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अनर्थकारियों से संरक्षण
प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
1 हे परमेश्वर, जब मैं तेरी दुहाई दूँ, तब मेरी सुन;
शत्रु के उपजाए हुए भय के समय मेरे प्राण की रक्षा कर।
2 कुकर्मियों की गोष्ठी से,
और अनर्थकारियों के हुल्लड़ से मेरी आड़ हो।
3 उन्होंने अपनी जीभ को तलवार के समान तेज किया है,
और अपने कड़वे वचनों के तीरों को चढ़ाया है;
4 ताकि छिपकर खरे मनुष्य को मारें;
वे निडर होकर उसको अचानक मारते भी हैं।
5 वे बुरे काम करने को हियाव बाँधते हैं;
वे फंदे लगाने के विषय बातचीत करते हैं;
और कहते हैं, “हमको कौन देखेगा?”
6 वे कुटिलता की युक्ति निकालते हैं;
और कहते हैं, “हमने पक्की युक्ति खोजकर निकाली है।”
क्योंकि मनुष्य के मन और हृदय के विचार गहरे है।
7 परन्तु परमेश्वर उन पर तीर चलाएगा*परन्तु परमेश्वर उन पर तीर चलाएगा: मनुष्यों पर तीर चलाने का उनका उद्देश्य है परन्तु इससे पहले कि वे सक्षम हों परमेश्वर उन पर अपने तीर चलाएगा। ;
वे अचानक घायल हो जाएँगे।
8 वे अपने ही वचनों के कारण ठोकर खाकर गिर पड़ेंगे;
जितने उन पर दृष्टि करेंगे वे सब अपने-अपने सिर हिलाएँगे
9 तब सारे लोग डर जाएँगे†तब सारे लोग डर जाएँगे: दुष्ट को जब न्याय समेत दण्ड मिलेगा तब सब मनुष्य परमेश्वर का आदर करना सीख लेंगे और ऐसे सामर्थी परमेश्वर का भय मानेंगे। ;
और परमेश्वर के कामों का बखान करेंगे,
और उसके कार्यक्रम को भली भाँति समझेंगे।
10 धर्मी तो यहोवा के कारण आनन्दित होकर उसका शरणागत होगा,
और सब सीधे मनवाले बड़ाई करेंगे।