स्तोत्र 8
संगीत निर्देशक के लिये. गित्तीथ*शीर्षक: शायद संगीत संबंधित एक शब्द पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र.
1 याहवेह, हमारे प्रभु,
समस्त पृथ्वी पर कितना तेजमय है आपका नाम!
स्वर्ग पर आपने
अपने वैभव को प्रदर्शित किया है.
2 आपने अपने शत्रुओं के कारण बालकों एवं शिशुओं
के मुख से अपना बल बसा लिया,
कि आपके विरोधियों तथा शत्रु का अंत हो जाए.
3 जब मैं आपकी उंगलियों,
द्वारा रचा आकाश,
चंद्रमा और नक्षत्रों को,
जिन्हें आपने यथास्थान पर स्थापित किया, देखता हूं,
4 तब मैं विचार करता हूं: मनुष्य है ही क्या, कि आप उसकी ओर ध्यान दें?
क्या विशेषता है मानव में कि आप उसके विषय में विचार भी करें?
5 आपने मनुष्य को सम्मान और वैभव का मुकुट पहनाया,
क्योंकि आपने उसे स्वर्गदूतों से थोड़ा ही कम बनाया है.
6 आपने उसे अपनी सृष्टि का प्रशासक बनाया;
आपने सभी कुछ उसके अधिकार में दे दिया:
7 भेड़-बकरी, गाय-बैल,
तथा वन्य पशु,
8 आकाश के पक्षी,
एवं समुद्र की मछलियां,
तथा समुद्री धाराओं में चलते फिरते सभी जलचर भी.
9 याहवेह, हमारे प्रभु,
समस्त पृथ्वी पर कितना तेजमय है आपका नाम!