स्तोत्र 126
आराधना के लिए यात्रियों का गीत.
जब याहवेह ने बंदियों को ज़ियोन लौटा लाया,
हम उन पुरुषों के समान थे, जिन्होंने स्वप्न देखा था.
हमारे मुख से हंसी छलक रही थी,
हमारी जीभ पर हर्षगान थे.
राष्ट्रों में यह बात जाहिर हो चुकी थी,
“उनके लिए याहवेह ने अद्भुत कार्य किए हैं.”
हां, याहवेह ने हमारे लिए अद्भुत कार्य किए,
हम हर्ष से भरे हुए थे.
 
याहवेह, नेगेव की नदी समान,
हमारी समृद्धि लौटा लाइए*समृद्धि लौटा लाइए अर्थात् हमारे बंदियों को ज़ियोन लौटा लाइए.
जो अश्रु बहाते हुए रोपण करते हैं,
वे हर्ष गीत गाते हुए उपज एकत्र करेंगे.
वह, जो रोते हुए बीजारोपण
के लिए बाहर निकलता है,
अपने साथ पूले लेकर
हर्ष गीत गाता हुआ लौटेगा.

*स्तोत्र 126:4 समृद्धि लौटा लाइए अर्थात् हमारे बंदियों को ज़ियोन लौटा लाइए