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मिस्र के लिये विलापगीत 
  1 याहवेह का वचन मेरे पास आया:   2 “हे मनुष्य के पुत्र, भविष्यवाणी करो और कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:  
“ ‘विलाप करो और कहो,  
“हाय! उस दिन के लिये!”   
 3 क्योंकि वह दिन निकट है,  
याहवेह का दिन निकट है—  
बादलों का एक दिन होगा,  
जाति-जाति के लोगों के लिये दंड का दिन होगा.   
 4 मिस्र के विरुद्ध एक तलवार उठेगी,  
और कूश*कूश नील नदी का ऊपरी क्षेत्र, पद 5 और 9 में भी पर पीड़ा का समय आएगा.  
जब मिस्र में हत्यायें होंगी,  
तब उसकी धन-संपत्ति ले ली जाएगी,  
और उसकी नीवें ध्वस्त कर दी जाएंगी.   
 5 कूश और पूट, लूद और पूरा अरब, लिबिया और वाचा बांधे हुए देश के लोग मिस्र के साथ तलवार से मारे जाएंगे.   
 6 “ ‘याहवेह का यह कहना है:  
“ ‘मिस्र के मित्र देश नाश हो जाएंगे  
और उसका अहंकार से भरा बल चूर-चूर हो जाएगा.  
मिगदोल से लेकर सेवेनेह तक  
वे उसके अंदर ही तलवार से मारे जाएंगे,  
परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.   
 7 वे निर्जन देशों के बीच  
निर्जन हो जाएंगे,  
और ध्वस्त शहरों के बीच  
उनके शहर ध्वस्त पड़े रहेंगे.   
 8 जब मैं मिस्र में आग लगाऊंगा,  
और उसके सारे सहायक कुचले जाएंगे,  
तब वे जानेंगे कि मैं ही याहवेह हूं.   
 9 “ ‘उस दिन संदेशवाहक अपने को सुरक्षित समझते हुए मेरे पास से कूश को डराने के लिये पानी जहाजों में जाएंगे. मिस्र के विनाश के दिन वे पीड़ा से भर जाएंगे, क्योंकि इसका होना निश्चित है.   
 10 “ ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:  
“ ‘मैं बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के द्वारा  
मिस्र के उपद्रवी लोगों का अंत कर दूंगा.   
 11 नबूकदनेज्ज़र और उसकी सेना को, जो सारे राष्ट्रों में सबसे क्रूर हैं—  
देश को नाश करने के लिये लायी जाएगी.  
वे मिस्र पर तलवार चलाएंगे  
और देश को हत्या किए हुए लोगों से भर देंगे.   
 12 मैं नील नदी का पानी सुखा दूंगा  
और देश एक दुष्ट जाति के हाथ बेच दूंगा;  
विदेशियों के द्वारा  
मैं देश और इसमें की सब चीज़ों को उजाड़ दूंगा.  
मैं, याहवेह ने यह कहा है.   
 13 “ ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:  
“ ‘मैं मूर्तियों को नष्ट कर दूंगा  
और मैमफिस की आकृतियां का अस्तित्व मिटा दूंगा.  
मिस्र देश में कोई भी राजकुमार न होगा,  
ओर मैं पूरे मिस्र में डर फैला दूंगा.   
 14 मैं ऊपरी मिस्र को उजाड़ दूंगा,  
ज़ोअन नगर को आग लगा दूंगा  
तथा थेबेस नगर को दंड दूंगा.   
 15 सिन पर, जो मिस्र का दृढ़ नगर है,  
मेरा कोप भड़केगा,  
और मैं थेबेस नगर के उपद्रवी लोगों को नष्ट कर दूंगा.   
 16 मैं मिस्र पर आग लगा दूंगा;  
सिन पीड़ा में तड़पेगा.  
थेबेस नगर आंधी में उड़ जाएगा;  
मैमफिस नगर लगातार कष्ट में रहेगा.   
 17 ओन तथा पी-बेसेथ नगर के युवा  
तलवार से मारे जाएंगे,  
और ये शहर बंधुआई में चले जाएंगे.   
 18 जब मैं मिस्र के जूआ को तोड़ूंगा,  
तब ताहपनहेस नगर में दिन में ही अंधकार हो जाएगा;  
तब उसके घमंड से भरे बल का अंत हो जाएगा.  
वह बादलों से ढंक जाएगा,  
और उसके गांव बंधुआई में चले जाएंगे.   
 19 इस प्रकार मैं मिस्र को दंड दूंगा,  
और वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.’ ”   
फ़रोह की भुजाएं तोड़ दी जाती हैं 
  20 ग्यारहवें वर्ष के, पहले माह के सातवें दिन, याहवेह का वचन मेरे पास आया:   21 “हे मनुष्य के पुत्र, मैंने मिस्र के राजा फ़रोह की भुजा को तोड़ दिया है. उसके उपचार के लिए उसे बांधा नहीं गया है या उस पर पट्टी नहीं बांदी है कि वह मजबूत होकर तलवार पकड़ सके.   22 इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं मिस्र के राजा फ़रोह के विरुद्ध हूं. मैं उसके दोनों भुजाओं को तोड़ दूंगा—अच्छी भुजा के साथ टूटी हुई भुजा भी, और उससे हाथ से तलवार को गिरा दूंगा.   23 मैं मिस्रियों को जनताओं के लोगों के बीच इधर-उधर फैला दूंगा और देश-देश में उन्हें तितर-बितर कर दूंगा.   24 मैं बाबेल के राजा की भुजाओं को मजबूत करूंगा और अपनी तलवार उसके हाथ में दे दूंगा, पर मैं फ़रोह की भुजाओं को तोड़ डालूंगा, और वह बाबेल के राजा के सामने ऐसे कराहेगा, जैसे एक घायल मरनेवाला व्यक्ति कराहता है.   25 मैं बाबेल के राजा की भुजाओं को मजबूत करूंगा, किंतु फ़रोह की भुजाएं पंगु हो जाएंगी. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं, जब मैं अपनी तलवार बाबेल के राजा के हाथ में दे दूंगा और वह इसका उपयोग मिस्र के विरुद्ध करेगा.   26 मैं मिस्रियों को जाति-जाति के लोगों के बीच फैला दूंगा और उन्हें देश-देश में तितर-बितर कर दूंगा. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.”