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येरूशलेम 
  1 उस शहर पर हाय, जो दुःख देनेवाला  
विद्रोही और गंदा है!   
 2 वह न तो किसी की बात को मानता है.  
और न ही किसी के सुझाव को स्वीकार करता है.  
वह याहवेह पर भरोसा नहीं करता,  
वह अपने परमेश्वर के पास नहीं जाता.   
 3 उसके अधिकारी उसमें  
गरजनेवाले सिंह;  
और उसके शासक संध्या के समय शिकार करनेवाले भेड़ियों के जैसे हैं,  
जो सुबह तक के लिये कुछ नहीं बचाते.   
 4 उसके भविष्यवक्ता अनैतिक हैं;  
वे विश्वासघाती लोग हैं.  
उसके पुरोहित पवित्र स्थान को अपवित्र करते हैं;  
और वे कानून को तोड़ते हैं.   
 5 याहवेह उसके बीच धर्मी हैं;  
वे कोई गलत काम नहीं करते.  
वे हर दिन प्रातः अपना न्याय प्रगट करते हैं,  
और किसी भी दिन वे असफल नहीं होते हैं,  
फिर भी अधर्मी लज्जित नहीं होते.   
येरूशलेम के लोग हठी बने रहते हैं 
  6 “मैंने जाति-जाति के लोगों को नाश किया है;  
उनके गढ़ ढहा दिये गये हैं.  
मैंने उनकी गलियों को विरान छोड़ दिया है,  
और उन गलियों से होकर कोई भी नहीं जाता.  
उनके शहर उजड़ गये हैं;  
वे त्याग दिये गये और खाली हैं.   
 7 येरूशलेम के बारे में मेरा विचार था,  
‘निश्चय ही तुम मेरा भय मानोगे  
और मेरा सुझाव स्वीकार करोगे!’  
तब उसके शरण स्थल न तो नाश किए जाते,  
और न ही मेरा कोई दंड उनके ऊपर आता.  
किंतु वे अपने सब कामों में  
और भी उत्सुकता से बुरे काम करने लगे.   
 8 इसलिये याहवेह की यह घोषणा है,  
मेरे लिये उस दिन का इंतजार करो,  
जब मैं गवाही देने के लिये खड़ा होऊंगा.  
मैंने निश्चय किया है कि मैं जाति-जाति के लोगों,  
और राज्य-राज्य के लोगों को इकट्ठा करूंगा,  
ताकि मैं उन पर अपना कोप प्रगट कर सकूं—  
मेरा पूरा भयंकर क्रोध.  
मेरी ईर्ष्या के क्रोध की आग से  
सारा संसार जलकर नष्ट हो जाएगा.   
इस्राएल के बचे भाग का संभाला जाना 
  9 “तब मैं लोगों के होंठों को शुद्ध करूंगा,  
कि वे सब याहवेह को पुकारें  
और कंधे से कंधा मिलाकर उनकी सेवा करें.   
 10 कूश की नदियों के पार से  
मेरी आराधना करनेवाले, मेरे बिखरे लोग,  
मेरे लिये भेंटें लेकर आएंगे.   
 11 हे येरूशलेम, उस दिन, तुम्हें मेरे विरुद्ध किए गये  
बुरे कामों के लिये लज्जित नहीं किया जाएगा,  
क्योंकि मैं तुम्हारे बीच से  
तुम्हारे ढीठ अहंकारी लोगों को निकाल दूंगा.  
और तुम मेरे पवित्र पहाड़ी पर  
फिर कभी घमंड न करोगे.   
 12 पर मैं तुम्हारे बीच  
सिर्फ नम्र और दीन लोगों को रहने दूंगा.  
इस्राएल के बचे हुए लोग  
याहवेह के नाम पर भरोसा करेंगे.   
 13 इस्राएल के बचे हुए लोग कोई गलत काम नहीं करेंगे;  
वे झूठ नहीं बोलेंगे.  
उनके मुंह से  
कोई छल की बात नहीं निकलेगी.  
वे खाकर आराम करेंगे  
और कोई उन्हें नहीं डराएगा.”   
 14 हे बेटी ज़ियोन, गा;  
हे इस्राएल, जय जयकार कर!  
हे बेटी येरूशलेम!  
खुश रह और अपने पूरे हृदय से आनंद मना.   
 15 याहवेह ने तुम्हारे दंड को दूर कर दिया है,  
उन्होंने तुम्हारे शत्रुओं को हटा दिया है.  
याहवेह, इस्राएल के राजा तुम्हारे साथ हैं;  
अब तुम्हें कभी कोई हानि नहीं होगी.   
 16 उस दिन  
वे येरूशलेम से कहेंगे,  
“हे ज़ियोन, मत डर;  
तुम्हारे हाथ दुर्बल न होने पाएं.   
 17 याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे साथ हैं,  
वह पराक्रमी योद्धा है, जो तुम्हें बचाता है.  
तुम उनके आनंद का विषय होगे;  
अपने प्रेम में वह तुम्हें फिर कभी नहीं डांटेंगे,  
पर तुम्हारे कारण वे गीत गाकर आनंदित होंगे.”   
 18 “जो लोग तुम्हारे ठहराये पर्वों में सम्मिलित न हो पाने के कारण खेदित रहते हैं,  
मैं उन सबको तुम्हारे बीच से हटा दूंगा,  
जो तुम्हारे लिए एक बोझ और कलंक है.   
 19 उस समय मैं उन सबसे लेखा लूंगा  
जिन्होंने तुम्हें दुःख दिया है.  
मैं लंगड़े को बचाऊंगा;  
मैं निकाले गये लोगों को इकट्ठा करूंगा.  
मैं उन्हें हर उस देश में महिमा और आदर दूंगा  
जहां उन्हें लज्जित होना पड़ा है.   
 20 उस समय मैं तुम्हें इकट्ठा करूंगा.  
उस समय मैं तुम्हें घर ले आऊंगा.  
मैं सारी पृथ्वी के लोगों के बीच  
तुम्हें आदर और महिमा दूंगा  
जब मैं तुम्हें तुम्हारी आंखों के सामने  
तुम्हारे खुशहाल जीवन को लौटा लाऊंगा,”  
याहवेह का यह कहना है.