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याजकों के लिये विशेष विधियाँ
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून के पुत्र जो याजक हैं उनसे कह कि तुम्हारे लोगों में से कोई भी मरे, तो उसके कारण तुम में से कोई अपने को अशुद्ध न करे; अपने निकट कुटुम्बियों, अर्थात् अपनी माता, या पिता, या बेटे, या बेटी, या भाई के लिये, या अपनी कुँवारी बहन जिसका विवाह न हुआ हो, जिनका निकट का सम्बंध है; उनके लिये वह अपने को अशुद्ध कर सकता है। पर याजक होने के नाते से वह अपने लोगों में प्रधान है, इसलिए वह अपने को ऐसा अशुद्ध न करे कि अपवित्र हो जाए। वे न तो अपने सिर मुँड़ाएँ, और न अपने गाल के बालों को मुँड़ाएँ, और न अपने शरीर चीरें। वे अपने परमेश्वर के लिये पवित्र बने रहें, और अपने परमेश्वर का नाम अपवित्र न करें; क्योंकि वे यहोवा के हव्य को जो उनके परमेश्वर का भोजन है चढ़ाया करते हैं; इस कारण वे पवित्र बने रहें। वे वेश्या या भ्रष्टा*भ्रष्टा: जिसका सतीत्व भंग हो या जो अवैध सन्तान हो को ब्याह न लें; और न त्यागी हुई को ब्याह लें; क्योंकि याजक अपने परमेश्वर के लिये पवित्र होता है। (यहे. 44:22) इसलिए तू याजक को पवित्र जानना, क्योंकि वह तुम्हारे परमेश्वर का भोजन चढ़ाया करता है; इसलिए वह तेरी दृष्टि में पवित्र ठहरे; क्योंकि मैं यहोवा, जो तुम को पवित्र करता हूँ, पवित्र हूँ। और यदि याजक की बेटी वेश्या बनकर अपने आपको अपवित्र करे, तो वह अपने पिता को अपवित्र ठहराती है; वह आग में जलाई जाए। (प्रका. 17:16, प्रका. 18:8)
10 “जो अपने भाइयों में महायाजक हो, जिसके सिर पर अभिषेक का तेल डाला गया होजिसके सिर पर अभिषेक का तेल डाला गया हो: यह महायाजक के अभिषेक का विशिष्ट चिन्ह था, कि पवित्र तेल उसके सिर पर एक ताज की तरह डाला गया था।, और जिसका पवित्र वस्त्रों को पहनने के लिये संस्कार हुआ हो, वह अपने सिर के बाल बिखरने न दे, और न अपने वस्त्र फाड़े; 11 और न वह किसी लोथ के पास जाए, और न अपने पिता या माता के कारण अपने को अशुद्ध करे; 12 और वह पवित्रस्थान से बाहर भी न निकले, और न अपने परमेश्वर के पवित्रस्थान को अपवित्र ठहराए; क्योंकि वह अपने परमेश्वर के अभिषेक का तेलरूपी मुकुट धारण किए हुए है; मैं यहोवा हूँ। 13 और वह कुँवारी स्त्री को ब्याहे। 14 जो विधवा, या त्यागी हुई, या भ्रष्ट, या वेश्या हो, ऐसी किसी से वह विवाह न करे, वह अपने ही लोगों के बीच में की किसी कुँवारी कन्या से विवाह करे। 15 और वह अपनी सन्तान को अपने लोगों में अपवित्र न करे; क्योंकि मैं उसका पवित्र करनेवाला यहोवा हूँ।”
शारीरिक दोष और याजक
16 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 17 “हारून से कह कि तेरे वंश की पीढ़ी-पीढ़ी में जिस किसी के कोई भी शारीरिक दोष हो वह अपने परमेश्वर का भोजन चढ़ाने के लिये समीप न आए। 18 कोई क्यों न हो, जिसमें दोष हो, वह समीप न आए, चाहे वह अंधा हो, चाहे लँगड़ा, चाहे नकचपटा हो, चाहे उसके कुछ अधिक अंग हों, (लैव्य. 22:19-25, लैव्य. 22:23) 19 या उसका पाँव, या हाथ टूटा हो, 20 या वह कुबड़ा, या बौनाबौना: कद में बहुत छोटा। हो, या उसकी आँख में दोष हो, या उस मनुष्य के चाईं या खुजली हो, या उसके अण्ड पिचके हों; 21 हारून याजक के वंश में से जिस किसी में कोई भी शारीरिक दोष हो, वह यहोवा के हव्य चढ़ाने के लिये समीप न आए; वह जो दोषयुक्त है कभी भी अपने परमेश्वर का भोजन चढ़ाने के लिये समीप न आए। 22 वह अपने परमेश्वर के पवित्र और परमपवित्र दोनों प्रकार के भोजन को खाए, 23 परन्तु उसके दोष के कारण वह न तो बीचवाले पर्दे के भीतर आए और न वेदी के समीप, जिससे ऐसा न हो कि वह मेरे पवित्रस्थानों§पवित्रस्थानों: यह जगह विशेष रूप से पवित्र है, जिसमें परमपवित्र स्थान, पवित्रस्थान और वेदी शामिल है। को अपवित्र करे; क्योंकि मैं उनका पवित्र करनेवाला यहोवा हूँ।” (लैव्य. 16:2, लैव्य. 21:12) 24 इसलिए मूसा ने हारून और उसके पुत्रों को तथा सब इस्राएलियों को यह बातें कह सुनाईं।

*21:7 भ्रष्टा: जिसका सतीत्व भंग हो या जो अवैध सन्तान हो

21:10 जिसके सिर पर अभिषेक का तेल डाला गया हो: यह महायाजक के अभिषेक का विशिष्ट चिन्ह था, कि पवित्र तेल उसके सिर पर एक ताज की तरह डाला गया था।

21:20 बौना: कद में बहुत छोटा।

§21:23 पवित्रस्थानों: यह जगह विशेष रूप से पवित्र है, जिसमें परमपवित्र स्थान, पवित्रस्थान और वेदी शामिल है।