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इस्राएल प्रायश्चित न करनेवाला 
  1 “आओ, हम याहवेह की ओर लौटें.  
उसने हमें फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया है  
पर वह हमें चंगा करेंगे;  
उन्होंने हमें चोट पहुंचाई है,  
पर वही हमारे घावों पर मरहम पट्टी करेंगे.   
 2 दो दिन के बाद वह हममें सुधार लाएंगे;  
और तीसरे दिन वह हमें हमारे पूर्व स्थिति में ले आएंगे,  
ताकि हम उनकी उपस्थिति में बने रहें.   
 3 आओ, हम याहवेह को मान लें;  
आओ, हम उसको जानने के लिये यत्न करें.  
जिस प्रकार निश्चित रूप से सूर्य उदय होता है,  
उसी प्रकार वह भी निश्चित रूप से प्रगट होंगे;  
वह हमारे पास ठंड के वर्षा के समान,  
वर्षा ऋतु के बारिश के समान आएंगे, जो भूमि को सींच जाती है.”   
 4 “हे एफ्राईम, मैं तुम्हारे लिये क्या कर सकता हूं?  
हे यहूदाह, मैं तुम्हारे लिये क्या कर सकता हूं?  
तुम्हारा प्रेम सुबह के कोहरे के समान,  
बड़े सबेरे पड़नेवाले ओस के समान है, जो गायब हो जाती है.   
 5 इसलिये मैंने तुम्हें अपने भविष्यवक्ताओं के द्वारा काटकर टुकड़े-टुकड़े कर डाला,  
मैंने अपने मुंह के वचन से मार डाला है—  
तब मेरा न्याय सूर्य के समान आगे बढ़ता है.   
 6 क्योंकि मैं बलिदान से नहीं, पर दया से,  
और होमबलि की अपेक्षा से नहीं, परमेश्वर को मानने से प्रसन्न होता हूं.   
 7 आदम के जैसे, उन्होंने वाचा को तोड़ दिया है;  
उन्होंने वहां मेरे साथ विश्वासघात किया था.   
 8 गिलआद दुष्ट काम करनेवालों का एक शहर है,  
वहां खून के पद-चिन्हों के निशान हैं.   
 9 जैसे लुटेरे अपने शिकार के लिये छिपकर घात में रहते हैं,  
वैसे ही पुरोहितों के गिरोह भी करते हैं;  
वे अपनी बुरी योजनाओं को पूरा करते हुए,  
शेकेम के रास्ते पर हत्या करते हैं.   
 10 मैंने इस्राएल में एक भयावह चीज़ देखी है:  
वहां एफ्राईम को वेश्यावृत्ति के लिये दिया जाता है,  
इस्राएल अशुद्ध होता है.   
 11 “हे यहूदिया, तुम्हारे लिए  
कटनी का एक दिन ठहराया गया है.  
“जब मैं अपने लोगों के पुराने दिनों को लौटा लाऊंगा,