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परमेश्वर अपने लोगों का रक्षक
दाऊद की यात्रा का गीत
1 इस्राएल यह कहे,
कि यदि हमारी ओर यहोवा न होता,
2 यदि यहोवा उस समय हमारी ओर न होता
जब मनुष्यों ने हम पर चढ़ाई की,
3 तो वे हमको उसी समय जीवित निगल जाते*वे हमको उसी समय जीवित निगल जाते: अर्थात्, वे ऐसे नष्ट हो जाते जैसे निगल लिए गए हों अर्थात् सम्पूर्ण विनाश हो जाता। ,
जब उनका क्रोध हम पर भड़का था,
4 हम उसी समय जल में डूब जाते
और धारा में बह जाते;
5 उमड़ते जल में हम उसी समय ही बह जाते।
6 धन्य है यहोवा,
जिसने हमको उनके दाँतों तले जाने न दिया!
7 हमारा जीव पक्षी के समान चिड़ीमार के जाल से छूट गया†चिड़ीमार के जाल से छूट गया: ऐसा प्रतीत होता है कि शत्रु ने हमें पूर्णतः अपनी शक्ति के अधीन किया हुआ है परन्तु हम ऐसे बच गए जैसे पक्षी जाल टूटने पर बच जाता है। ;
जाल फट गया और हम बच निकले!
8 यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है,
हमारी सहायता उसी के नाम से होती है।