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दीपाधार
1 यहोवा ने मूसा से कहा, 2 “हारून से बात करो और उससे कहो, उन स्थानों पर सात दीपकों को रखो जिन्हें मैंने तुम्हें दिखाया था। वे दीपक दीपाधार के सामने के क्षेत्र को प्रकाशित करेंगे।”
3 हारून ने यह किया। हारून ने दीपकों को उचित स्थान पर रखा और उनका रुख ऐसा कर दिया कि उससे दीपाधार के सामने का क्षेत्र प्रकाशित हो सके। उसने मूसा को दिये गए यहोवा के आदेश का पालन किया। 4 दीपाधार सोने की पट्टियों से बना था। सोने का उपयोग आधार से आरम्भ हुआ था और ऊपर सुनहरे फूलों तक पहुँचा हुआ था। यह सब उसी प्रकार बना था जैसा कि यहोवा ने मूसा को दिखाया था।
लेबीवंशियों का समर्पण
5 यहोवा ने मूसा से कहा, 6 “लेवीवंश के लोगों को इस्राएल के अन्य लोगों से अलग ले जाओ। उन लेवीवंशी लोगों को शुद्ध करो। 7 यह तुम्हें पवित्र बनाने के लिए करना होगा। पापबलि से विशेष पानी*विशेष पानी इस पानी में लाल गायों की राख थी जिन्हें पापबलि के रूप में वेदी पर जलाया गया था। उन पर छिड़को। यह पानी उन्हें पवित्र करेगा। तब वे अपने शरीर के बाल कटवायेंगे तथा अपने कपड़ों को धोएंगे। यह उनके शरीर को शुद्ध करेगा।
8 “तब वे एक नया बैल और उसके साथ उपयोग में आने वाली अन्नबलि लेंगे। यह अन्नबलि, तेल मिला हुआ आटा होगा। तब अन्य बैल को पापबलि के रूप में लो। 9 लेवीवंश के लोगों को मिलापवाले तम्बू के सामने के क्षेत्र में लाओ। तब इस्राएल के सभी लोगों को चारों ओर से इकट्ठा करो। 10 तब तुम्हें लेवीवंश के लोगों को यहोवा के सामने लाना चाहिए और इस्राएल के लोग अपना हाथ उन पर रखेंगे।†हाथ … रखेंगे यह संकेत करता था कि लोग सम्मिलित रूप से लेवीवंश के लोगों को उनके विषेष कार्य के लिये नियुक्त करते थे। 11 तब हारून लेवीवंश के लोगों को यहोवा के सामने लाएगा वे परमेस्वर के लिए भेंट के रूप में होंगे। इस ढंग से लेवीवंश के लोग यहोवा का विशेष कार्य करने के लिए तैयार होंगे।
12 “लेवीवंश के लोगों से कहो कि वे अपना हाथ बैलों के सिर पर रखें। एक बैल यहोवा को पापबलि के रूप में होगा। दूसरा बैल यहोवा को होमबलि के रूप में काम आएगा। ये भेंटे लेवीवंश के लोगों को शुद्ध करेंगी। 13 लेवीवंश के लोगों से कहो कि वे हारून और उसके पुत्रों के सामने खड़े हों। तब यहोवा के सामने लेवीवंश के लोगों को उत्तोलन भेंट के रूप में प्रस्तुत करो। 14 यह लेवीवंश के लोगों को पवित्र बनायेगा। यह दिखायेगा कि वे परमेस्वर के लिये विशेष रीति से इस्तेमाल होंगे। वे इस्राएल के अन्य लोगों से भिन्न होंगे और लेवीवंश के लोग मेरे होंगे।
15 “इसलिए लेवीवंश के लोगों को शुद्ध करो और उन्हें यहोवा के सामने उत्तोलन के रूप में प्रस्तुत करो। जब यह पूरा हो जाए तब वे आ सकते हैं और मिलापवाले तम्बू में अपना काम कर सकते हैं। 16 ये लेवीवंशी इस्राएल के वे लोग हैं जो मुझको दिये गए हैं। मैंने उन्हें अपने लोगों के रूप में स्वीकार किया है। बीते समय में हर एक इस्राएल के परिवार में पहलौठा पुत्र मुझे दिया जाता था किन्तु मैंने लेवीवंशी के लोगों को इस्रएल के अन्य परिवारों के पहलौठे पुत्रों के स्थान पर स्वीकार किया है। 17 इस्राएल का हर पुरुष जो हर एक परिवार में पहलौठा है, मेरा है। यदि यह पुरुष या जानवर है तो भी मेरा है। मैंने मिस्र में सभी पहलौठे बच्चों और जानवरों को मार डाला था। इसलिए मैंने पहलौठे पुत्रों को अलग किया जिससे वे मेरे हो सकें। 18 अब मैंने लेवीवंशी लोगों को ले लिया है। मैंने इस्राएल के अन्य लोगों के परिवारों में पहलौठे बच्चों के स्थान पर इनको स्वीकार किया है। 19 मैंने इस्राएल के सभी लोगों में से लेवीवंश के लोगों को चुना है। मैंने उन्हें हारुन और उसके पुत्रों को इन्हें भेंट के रूप में दिया है। मैं चाहता हूँ कि वे मिलापवाले तम्बू में काम करें। वे इस्राएल के सभी लोगों के लिए सेवा करेंगे और वे उन बलिदानों को करने में सहायता करेंगे जो इस्राएल के लोगों के पापों को ढकने में सहायता करेंगी। तब कोई बड़ा रोग या कष्ट इस्राएल के लोगों को नहीं होगा जब वे पवित्र स्थान के पास आएंगे।”
20 इसलिए मूसा, हारून और इस्राएल के सभी लोगों ने यहोवा का आदेश माना। उन्होंने लेवीवंशियों के प्रति वैसा ही किया जैसा उन के प्रति करने का यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था। 21 लेवीयों ने अपने को शुद्ध किया और अपने वस्त्रों को धोया। तब हारून ने उन्हें यहोवा के सामने उत्तोलन भेंट के रूप में प्रस्तुत किया। हारून ने वे भेंटे भी चढ़ाई जिन्होंने उनके पापों को नष्ट करके उन्हें शुद्ध किया था। 22 उसके बाद लेवीवंश के लोग अपना काम करने के लिए मिलापवाले तम्बू में आए। हारून और उसके पुत्रों ने उनकी देखभाल की। वे लेवीवंश के लोगों के कार्य के लिए उत्तरदायी थे। हारून और उसके पुत्रों ने उन आदेशों का पालन किया जिन्हें यहोवा ने मूसा को दिया था।
23 यहोवा ने मूसा से कहा, 24 “लेवीवंश के लोगों के लिए यह विशेष आदेश हैः हर एक लेवीवंशी पुरुष को, जो पच्चीस वर्ष या उससे अधिक उम्र का है, अवश्य आना चाहिए और मिलापवाले तम्बू के कामों में हाथ बटाना चाहिए। 25 जब कोई व्यक्ति पचास वर्ष का हो जाए तो उसे नित्य के कामों से छुट्टी लेनी चाहिए। उसे पून: काम करने की आवश्यकता नहीं है। 26 पचास वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग मिलापावाले तम्बू में अपने भाईयों को उनके काम में सहायता दे सकते हैं। किन्तु वे लोग स्वयं काम नहीं करेंगे।उन्हें सेवा—निवृत्त होने की स्वीकृति दी जाएगी। इसलिए उस समय लेवीवंश के लोगों से यह कहना याद रखो जब तुम उन्हें उनका सेवा—कार्य सौंपो।”