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विस्वास करन वाला म कोट कचेरी
1 का तुम से कुई ख यी याद*हियाव हैं कि जब दूसरो ख संग झगड़ा होय हैं ते फैसला ख लाने अधर्मी को काम कर वालो हुन का पास जाहे अऊर सुध्द अदमी हुन का नजीक नी जाय हे? 2 का तुम नी जानत आय कि सुध्द लोग दुनिया को फैसला करे? एकोलाने जब तुम दुनिया को फैसला करनो हैं, ते का तुम छोटा से छोटा लड़ाई हुन को भी निर्णय करन का लायक भी नी हैं?✡दानिय्येल 7:2 3 का तुम नी जान कि हम स्वर्गदूत हुन को फैसला†न्याय करे? ते का जमाना कि बात हुन को फैसला नी करे। 4 पर तुम ख जमाना कि बात हुन का फैसला करनो होय, ते का उन्ही का बैठा हे जे कलीसिया म कुछ नी समझे जाय हे? 5 मी तुम ख लज्जा आवन का लाने यू कहूँ हैं। का सच म तुम म एक भी समझदार नी मिल हैं, जो अपनो भई हुन ख फैसला कर सके? 6 तुम म भई-भई म मुकदमा होय हैं, अऊर उ भी अविस्वास हुन का सामने।
7 पर सही म तुम म बड़ो दोस ते यू हैं कि आपस म फैसला करिये हैं, जसो अन्याय काहे नी सह हैं? पर अपनी हानि काहे नी सह हैं? 8 पर तुम ते स्वंय जुम करिये हैं अऊर हानि देवा हैं, अऊर उ भी भई हुन ख। 9 का तुम नी जान हैं कि अधर्मी को काम करन वालो अदमी परमेस्वर का राज ख अधिकारी नी होय? धोखा नी खा; नी छिनाला करन वालो (न वेस्यागामी), नी मूर्ति पूजक हुन, नी बुरो काम करन वालो, नी पुरूसगामी, 10 नी चोर, नी लोभी, नी पियक्कड़ नी गाली देन वालो नी लुट पाट करन वालो परमेस्वर का राज ख अधिकारी नी होय। 11 अऊर तुम म से कितना असो भी हता, पर तुम प्रभु यीसु मसी का नाम से अऊर हमारो परमेस्वर का आत्मा से धोए गयो अऊर सुध्द हुयो अऊर धर्मी रया।
अपनो सरीर ख परमेस्वर को लाने लगाओ
12 सब चीज मोरो लाने ठीक हैं, पर सब चीज हुन लाभ कि नी हैं, सब चीज हुन मोरो लाने ठीक हैं, पर मी कुई भी बात का बस नी होऊ। 13 कोई यू भी कहे, “अऊर खानो पेट का लाने हैं अऊर पेट खानो का लाने।” हाव पर परमेस्वर दोई ख खत्म कर दे हे। सरीर गलत काम का लाने नी, पर प्रभु को लाने हैं अऊर प्रभु सरीर को लाने। 14 परमेस्वर न अपनी सक्ति से प्रभु ख जिन्दो करिये, अऊर हम ख भी जीवित करे।
15 का तुम नी जाना कि तुमारो सरीर मसी को अंग आय? ते का म मसी को सरीर ले ख उन ख छिनाला पना हुन को जीवन बनाऊँ? कभी नी। 16 का तुम नी जिन्दगी कि जो कोई गलत काम से रह हैं, उ ओखा संग एक सरीर हो जाहे हैं? काहेकि लिखो हैं: “वी दूई एक तन होए।” 17 अऊर जो प्रभु कि भक्ति म रह हैं, उ ओखा संग एक आत्मा हो जाए हैं।
18 गलत काम से बचो रह, जितनो भी पाप अदमी करिये हैं वी जीवन का बाहर ही हैं, पर सरीर गलत काम करन वाला अपनी ही जीवन का विरोध पाप करिये हैं। 19 का तुम यू नी मालूम हैं कि तुमारो सरीर सुध्द आत्मा को मन्दिर आय, जो तुम म बसो भयो हैं अऊर तुम ख परमेस्वर कि तरफ से मिलो हैं; अऊर तुम अपनो नी हैं? 20 काहेकि तुम लोग पैसा देख ख खरीदो लियो गयो हैं, एकोलाने तुम लोग अपनो सरीर ख दुवारा परमेस्वर कि बड़ाई करे।