स्तोत्र 46
संगीत निर्देशक के लिये. कोराह के पुत्रों की रचना. अलामोथ*शीर्षक: शायद संगीत संबंधित एक शब्द धुन पर आधारित. एक गीत. 
  1 परमेश्वर हमारे आश्रय-स्थल एवं शक्ति हैं,  
संकट की स्थिति में सदैव उपलब्ध सहायक.   
 2 तब हम भयभीत न होंगे, चाहे पृथ्वी विस्थापित हो जाए,  
चाहे पर्वत महासागर के गर्भ में जा पड़ें,   
 3 हां, तब भी जब समुद्र गरजना करते हुए फेन उठाने लगें  
और पर्वत इस उत्तेजना के कारण थर्रा जाएं.   
 4 परमेश्वर के नगर में एक नदी है, जिसकी जलधारा में इस नगर का उल्लास है,  
यह नगर वह पवित्र स्थान है, जहां सर्वोच्च परमेश्वर निवास करते हैं.   
 5 परमेश्वर इस नगर में निवास करते हैं, इस नगर की क्षति न होगी;  
हर एक अरुणोदय में उसके लिए परमेश्वर की सहायता मिलती रहेगी.   
 6 राष्ट्रों में खलबली मची हुई है, राज्य के लोग डगमगाने लगे;  
परमेश्वर के एक आह्वान पर, पृथ्वी पिघल जाती है.   
 7 सर्वशक्तिमान याहवेह हमारे पक्ष में हैं;  
याकोब के परमेश्वर में हमारी सुरक्षा है.   
 8 यहां आकर याहवेह के कार्यों पर विचार करो,  
पृथ्वी पर उन्होंने कैसा विध्वंस किया है.   
 9 उन्हीं के आदेश से पृथ्वी के छोर तक  
युद्ध थम जाते हैं.  
वही धनुष को भंग और भाले को टुकड़े-टुकड़े कर देते हैं;  
वह रथों को अग्नि में भस्म कर देते हैं.   
 10 परमेश्वर कहते हैं, “समस्त प्रयास छोड़कर यह समझ लो कि परमेश्वर मैं हूं;  
समस्त राष्ट्रों में मेरी महिमा होगी,  
समस्त पृथ्वी पर मेरी महिमा होगी.”   
 11 सर्वशक्तिमान याहवेह हमारे पक्ष में हैं;  
याकोब के परमेश्वर में हमारी सुरक्षा है.