3
प्रार्थना करन को अनुरोध
आखीर म, अरे भैय्याहुन बहिनहुन!, तुम हमरो लाने बिनती*विनती करते रहनो कि प्रभु को वचन असो तेजी से फैले जाय अर महिमा पाय, अर सब जगा म असो फैईल जाय। जसो कि तुम इंसानहुन को बीच म भयो हैं; अर हम टेढा अर दुस्ट इंसान हुन से बच ख रैय काहेकि सभी विस्वासी नी हाय।
पर प्रभु भरोसा को लायक हैं। उ तुम इंसान हुन ख मजबुत कर ख रखेगो अर बुराई से तुमरी देखभाल कर ख रखेगो। हमका प्रभु म तुम इंसान हुन को ऊपर पुरो भरोसा हैं तुम हमरो कहेना ख माना हैं अऊर मानते भी रहे।
प्रभु तुमरो मन हुन ख परमेस्वर को प्रेम अर मसी को धीरज की तरफ अगुवाई करे।
आलस्य को खिलाप चुनोती
अरे भैय्या हुन, हम तुमका अपनो प्रभु यीसु मसी को नाम से जतऊ हैं कि तुम वी भई-बन्द हुन से अलग रहेनो, जो काम नी करा अर वा रीति रिवाज को हिसाब से नी चला, जो तुम इंसान हुन ख हम से मिली हैं। काहेकि तुम इंसान हुन खुद जाना हैं कि कसो तरीका से हमारी जसी चाल चलनो चाहिए, काहेकि हम तुमरो बीच म रहते बखत कभी आलसी नी रया, हम न कोई को यहाँ फुकट म रोटी नी खाया, बल्कि हम बड़ी महेनत से दिन-रात काम करते रया ताकि तुम इंसान हुन म से कोइ पर बोझ नी बने। असी बात नी हाय की हमका हक नी हाय, बल्कि हम तुमरो सामने एक नमूना बन ख रहे, कि तुम हमरी जसी चाल चलो। 10 काहेकि जब हम तुमरो इते हता, तब भी तुम ख हमना यू नियम दियो रहा; अदि कोई काम करनो नी चाहवा ते उ खानो भी नी चाहिए।
11 अब हमारो सुननो म आवा हैं कि तुम म से कुछ इंसान हुन आलसी को समान जिन्दगी बितावा हैं। वी खुद काम नी करा अऊर दुसरो को काम म अढंगा डाला हैं। 12 असा इंसान हुन ख हम प्रभु यीसु मसी को नाम से जता देवा हैं, अर उन से विनती करा हैं कि वी चुपचाप काम करते रैय अर खुदकी कमई की रोटी खाते रैय।
13 तुम, अरे भैय्या हुन, भलई करनो म हिम्मत मत हारनो। 14 अदि कोई हमरी या चिठ्टी म बताई वाली बात ख नी माने, ते ओपर नजर रखे अऊर ओसे नाता टोड़ ले, जसो उ अपनो सुभाव पर सरमिन्दो होय। 15 तेभी तुम ओको संग बैरी जसो बर्ताव मत करनो, बल्कि ओखा भई या बहिन को जसो समझाव।
आखरी सब्द को आसीर्वाद
16 अब प्रभु जो सान्ति को सोता आय तुम इंसान हुन ख हर बखत अर हर तरीका सान्ति तुम ख देते रैय! प्रभु तुम सब को संग म रैय!
17 मी, पोलुस, अपनो हात से यू नमस्कार लिख रयो हैं। या मोरी सब चिट्ठी हुन कि निसान हैं। मी असो ही तरीका से लिखु हैं।
18 हमरो प्रभु यीसु मसी कि किरपा तुम सब पा बनी रैय!

*3:1 विनती