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1-2 “मनुष्य के पुत्र अपने उपवास के समय*अपने उपवास के समय “नगर पर तुम्हारा आक्रमण।” के बाद तुम्हें ये काम करने चाहिए। तुम्हें एक तेज तलवार लेनी चाहिए। उस तलवार का उपयोग नाई के उस्तरे की तरह करो। तुम अपने बाल और दाढ़ी उससे काट लो। बालों को तराजू में रखो और तौलो। अपने बालों को तीन बराबर भागों में बाँटों। अपने बालों का एक तिहाई भाग उस ईंट पर रखो जिस पर नगर का चित्र बना है। उस नगर में उन बालों को जलाओ। यह प्रदर्शित करता है कि कुछ लोग नगर के अन्दर मरेंगे। तब तलवार का उपयोग करो और अपने बालों के एक तिहाई को छोटे—छोटे टुकड़ों में काट डालो। उन बालों को उस नगर (ईंट) के चारों ओर रखो। यह प्रदर्शित करेगा कि कुछ लोग नगर के बाहर मरेंगे। तब अपने बालों के एक तिहाई को हवा में उड़ा दो। इन्हें हवा को दूर उड़ा ले जाने दो। यह प्रदर्शित करेगा कि मैं अपनी तलवार निकालूँगा और कुछ लोगों का पीछा करके उन्हें दूर देशों में भगा दूँगा। किन्तु तब तुम्हें जाना चाहिए और उन बालों में से कुछ को लाना चाहिए। उन बालों को लाओ, उन्हें ढको और उनकी रक्षा करो। यह प्रदर्शित करेगा कि मैं अपने लोगों में से कुछ को बचाऊँगा और तब उन उड़े हुए बालों में से कुछ और अधिक बालों को लाओ। उन बालों को आग में फेंक दो। यह प्रदर्शित करता है कि आग वहाँ शुरु होगी और इस्राएल के पूरे खानदानको जलाकर नष्ट कर देगी।”
तब मेरे स्वामी यहोवा ने मुझसे कहा, “वह ईंट यरूशलेम है, मैंने इस यरूशलेम नगर को अन्य राष्ट्रों के बीच रखा है, इस समय इस्राएल के चारों ओर अन्य देश हैं। यरूशलेम के लोगों ने मेरे आदेशों के प्रति विद्रोह किया। वे अन्य किसी भी राष्ट्र से अधिक बुरे थे! उन्होंने मेरे नियमों को उससे भी अधिक तोड़ा जितना उनके चारों ओर के किसी भी देश के लोगों ने तोड़ा। उन्होंने मेरे आदेशों को सुनने से इनकार कर दिया। उन्होंने मेरी व्यवस्था का पालन नहीं किया!”
इसलिये मेरे स्वामी यहोवा, ने कहा, “मैं तुम लोगों पर भयंकर विपत्ति लाऊँगा। क्यों क्योंकि तुमने मेरे आदेशों का पालन नहीं किया। तुम लोगों ने मेरे नियमों को अपने चारों ओर रहने वाले लोगों से भी अधिक तोड़ा! तुम लोगों ने वे काम भी किये जिन्हें वे लोग भी गलत कहते हैं!” इसलिये मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “इसलिये मैं भी तुम्हारे विरुद्ध हूँ, मैं तुम्हें इस प्रकार दण्ड दूँगा जिससे दूसरे लोग भी देख सकें। मैं तुम लोगों के साथ वह करुँगा जिसे मैंने पहले कभी नहीं किया। मैं उन भयानक कामों को फिर कभी नहीं करुँगा। क्यों क्योंकि तुमने इतने अधिक भयंकर काम किये। 10 यरूशलेम में लोग भूख से इतने तड़पेंगे कि माता—पिता अपने बच्चों को खा जाएंगें और बच्चे अपने माता—पिता को खा जाएंगे। मैं तुम्हें कई प्रकार से दण्ड दूँगा और जो लोग जीवित बचे हैं, उन्हें मैं हवा में बिखेर दूँगा।”
11 मेरे स्वामी यहोवा कहता है, “यरूशलेम, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ कि मैं तुम्हें दण्ड दूँगा! मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुम्हें दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि तुमने मेरे ‘पवित्र स्थान’ के विरुद्ध भयंकर पाप किया! तुमने वे भयानक काम किये जिन्होंने इसे गन्दा बना दिया! मैं तुम्हें दण्ड दूँगा। मैं तुम पर दया नहीं करुँगा! मैं तुम्हारे लिए दुःख का अनुभव नहीं करुँगा! 12 तुम्हारे एक तिहाई लोग नगर के भीतर रोग और भूख से मरेंगे। तुम्हारे एक तिहाई लोग युद्ध में नगर के बाहर मरेंगे और तुम्हारे लोगों के एक तिहाई को मैं अपनी तलवार निकाल कर उन का पीछा कर के उन्हें दूर देशों में खदेड़ दूँगा। 13 केवल तब मैं तुम्हारे लोगो पर क्रोधित होना बन्द करुँगा। मैं समझ लूँगा कि वे उन बुरे कामों के लिए दण्डित हुए हैं जो उन्होंने मेरे साथ किये थे और वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ और मैंने उनसे बातें उनके प्रति गहरा प्रेम होने के कारण की!”
14 परमेश्वर ने कहा, “यरूशलेम मैं तुझे नष्ट करूँगा तुम पत्थरों के ढेर के अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं रह जाओगे। तुम्हारे चारों ओर के लोग तुम्हारी हँसी उड़ाएंगे। हर एक व्यक्ति जो तुम्हारे पास से गुजरेगा, तुम्हारी हँसी उड़ाएगा। 15 तुम्हारे चारों ओर के लोग तुम्हारी हँसी उड़ाएंगे, किन्तु उनके लिए तुम एक सबक भी बनोगे। वे देखेंगे कि मैं क्रोधित था और मैंने तुमको दण्ड दिया। मैं बहुत क्रोधित था। मैंने तुम्हें चेतावनी दी थी। मुझ, यहोवा ने तुमसे कहा था कि मैं क्या करूँगा! 16 मैंने कहा था कि मैं तुम्हारे पास भयंकर भुखमरी का समय भेजूँगा। मैंने तुमसे कहा था, मैं उन चीजों को भेजूँगा जो तुमको नष्ट करेंगी और तुमसे कहा था कि मैं तुम्हारी भोजन की आपूर्ति छीन लूँगा, और वह भूखमरी का वह समय बार—बार आया। 17 मैंने तुमसे कहा था कि मैं तुझ पर भूख तथा जंगली पशु भेजूँगा, जो तुम्हारे बच्चों को मार डालेंगे। मैंने तुमसे कहा था कि पूरे नगर में रोग और मृत्यु का राज्य होगा और मैं उन शत्रु—सैनिकों को तुम्हारे विरुद्ध लड़ने के लिये लाऊँगा। मुझ यहोवा ने यह कहा था, ये सभी बातें घटित होंगी और सभी घटित हुई!”

*5:1-2: अपने उपवास के समय “नगर पर तुम्हारा आक्रमण।”