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जिद्दी इस्राएल 
  1 “हे याकोब के वंश,  
तुम जो इस्राएली कहलाते हो  
तथा जो यहूदाह की संतान हो,  
जो याहवेह के नाम की शपथ लेते हो  
जो इस्राएल के परमेश्वर की दोहाई देते हो—  
किंतु यह सब न तो सच्चाई से होता है और न धर्म से होता है—   
 2 क्योंकि वे पवित्र होने का दावा करते हैं  
वे इस्राएल के परमेश्वर पर भरोसा भी रखते हैं—  
जिनका नाम सर्वशक्तिमान याहवेह:   
 3 होनेवाली बातों को पहले ही बताया है,  
यह मेरे ही मुंह से निकली और सब सच हो गई.   
 4 इसलिये कि मुझे मालूम है कि तुम हठीले हो;  
तुम्हारी गर्दन लोहे की बनी हुई है,  
तथा तुम्हारा सिर कांस्य का बना है.   
 5 इस कारण मैंने यह बात पहले ही बता दी थी;  
उनके होने के पहले मैंने ये बता दिया था  
ताकि तुम यह न कहो कि,  
‘यह तो मेरी मूर्तियों ने किया जिसको हमने बनाया था.’   
 6 तुम सुन चुके हो; अब यह देख लो.  
क्या अब तुम इसकी घोषणा न करोगे?  
“अब मैं तुम्हें नई नई और गुप्त बातें सुनाऊंगा,  
जिन्हें तुम नहीं जानते.   
 7 इसकी रचना अभी की गई है पहले से नहीं;  
परंतु आज से पहले तुमने इसके विषय में नहीं सुना है.  
कि तुम यह कह सको कि,  
‘यह तो मुझे पहले से ही मालूम था.’   
 8 हां सच तुमने सुना नहीं, तुम्हें इसका ज्ञान तक न था;  
न तुम्हारे कान खोले गए थे क्योंकि मुझे मालूम था.  
कि तुम अवश्य धोखा दोगे;  
इस कारण गर्भ ही से तुम्हारा नाम अपराधी पड़ा है.   
 9 अपने ही नाम के कारण मैंने अपने क्रोध को रोक रखा है;  
अपनी ही महिमा के निमित्त तुम्हारे हित में मैं इसे रोके रहा,  
कि तुम मिट न जाओ.   
 10 यह देख, मैंने तुम्हें शुद्ध तो किया है, परंतु चांदी के समान मैंने तुम्हें दुःख देकर;  
जांच कर तुम्हें चुन लिया है.   
 11 अपने हित में, हां! अपने हित में, मैंने यह किया है.  
क्योंकि यह कैसे संभव हो सकता है कि मेरा नाम दूषित हो?  
अपनी महिमा किसी और को दो.   
इस्राएल की आज़ादी 
  12 “हे याकोब,  
हे मेरे बुलाये हुए इस्राएल:  
मैं वही हूं;  
मैं ही आदि और अंत हूं.   
 13 इसमें कोई संदेह नहीं कि मेरे हाथों ने पृथ्वी की नींव रखी,  
मेरे दाएं हाथ ने आकाश को बढ़ाया है;  
जब मैं कहता हूं,  
वे एक साथ खड़े हो जाते हैं.   
 14 “तुम सब मेरी बात ध्यान से सुनो:  
उनमें से कौन है, जिसने इन बातों को बताया?  
याहवेह उससे प्रेम करते हैं  
वही बाबेल के बारे में याहवेह की इच्छा पूरी करेगा;  
याहवेह का हाथ कसदियों*कसदियों बाबेल के लोग के ऊपर उठेगा.   
 15 मैंने कह दिया है;  
और मैंने उनको बुलाया है.  
मैं उसे लाया हूं,  
तथा याहवेह ही उसके काम को सफल करेंगे.   
 16 “मेरे पास आकर यह सुनो,  
“शुरू से अब तक मैंने कोई बात नहीं छुपाई;  
जिस समय ऐसा होता है, तब मैं वहां हूं.”  
और अब प्रभु याहवेह ने मुझे  
तथा अपनी आत्मा को भेज दिया है.   
 17 तुम्हें छुड़ाने वाला इस्राएल के पवित्र परमेश्वर,  
याहवेह यों कहते हैं:  
“मैं ही याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं,  
जो तुम्हें वही सिखाता हूं,  
जो तुम्हारे लिए सही है, और जिस मार्ग में तुम्हें चलना चाहिये.   
 18 यदि तुमने मेरी बातों पर मात्र ध्यान दिया होता,  
तब तो तुम्हारी शांति नदी के समान,  
और तुम्हारा धर्म सागर की लहरों के समान होता.   
 19 तुम्हारे वंश बालू के कण के समान होते,  
मेरे कारण उनके नाम न तो मिटाए न ही काटे जाएंगे.”   
 20 बाबेल से निकल जाओ,  
कसदियों के बीच से भाग जाओ!  
जय जयकार के साथ बताओ,  
“याहवेह ने अपने सेवक याकोब को छुड़ा लिया है;  
यह बात पृथ्वी के छोर तक फैलाओ.”   
 21 जब याहवेह उन्हें मरुस्थल में से लेकर आए थे, वे प्यासे नहीं हुए;  
उनके लिए याहवेह ने चट्टान से जल निकाला था;  
उन्होंने चट्टान को चीरा  
और उसमें से जल फूट पड़ा था.   
 22 “दुष्टों को कोई शांति नहीं मिलेगी,” यह याहवेह का वचन है.