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राष्ट्रों के विरोध न्याय 
  1 हे राज्य,  
राज्य के लोगो, सुनो!  
सारी पृथ्वी के लोगो,  
और जो कुछ इसमें है ध्यान से सुनो!   
 2 क्योंकि याहवेह का क्रोध सब जातियों पर  
तथा उनके शत्रुओं पर है.  
उन्होंने तो इन शत्रुओं को पूरा नष्ट कर दिया है,  
उन्होंने इन शत्रुओं को वध के लिए छोड़ दिया है.   
 3 जो मर गये हैं उन्हें बाहर फेंक दिया जाएगा,  
उनके शव सड़ जायेंगे;  
तथा पर्वत उनके रक्त से गल जाएंगे.   
 4 आकाश के सभी तारे छिप जाएंगे  
तथा आकाश कागज़ की नाई लपेट दिया जाएगा;  
आकाश के तारे मुरझाई हुई  
पत्तियों के समान गिर जायेंगे.   
 5 क्योंकि स्वर्ग में मेरी तलवार पीकर तृप्त हो चुकी है;  
अब न्याय के लिए एदोम पर बरसेगी,  
उन लोगों पर जिन्हें मैंने नाश के लिए अलग कर दिया है.   
 6 याहवेह की तलवार लहू से भरी है,  
यह मेमनों तथा बकरों के रक्त  
तथा चर्बी से तृप्त हो चुकी है.  
क्योंकि याहवेह ने बोज़राह में यज्ञ बलि अर्पण आयोजित किया है  
तथा एदोम देश में एक विशाल संहार.   
 7 जंगली बैलों का भी उन्हीं के साथ संहार हो जाएगा,  
तथा पुष्ट सांड़ बछड़े के साथ वध हो जाएंगे.  
इस प्रकार उनका देश रक्त से गल जाएगा,  
तथा वहां की धूल वसायुक्त हो जाएगी.   
 8 क्योंकि याहवेह द्वारा बदला लेने का दिन तय किया गया है,  
यह ज़ियोन के हित में प्रतिफल का वर्ष होगा.   
 9 एदोम की नदियां झरने बन जायेंगी,  
तथा इसकी मिट्टी गंधक;  
तथा देश प्रज्वलित झरने हो जाएंगे!   
 10 न तो यह दिन में बुझेगी, न रात्रि में;  
इसका धुआं सदा ऊपर उठता रहेगा.  
पीढ़ी से पीढ़ी तक यह सुनसान पड़ा रहेगा;  
कोई भी इसके बाद यहां से होकर नहीं जाएगा.   
 11 हवासिल तथा साही इस पर अपना अधिकार कर लेंगे;  
यह उल्लू तथा कौवों का घर हो जाएगा.  
याहवेह इसके ऊपर निर्जनता की सीमा-निर्धारण डोर तान देंगे  
तथा रिक्तता का साहुल भी.   
 12 वहां ऐसा कोई भी नहीं जिसे वे राजा घोषित करें, वहां के ऊंचे पद वाले  
तथा उसके सब शासक किसी के योग्य नहीं हैं.   
 13 गढ़नगर के महलों पर कंटीली झाड़ियां उग जाएंगी,  
इसके नगरों में बिच्छू, पौधे तथा झाड़ बढ़ जायेंगे.  
यहां सियारों का बसेरा हो जाएगा,  
जहां शुतुरमुर्ग घर करेंगे.   
 14 वहां मरुभूमि के प्राणियों,  
तथा भेड़ियों का सम्मेलन हुआ करेगा;  
जंगली बकरे एक दूसरे को पुकारेंगे  
तथा वहां रात के जीव लेट जाएंगे.   
 15 वहां उल्लू अपना घोंसला बनाएगा तथा वहीं वह अंडे देगा,  
वहां चूज़े पैदा होंगे तथा वह उन्हें अपने पंखों की छाया में ले लेगा;  
तब वहां बाज़ भी एकत्र होंगे.   
 16 याहवेह की पुस्तक से खोज करते हुए पढ़ो:  
इनमें से एक भी न हटेगा,  
न किसी जोड़े को साथी का अभाव होगा.  
क्योंकि स्वयं याहवेह ने कहा है,  
तथा उनके आत्मा ने उन्हें एक किया है.   
 17 याहवेह ने उनके लिए पासे फेंके हैं;  
स्वयं उन्होंने डोरी द्वारा बांट दिया हैं.  
इस पर उनका हक सर्वदा बना रहेगा  
एक से दूसरी पीढ़ी तक वे इसमें निवास करते रहेंगे.