मुखियो नीकाली दियो जाये.   32 अरु मी अगर पृथ्वी पर से उचो पर चढायो जाये ते सब खे अपना पास खीच्यु.”   33 असो बोलीखे ओने यो प्रगट करी दियो, कि उ कसी मृत्यु से मर्ये.   
 34 येका पर दुन्याहोन ने ओकासे बोल्यो, “हमने व्यवस्था की या बात सुनइ हइ, कि मसीह कभी भी र्हिये का फिर तू का बोलस हइ, कि इन्सान का बेटा खे उचा पर चडायो जानो जरुरत हइ? यो इन्सान को बेटो कोन हइ?”   
 35 यीशु ने उनसे बोल्यो, “ज्योति अब थोड़ी देर तक तुमारा बीच मे हइ, जब तक ज्योति तुमारा साथ हइ तब तक चल्यो चलनु. असो नी हो कि अधारो तुमखे अय घेर्यो. जो अंधारा मे चलस हइ उ नी जाने कि किधर जास हइ   36 जब तक ज्योति तुमारा साथ हइ, ज्योति पर विश्वास करणु कि तुम ज्योति का सन्तान बननु” या बातहोन बोलीखे यीशु चली गयो अरु उनसे लुक्यो र्हियो.   
भविष्यवाणिहोन को पूरो होनो 
  37 अरु ओने उनका सामने इत्ता चिन्ह दिखाया, ते भी उनने ओका पर विश्वास नी कर्यो.   38 ताकि यशायाह भविष्यव्दक्ता को वचन पूरो हुये जो ओने बोल्यो:  
“हे प्रभु, हमारा समाचार पर कोय ने विश्वास कर्यो हइ?  
अरु प्रभु को बाहुबल को पर प्रकट हुयो?”   
 39 यो कारण वे विश्वास नी करी सक्या, क्युकी यशायाह ने यो भी बोल्यो हइ   
 40 “ओने उनकी आख अंधी,  
अरु उनको मन कठोर कर्यो हइ.  
कही असो नी हो, कि आखहोन से देख्ये का  
अरु मन से समझ्येका  
अरु फिर्ये, अरु मी उनखे अच्छो कर्यु.”   
 41 यशायाह ने या बातहोन येका लिए बोली, कि ओने ओकी महिमा देखी. अरु ओने ओका बारे मे बातहोन करी.   42 ते भी मुखियोहोन मे से भी भोत जन ने ओका पर विश्वास कर्यो, पर फरीसीहोन का कारण प्रगट मे नी मानता था, असो नी हो कि आराधनालय मे से नीकाली जाये   43 क्युकी इन्सानहोन की प्रशसा उनखे परमेश्वर की प्रशसा से जादा प्रिय लगती थी.   
उजाला मे चलनो 
  44 यीशु ने पुकारी खे बोल्यो, “जो मरा पर विश्वास करस हइ, उ मरा पर नी, क्युकी मरा भेजनआला पर विश्वास करस हइ.   45 अरु जो मेखे देखस हइ, उ मरा भेजनआला खे देखस हइ.   46 मी जगत मे उजालो हुइखे आयो हइ ताकि जो कोय मरा पर विश्वास कर्येका उ अंधारा मे नी र्हे.   47 अगर कोय मरी बातहोन सुनीखे नी माने, ते मी ओखे दोषी नी ठैरास, क्युकी मी जगत खे दोषी ठैरान का लिये नी, पर जगत को उध्दार करण का लिये आयो हइ.   48 जो मेखे तुच्छ जानस हइ अरु मरी बातहोन खे अपनाय नी ओखे दोषी ठैरानआला तो एक हइ यानेकी जो वचन मेने बोल्यो हइ, उ अन्नत दिन मे ओखे दोषी ठैइराये.   49 क्युकी मेने अपना तरफ से बातहोन नी करी, पर बाप जेने मेखे भेज्यो हइ ओ ने मेखे आज्ञा दी हइ, कि का का बोलु अरु का का बतवु?   50 अरु मी जानुस हइ, कि ओकी आज्ञा अनन्त जिवन हइ येका लिए मी जो बोलुस हइ, उ जसो बाप ने मरासे बोल्यो हइ ओसो मी बोलस हइ.”