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दाऊद का एक गीत। 
  1 मैं प्रेम और खरेपन के गीत गाऊँगा।  
यहोवा मैं तेरे लिये गाऊँगा।   
 2 मैं पूरी सावधानी से शुद्ध जीवन जीऊँगा।  
मैं अपने घर में शुद्ध जीवन जीऊँगा।  
हे यहोवा तू मेरे पास कब आयेगा   
 3 मैं कोई भी प्रतिमा सामने नहीं रखूँगा।  
जो लोग इस प्रकार तेरे विमुख होते हैं, मुझो उनसे घृणा है।  
मैं कभी भी ऐसा नहीं करूँगा।   
 4 मैं सच्चा रहूँगा।  
मैं बुरे काम नहीं करूँगा।   
 5 यदि कोई व्यक्ति छिपे छिपे अपने पड़ोसी के लिये दुर्वचन कहे,  
मैं उस व्यक्ति को ऐसा करने से रोकूँगा।  
मैं लोगों को अभिमानी बनने नहीं दूँगा  
और मैं उन्हें सोचने नहीं दूँगा, कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।   
 6 मैं सारे ही देश में उन लोगों पर दृष्टि रखूँगा।  
जिन पर भरोसा किया जा सकता और मैं केवल उन्हीं लोगों को अपने लिये काम करने दूँगा।  
बस केवल ऐसे लोग मेरे सेवक हो सकते जो शुद्ध जीवन जीते हैं।   
 7 मैं अपने घर में ऐसे लोगों को रहने नहीं दूँगा जो झूठ बोलते हैं।  
मैं झूठों को अपने पास भी फटकने नहीं दूँगा।   
 8 मैं उन दुष्टों को सदा ही नष्ट करूँगा, जो इस देश में रहते है।  
मै उन दुष्ट लोगों को विवश करूँगा, कि वे यहोवा के नगर को छोड़े।