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परमेश्वर अरु ओका चुन्यो हुया दुन्या
मी मसीह मे सच्ची बोलस हय, मी झुटी नी बोली रोस अरु मरो विवेक भी पवित्र आत्मा मे गवय देस हइ की मेखे बडो शोक अरु दर्द हइ, अरु मरो मन कभी भी दुखी रोस हइ, क्युकी मी ह्या तक चातो थो की अपना भैइ का लिये जो आंग का भाव से मरा कुटुम्बी हइ, परमेश्वर से श्रापित अरु मसीह से अलग हुये जाए. वे इस्त्राएलि हइ, अरु परमेश्वर से सन्तान अधिकार अरु महिमा अरु वाचा अरु व्यवस्था अरु उपास अरु प्रतीज्ञा ओने करी हइ. बुजुरुख भी ओका ही हइ, अरु मसीह भी आंग का भाव से ओका मेसे हुयो. सब का उपर परम परमेश्वर राज्य करस पिडमपिडि धन्य होस. आमीन.
पन यो नी की परमेश्वर को वचन नीकली गयो, येकालिये की जो इस्राएल का कुल हइ, वे सब इस्राएली नी. अरु नी अब्राहम का कुल होन का कारन सब ओका बेटा रख्यो, “पन लिख्यो हइ इसहाक का वजेसे तरो कुल बोलस.” अगर आंग को बेटो परमेश्वर को बेटो नी पन प्रतीज्ञा को बेटो कुल गिन्यो जास हइ. क्युकि प्रतीज्ञा को वचन यो हइ “मी उचित टेम का अनुसार आयु अरु सारा को बेटो हुयु.” 10 अरु फक्त यो नी, पन जब रिबका भी एक से अगर हमारो बाप इसहाक से दो बेटा हुया, 11 अरु अभी तक नी ते बच्चा पइदा हुयो यो थो, अरु कुच्छ अच्छो या बुरो कर्‍यो थो, येकालिये परमेश्वर की मनसा जो ओका चुनी लेना का अनुसार हइ, करम का कारन नी, पन बुलान वाला पर बनी र्‍हे 12 या बात परमेश्वर ने जन्म से पैयले अरु ओका कुछ भलो बुरो बोलन का पैयले बोली ते परमेश्वर की पसन्द ओकी बुलाहट पर नीर्बल हइ नी की वे दोय ने का कऱ्यो ओका पर ओने बोल्यो, “बडा छोटा को सेवक हुए.” 13 जसो शास्त्र मे लिख्यो हइ, “मे ने याकूब से प्रेम कऱ्यो, पन एसाव खे प्रिय जान्यो हइ.”
14 येकालिये हम का बोला? का परमेश्वर का यो बुरो हइ? कभी नी. 15 क्युकी उ मूसा से बोलस हइ, “अरु जेका पर दया करणो चास ओका पर दया कऱ्यु, अरु जो कोय पर कृपा करणु चास ओका पर कृपा करणु” 16 येकालिये यो नी ते चानआला की, नी मैहनत करणवाला की पन दया करणआलो परमेश्वर पर नीर्भर हइ. 17 क्युकी पवित्रशास्त्र मे फिरौन से बोल्यो गयो, “मे ने तोखे येका लिये खडो कऱ्यो हइ की तरा मे अपनो सामर्थ्य बतायु, अरु मरो नाम को प्रचार सब पृथ्वी पर हुये.” 18 येकालिये उ जेका पर चास हइ ओका पर दया करस हइ, अरु जेखे चास हइ ओको खतना करी देस हइ.
परमेश्वर की घुसा अरु ओकी दया
19 आखरी तु मरा से बोल्हे, “परमेश्वर फिर का दोष लगास हइ? कोन ओकि इच्छा को सामनो करस हइ?” 20 हे इंन्सान, अच्छो तू कोन हइ जो परमेश्वर को सामनो करस हइ? का गाड्यो हुयो सामन गडनवाली से बोली सकस हइ, “तो ने मेखे असो का बनायो हइ?” 21 का कुमार खे यो अधिकार नी कि उ मट्टी को एक ही लोंदा से एक बर्तन विशिष्ट प्रयोजन का लिये बनायो अरु दुसरा बर्तन साधाराण प्रयोजन का लिये.
22 कि परमेश्वर ने अपनी घुस्सा बतानो अरु अपनी सामर्थ्य प्रगट करण की इच्छा से घुस्सा का बर्तन पर जो विनाश का लिये तैयार करी गयो थो, बडा धीरज से सही. 23 अरु दया का बर्तन पर जेने ओने महिमा का लिये पैयले से तैयार कऱ्यो, अपनी महिमा को धन खे प्रगट करण की इच्छा करी. 24 अगर हम पर जेने ओने नी फक्त गैरयहूदीहोन मे से, वरन यहूदीहोन मे से भी बुलयो. 25 जसो वावो होशे की किताब मे भी बोलस हइ,
जो मरा दुन्या नी था
ओखे मी अपना दुन्या बल्यु.
अरु जो प्रिय नी थो,
उ प्रिय बोल्यु.
26 अरु असो हुये कि जो जगा मे ओखे यो
बोली गयो थो की
तुम मरा दुन्या नी हुये,
उ जगा वे जिवन परमेश्वर का सन्तान
बोल्ये.
27 अरु यशायाह इस्राएल का बारे मे बुलैखे बोलुस हइ,
“चाये इस्राएल का बेटा का गिनस
समुद्र का रेती का बरोबर होस,
तेभी ओमे से थोडो ही बच्हे.
28 क्युकी प्रभु अपनो वचन पृथ्वी पर पुरो
करीखे,
धार्मीकता से झल्दी उ सिध्द कर्‍हे.”
29 जसो यशायाह ने पैयले भी बोलो थो,
“अगर सुन्ये प्रभु हमारा लिये कुछ
कुल नी छोलस,
ते हम सदोम का सामने हुइ जास,
अरु गमोरा का जसो ही रखस.”
इस्राएल को अविश्वास
30 आखरी हम का बोल्हे? यो का गैरयहूदीहोन नी जो धर्मीकता खे ढुडस नी धर्मीकता मील्हे की अगर उ धर्मीकता को जो विश्वास से हइ. 31 पन इस्राएल, जो धर्म कि व्यवस्था खे ढुडस उ व्यवस्था तक नी पोचे. 32 को का लिये? येकालिये कि वे विश्वास से नी, पन मानीखे कामहोन से ओखे ढुडस. करस्या ओने ओखे ठोकर का फत्थर पर ठोकर खइ, 33 जसो लिख्यो हइ,
“देख, मी सिय्योन मे एक ठोकर लगन को पत्थर,
अरु ठोकर खान की टेकडी रखस हइ,
अरु जो
ओका पर विश्वास करस उ लाजित नी हुइ.”