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यरूशलेम को मापने का दर्शन 
  1 तब मैंने ऊपर निगाह उठाई और मैंने एक व्यक्ति को नापने की रस्सी को लिये हुए देखा।   2 मैंने उससे पूछा, “तुम कहाँ जा रहे हो”  
उसन मुझे उत्तर दिया, “यरूशलेम को नापने जा रहा हूँ, कि वह कितना लम्बा तथा कितना चौङा है।”   
 3 तब वह दूत, जो मुझसे बातें कर रहा था, चला गया और उससे बातें करने को दूसरा दूत बाहर गया।   4 उसने उससे कहा, “दौड़कर जाओ और उस युवक से कहो कि यरूशलम इतना विशाल है कि उसे नापा नहीं जा सकता। उससे यह कहो,  
‘यरूशलेम बिना चहारदीवारी का नगर होगा।  
क्यों क्योंकि वहाँ असंख्य लोग और जानवर रहेंगे।’   
 5 यहोवा कहता है,  
‘मैं उसकी चारों ओर उसकी रक्षा के लिये आग की दीवार बनूँगा,  
और उस नगर को गौरव देने के लिये वहीं रहूँगा।’ ”  
परमेश्वर अपने लोगों को घर बुलाता है 
 यहोवा कहता है,   
 6 “जल्दी करो! उत्तर देश से भाग निकलो!  
हाँ यह सत्य है कि मैंने तुम्हारे लोगों को चारों ओर बिखेरा।   
 7 सिय्योन के लोगों, तुम बाबुल में बन्दी हो।  
किन्तु अब भाग निकलो! उस नगर से भाग जाओ!”   
 8 सर्वशक्तिमान यहोवा ने मेरे बारे में यह कहा, “उसने मुझे भेजा है, जिन्होंने उन राष्ट्रों में युद्ध में तुमसे चीज़ें छीनीं!  
उसने तुझे प्रतिष्ठा देने को मुझे भेजा है।”  
किन्तु उसके बाद, यहोवा मुझे उनके विरूद्ध भेजेगा।  
क्यों? क्योंकि यदि वे तुम्हें चोट पहुँचायेंगे तो  
वह यहोवा की आँख की पुतली को चोट पहुँचाना होगा।   
 9 और मैं उन लोगों के विरूद्ध अपना हाथ उठाऊँगा  
और उनके दास उनकी सम्पत्ति लेंगे।  
तब तुम समझोगे कि सर्वशक्तिमान यहोवा ने मुझे भेजा है।   
 10 यहोवा कहता है,  
“सिय्योन, प्रसन्न हो! क्यों? क्योंकि मैं आ रहा हूँ,  
और मैं तुम्हारे नगर में रहूँगा।   
 11 उस समय अनेक राष्ट्रों के लोग  
मेरे पास आएंगे  
और वे मेरे लोग हो जायेंगे।  
मैं तुम्हारे नगर में रहूँगा  
और तुम जानोगे कि सर्वशक्तिमान यहोवा ने  
मुझे तुम्हारे पास भजा है।”   
 12 यहोवा यरूशलेम को फिर से अपना विशेष नगर चुनेगा  
और यहूदा, पवित्र—भूमि का उनका हिस्सा होगा।   
 13 सभी व्यक्ति, शान्त हो जाओ!  
यहोवा अपने पवित्र घर से बाहर आ रहा है।